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सुषमा स्वराज का उत्तराखंड से था पुराना रिश्ता, हरिद्वार के लिए किए थे कई बड़े काम

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Published : Aug 7, 2019, 9:26 AM IST

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार देर शाम दिल्ली के AIIMS में निधन हो गया. पूरा देश उनके निधन से स्तब्ध है. मात्र 25 साल की उम्र में कैबिनेट मंत्री बनने वाली सुषमा स्वराज उत्तराखंड की राजनीति में सक्रिय रहीं.

सुषमा स्वराज, Sushma Swaraj (फाइल फोटो)

देहरादून: देश की दिग्गज नेता सुषमा स्वराज का मंगलवार शाम निधन हो गया. पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन से देशभर में शोक की लहर है. सुषमा स्वराज ने 67 साल की उम्र में दिल्ली स्थित AIIMS में आखिरी सांस ली. उनके निधन से पक्ष ही नहीं बल्कि विपक्ष के लोग भी दुखी हैं. वहीं, उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट कर उनके निधन पर शोक जताया है.

सुषमा स्वराज का उत्तराखंड से भी गहरा नाता रहा है. साल 1999 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान सुषमा स्वराज ने कर्नाटक के बेल्लारी लोकसभा सीट से सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था. लेकिन उस चुनाव में सुषमा स्वराज को सोनिया गांधी ने 7 फीसदी के मार्जिन से शिकस्त दी थी. उन्होंने विदेश मंत्री रहते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का पक्ष बेहद मजबूती से रखा. कई बार विदेश में फंसे भारतीय लोगों को संकट से निकाला.

पढ़ें- मौत के चंद घंटों पहले सुषमा ने लिखा '...इसी दिन का था इंतजार'

वहीं साल 2000 में सुषमा स्वराज उत्तर प्रदेश से राज्यसभा गईं, लेकिन नवंबर 2000 में उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड बना. जिसके बाद सुषमा स्वराज को उत्तराखंड में स्थानांतरित कर दिया गया था और उस दौरान केंद्रीय मंत्रिमंडल में सुषमा स्वराज को सूचना और प्रसारण मंत्री के रूप में शामिल किया गया था. इसके बाद फिर 2003 में सुषमा स्वराज को स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और संसदीय मामलों का मंत्री बनाया गया था.

राज्यसभा सांसद रहते सुषमा स्वराज कई बार उत्तराखंड आई थीं. उन्होंने हरिद्वार में हर की पौड़ी के सौंदर्यीकरण समेत तमाम विकास कार्य कराए. उन्होंने हरिद्वार में कई जनसभाओं और पार्टी के सम्मेलन को संबोधित किया.

देहरादून: देश की दिग्गज नेता सुषमा स्वराज का मंगलवार शाम निधन हो गया. पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन से देशभर में शोक की लहर है. सुषमा स्वराज ने 67 साल की उम्र में दिल्ली स्थित AIIMS में आखिरी सांस ली. उनके निधन से पक्ष ही नहीं बल्कि विपक्ष के लोग भी दुखी हैं. वहीं, उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट कर उनके निधन पर शोक जताया है.

सुषमा स्वराज का उत्तराखंड से भी गहरा नाता रहा है. साल 1999 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान सुषमा स्वराज ने कर्नाटक के बेल्लारी लोकसभा सीट से सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था. लेकिन उस चुनाव में सुषमा स्वराज को सोनिया गांधी ने 7 फीसदी के मार्जिन से शिकस्त दी थी. उन्होंने विदेश मंत्री रहते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का पक्ष बेहद मजबूती से रखा. कई बार विदेश में फंसे भारतीय लोगों को संकट से निकाला.

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वहीं साल 2000 में सुषमा स्वराज उत्तर प्रदेश से राज्यसभा गईं, लेकिन नवंबर 2000 में उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड बना. जिसके बाद सुषमा स्वराज को उत्तराखंड में स्थानांतरित कर दिया गया था और उस दौरान केंद्रीय मंत्रिमंडल में सुषमा स्वराज को सूचना और प्रसारण मंत्री के रूप में शामिल किया गया था. इसके बाद फिर 2003 में सुषमा स्वराज को स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और संसदीय मामलों का मंत्री बनाया गया था.

राज्यसभा सांसद रहते सुषमा स्वराज कई बार उत्तराखंड आई थीं. उन्होंने हरिद्वार में हर की पौड़ी के सौंदर्यीकरण समेत तमाम विकास कार्य कराए. उन्होंने हरिद्वार में कई जनसभाओं और पार्टी के सम्मेलन को संबोधित किया.

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साल 1999 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान सुषमा स्वराज ने कर्नाटक के बेल्लारी लोकसभा सीट से कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के विरुद्ध चुनाव लड़ा था। लेकिन उस चुनाव में सुषमा स्वराज को सोनिया गांधी ने 7 फीसदी के मार्जिन से शिकाश्त दे दी थी। जिसके बाद साल 2000 में सुषमा स्वराज उत्तरप्रदेश के राज्यसभा सदस्य के रूप में संसद में वापिस आ गयी थी। लेकिन नवंबर 2000 में उत्तरप्रदेश से अलग होने एक नया उत्तराखंड राज्य बनने के बाद सुषमा स्वराज को उत्तराखंड में स्थानांतरित कर दिया गया था। और उस दौरान केंद्रीय मंत्रीमंडल में सुषमा स्वराज को सूचना और प्रसारण मंत्री के रूप में शामिल किया गया था। इसके बाद फिर 2003 में सुषमा स्वराज को स्वास्थ्य, परिवार कत्लयाम और संसदीय मामलों का मंत्री बनाया गया था।
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