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फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा: सीएम ने दिया जल्द फैसले का संकेत, परीक्षार्थियों की बढ़ी परेशानी

फॉरेस्ट गार्ड भर्ती की परीक्षा दे चुके सैकड़ों परीक्षार्थियों की चिंताएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संकेत दिए हैं कि सरकार के परामर्श के बाद जल्दी आयोग इस विषय पर निर्णायक तौर पर फैसला देगा.

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फॉरेस्ट गार्ड भर्ती
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Published : Oct 18, 2020, 2:54 PM IST

Updated : Oct 18, 2020, 6:57 PM IST

देहरादून: फॉरेस्ट गार्ड भर्ती जांच पर जल्द ही फैसला आ सकता है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संकेत दिए हैं कि सरकार के परामर्श के बाद जल्दी आयोग इस विषय पर निर्णायक तौर पर फैसला देगा, जिसके बाद फॉरेस्ट गार्ड भर्ती की परीक्षा दे चुके सैकड़ों परीक्षार्थियों की चिंताएं बढ़ गईं हैं.

छात्रों संगठन के सदस्य धीरज पाल ने ईटीवी भारत के साथ अपनी समस्याएं साझा करते हुए कहा कि तकरीबन 4 साल पहले फॉरेस्ट गार्ड की भर्ती निकली थी. जिसके बाद करीब 3 साल बाद परीक्षा हुई. कुछ गड़बड़ियों के चलते इस पर एसआईटी गठित की गई और 8 महीने बाद एसआईटी की रिपोर्ट भी आ चुकी है और दोषियों को पकड़ा भी जा चुका है. ऐसे में छात्रों का कहना है कि जो लोग इसमें दोषी पाए गए हैं, उनको बाहर का रास्ता दिखाया जाए और अन्य लोगों का निष्पक्ष रिजल्ट जारी कर दिया जाए.

पढ़ें- ऑटोमोबाइल सेक्टर में नई गाड़ियों ने पकड़ी रफ्तार, पार्ट मैन्युफैक्चरिंग का काम अभी शुरू नहीं

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने फॉरेस्ट गार्ड भर्ती जांच के बारे में कहा कि इस मामले में एसआईटी गठित की गई थी, जिसकी रिपोर्ट आ चुकी है और 31 लोगों को चिन्हित किया गया है, जिसमें से 25 से 26 लोगों पर आरोप भी सिद्ध हो चुके हैं. तो वहीं, कुछ अन्य लोगों की भी जांच होनी बाकी है. सीएम ने कहा कि सामने आए आरोपित लोगों कि अभी यह पहचान नहीं हो पाई है कि वह कहां से थे, लेकिन जल्द ही इस विषय पर आयोग अपना निर्णायक फैसला देगा. उन्होंने कहा कि सरकार के रिकमेंडेशन के बाद आयोग इस पर एक्शन लेगा.

देहरादून: फॉरेस्ट गार्ड भर्ती जांच पर जल्द ही फैसला आ सकता है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संकेत दिए हैं कि सरकार के परामर्श के बाद जल्दी आयोग इस विषय पर निर्णायक तौर पर फैसला देगा, जिसके बाद फॉरेस्ट गार्ड भर्ती की परीक्षा दे चुके सैकड़ों परीक्षार्थियों की चिंताएं बढ़ गईं हैं.

छात्रों संगठन के सदस्य धीरज पाल ने ईटीवी भारत के साथ अपनी समस्याएं साझा करते हुए कहा कि तकरीबन 4 साल पहले फॉरेस्ट गार्ड की भर्ती निकली थी. जिसके बाद करीब 3 साल बाद परीक्षा हुई. कुछ गड़बड़ियों के चलते इस पर एसआईटी गठित की गई और 8 महीने बाद एसआईटी की रिपोर्ट भी आ चुकी है और दोषियों को पकड़ा भी जा चुका है. ऐसे में छात्रों का कहना है कि जो लोग इसमें दोषी पाए गए हैं, उनको बाहर का रास्ता दिखाया जाए और अन्य लोगों का निष्पक्ष रिजल्ट जारी कर दिया जाए.

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने फॉरेस्ट गार्ड भर्ती जांच के बारे में कहा कि इस मामले में एसआईटी गठित की गई थी, जिसकी रिपोर्ट आ चुकी है और 31 लोगों को चिन्हित किया गया है, जिसमें से 25 से 26 लोगों पर आरोप भी सिद्ध हो चुके हैं. तो वहीं, कुछ अन्य लोगों की भी जांच होनी बाकी है. सीएम ने कहा कि सामने आए आरोपित लोगों कि अभी यह पहचान नहीं हो पाई है कि वह कहां से थे, लेकिन जल्द ही इस विषय पर आयोग अपना निर्णायक फैसला देगा. उन्होंने कहा कि सरकार के रिकमेंडेशन के बाद आयोग इस पर एक्शन लेगा.

Last Updated : Oct 18, 2020, 6:57 PM IST
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