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प्रकाश पंत के करीबियों को 3 महीने पहले ही पता चल गया था विधि का विधान, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दी थी जानकारी

वित्त मंत्री प्रकाश पंत की बीमारी के बारे में उनके करीबी लोगों को 3 महीने पहले ही लग गई थी भनक.

दिवंगत वित्त मंत्री प्रकाश पंत.
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Published : Jun 6, 2019, 5:18 PM IST

देहरादून: अमेरिका में बुधवार को वित्त मंत्री प्रकाश पंत का निधन हो गया. उत्तराखंड की जनता अपने प्रिय नेता को खोने से स्तब्ध है. लेकिन, उनके करीबी 3 महीने पहले ही विधि के विधान को समझ गए थे, जब उनकी मेडिकल रिपोर्ट सामने आई थी. खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को फोन पर ये जानकारी दी थी.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत.

विधानसभा के बजट सत्र का मौका था और खुद संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत सदन में बजट पेश कर रहे थे. इस दौरान वो बेसुध होकर गिर पड़े. बगल में बैठे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और अन्य मंत्रियों ने उन्हें उठाया, जिसके बाद वो फिर से बजट भाषण देने लगे. लेकिन, थोड़ी ही देर बाद फिर प्रकाश पंत चक्कर खाकर गिर पड़े.

पढ़ें- प्रकाश पंत के आखिरी शब्दों को याद कर रो पड़े CM त्रिवेंद्र सिंह रावत

करीब साढे़ 3 महीने पहले हुई इस घटना को प्रकाश पंत की शारीरिक कमजोरी के रूप में देखा जा रहा था. लेकिन, इसके बाद जब उनका मेडिकल चेकअप हुआ तो गंभीर बीमारी का पता चला, जो उनके लिए जानलेवा साबित हुई. दरअसल, प्रकाश पंत ने एम्स में चेकअप करवाया था. एम्स की रिपोर्ट आने के बाद ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को फोन कर बताया कि प्रकाश पंत को कैंसर की बीमारी है, जो काबू से बाहर है. इसी फोन कॉल से ये साबित हो गया था कि अब प्रकाश पंत ज्यादा समय के मेहमान नहीं हैं.

प्रकाश पंत की मेडिकल रिपोर्ट से यह तो तय हो चुका था कि वो एक ऐसी जानलेवा बीमारी के शिकार हो चुके हैं. फिर भी प्रकाश पंत के जीने की इच्छा शक्ति को देखकर माना जा रहा था कि वो रिकवर कर सकते हैं. आखिरी समय तक बीमारी से लड़ते हुए वो आखिरकार दुनिया को विदा कह गये.

पढ़ें- प्रकाश पंत को हल्द्वानी की इस जगह से था खास लगाव, 2017 विधानसभा चुनाव यहीं से चाहते थे लड़ना

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बताते हैं कि पहले जब वो चक्कर आने से गिर गए थे तो उस समय भी उनके सारी टेस्ट करवाये गए थे. लेकिन, परिक्षण में कोई बीमारी सामने नहीं आई. उसके कुछ समय बाद अस्पताल ने बताया कि उनको रेयर कैंसर है. एम्स में भी उनको दिखाया गया, जहां डॉक्टरों ने साफ कह दिया था कि उनकी बीमारी नियंत्रण से बाहर है.

देहरादून: अमेरिका में बुधवार को वित्त मंत्री प्रकाश पंत का निधन हो गया. उत्तराखंड की जनता अपने प्रिय नेता को खोने से स्तब्ध है. लेकिन, उनके करीबी 3 महीने पहले ही विधि के विधान को समझ गए थे, जब उनकी मेडिकल रिपोर्ट सामने आई थी. खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को फोन पर ये जानकारी दी थी.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत.

विधानसभा के बजट सत्र का मौका था और खुद संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत सदन में बजट पेश कर रहे थे. इस दौरान वो बेसुध होकर गिर पड़े. बगल में बैठे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और अन्य मंत्रियों ने उन्हें उठाया, जिसके बाद वो फिर से बजट भाषण देने लगे. लेकिन, थोड़ी ही देर बाद फिर प्रकाश पंत चक्कर खाकर गिर पड़े.

पढ़ें- प्रकाश पंत के आखिरी शब्दों को याद कर रो पड़े CM त्रिवेंद्र सिंह रावत

करीब साढे़ 3 महीने पहले हुई इस घटना को प्रकाश पंत की शारीरिक कमजोरी के रूप में देखा जा रहा था. लेकिन, इसके बाद जब उनका मेडिकल चेकअप हुआ तो गंभीर बीमारी का पता चला, जो उनके लिए जानलेवा साबित हुई. दरअसल, प्रकाश पंत ने एम्स में चेकअप करवाया था. एम्स की रिपोर्ट आने के बाद ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को फोन कर बताया कि प्रकाश पंत को कैंसर की बीमारी है, जो काबू से बाहर है. इसी फोन कॉल से ये साबित हो गया था कि अब प्रकाश पंत ज्यादा समय के मेहमान नहीं हैं.

प्रकाश पंत की मेडिकल रिपोर्ट से यह तो तय हो चुका था कि वो एक ऐसी जानलेवा बीमारी के शिकार हो चुके हैं. फिर भी प्रकाश पंत के जीने की इच्छा शक्ति को देखकर माना जा रहा था कि वो रिकवर कर सकते हैं. आखिरी समय तक बीमारी से लड़ते हुए वो आखिरकार दुनिया को विदा कह गये.

पढ़ें- प्रकाश पंत को हल्द्वानी की इस जगह से था खास लगाव, 2017 विधानसभा चुनाव यहीं से चाहते थे लड़ना

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बताते हैं कि पहले जब वो चक्कर आने से गिर गए थे तो उस समय भी उनके सारी टेस्ट करवाये गए थे. लेकिन, परिक्षण में कोई बीमारी सामने नहीं आई. उसके कुछ समय बाद अस्पताल ने बताया कि उनको रेयर कैंसर है. एम्स में भी उनको दिखाया गया, जहां डॉक्टरों ने साफ कह दिया था कि उनकी बीमारी नियंत्रण से बाहर है.

Intro:बुधवार को अमेरिका में वित्त मंत्री प्रकाश पंत का निधन हो गया.. उत्तराखंड वासी अपने प्रिय नेता को लेकर अचानक आई इस दुखद खबर से स्तब्ध है... लेकिन हकीकत में विधि के विधान को 3 महीने पहले ही उनकी मेडिकल रिपोर्ट के जरिए समझा जा चुका था और खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने प्रदेश के मुखिया को फोन पर ये जानकारी दी थी.....


Body:विधानसभा के बजट सत्र का मौका था और खुद संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत सदन में बजट पेश कर रहे थे इस दौरान पानी पीने के साथ ही वह बेसुध होकर गिर पड़े... बगल में बैठे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और बाकी मंत्रियों ने उन्हें उठाया तो वे फिर से बजट भाषण को आगे बढ़ाने लगे लेकिन थोड़ी ही देर में एक बार फिर प्रकाश पंत चक्कर खाकर गिर पड़े... करीब साढे 3 महीने पहले हुई इस घटना के बाद ही प्रकाश पंत की शारीरिक कमजोरी का पता चल पाया था और इसे एक मामूली कमजोरी के रूप में देखा जा रहा था। लेकिन इसके बाद जब उनका मेडिकल चेकअप हुआ तो उस गंभीर बीमारी का पता चल पाया जो उनके लिए जानलेवा साबित हुई। दरअसल एम्स की रिपोर्ट के फौरन बाद ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का फोन आया और उन्होंने प्रकाश पंत को हुई बेहद गंभीर बीमारी की उन्हें जानकारी दी यही नहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बीमारी को काबू से बाहर बता कर इस बात को भी जाहिर कर दिया कि अब प्रकाश पंत ज्यादा समय के मेहमान नहीं है। यानी 3 साल पहले ही प्रकाश पंत की मेडिकल रिपोर्ट से यह तय हो चुका था कि वह एक ऐसी बीमारी से ग्रसित हो चुके हैं कि अब उससे पार पाना नामुमकिन है। हालांकि इसके बाद भी प्रकाश पंत की जीने की इच्छा शक्ति के चलते उनके एक बार फिर रिकवर होने की उम्मीद लगाई जाती रही लेकिन प्रकाश पंत इस लडाई को आखिरकार हार गए। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बताते हैं कि उनकी बीमारी की बात सामने आने के बाद उनको बचाने की काफी कोशिश की गई लेकिन उनको हुई आक्रामक बीमारी के चलते यह पहले ही तय हो चुका था की विधि का विधान क्या लिखा गया है।

बाइट त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री उत्तराखंड


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