देहरादून: अमेरिका में बुधवार को वित्त मंत्री प्रकाश पंत का निधन हो गया. उत्तराखंड की जनता अपने प्रिय नेता को खोने से स्तब्ध है. लेकिन, उनके करीबी 3 महीने पहले ही विधि के विधान को समझ गए थे, जब उनकी मेडिकल रिपोर्ट सामने आई थी. खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को फोन पर ये जानकारी दी थी.
विधानसभा के बजट सत्र का मौका था और खुद संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत सदन में बजट पेश कर रहे थे. इस दौरान वो बेसुध होकर गिर पड़े. बगल में बैठे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और अन्य मंत्रियों ने उन्हें उठाया, जिसके बाद वो फिर से बजट भाषण देने लगे. लेकिन, थोड़ी ही देर बाद फिर प्रकाश पंत चक्कर खाकर गिर पड़े.
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करीब साढे़ 3 महीने पहले हुई इस घटना को प्रकाश पंत की शारीरिक कमजोरी के रूप में देखा जा रहा था. लेकिन, इसके बाद जब उनका मेडिकल चेकअप हुआ तो गंभीर बीमारी का पता चला, जो उनके लिए जानलेवा साबित हुई. दरअसल, प्रकाश पंत ने एम्स में चेकअप करवाया था. एम्स की रिपोर्ट आने के बाद ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को फोन कर बताया कि प्रकाश पंत को कैंसर की बीमारी है, जो काबू से बाहर है. इसी फोन कॉल से ये साबित हो गया था कि अब प्रकाश पंत ज्यादा समय के मेहमान नहीं हैं.
प्रकाश पंत की मेडिकल रिपोर्ट से यह तो तय हो चुका था कि वो एक ऐसी जानलेवा बीमारी के शिकार हो चुके हैं. फिर भी प्रकाश पंत के जीने की इच्छा शक्ति को देखकर माना जा रहा था कि वो रिकवर कर सकते हैं. आखिरी समय तक बीमारी से लड़ते हुए वो आखिरकार दुनिया को विदा कह गये.
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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बताते हैं कि पहले जब वो चक्कर आने से गिर गए थे तो उस समय भी उनके सारी टेस्ट करवाये गए थे. लेकिन, परिक्षण में कोई बीमारी सामने नहीं आई. उसके कुछ समय बाद अस्पताल ने बताया कि उनको रेयर कैंसर है. एम्स में भी उनको दिखाया गया, जहां डॉक्टरों ने साफ कह दिया था कि उनकी बीमारी नियंत्रण से बाहर है.