देहरादून: नेतृत्व परिवर्तन होने के बाद प्रदेश की कमान संभलाते ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अधिकारियों के पेंच कसने शुरू कर दिए थे. उन्होंने अधिकारियों को जनसमस्याओं का निस्तारण तत्काल प्रभाव से करने के निर्देश दिए थे. इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया था कि जनप्रतिनिधियों के साथ उनका व्यवहार अच्छा होना चाहिए. अब इसी क्रम में मुख्यमंत्री की तरफ से एक और आदेश जारी किया गया है. सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने कार्यालय में रोज दो घंटे तक जन समस्याओं को सुनेंगे.
मुख्य सचिव ओम प्रकाश की ओर से जारी किए गए आदेशानुसार प्रदेश के सभी मण्डलाधिकारी/ जिलाधिकारी यदि किसी क्षेत्र में भ्रमण या अन्य कार्य से मुख्यालय से बाहर नहीं हैं तो रोजाना प्रत्येक कार्य दिवस पर सुबह 9:30 से शाम 5:00 बजे तक अपने कार्यालय में उपस्थित रहेंगे. इसके साथ ही अपने इस अवधि के दौरान जनता की जन समस्याओं के निस्तारण को लेकर 1 से 2 घंटे का समय निर्धारित करेंगे. ताकि जनता की समस्याओं का निस्तारण किया जा सके.
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इसके साथ ही विधायक, मंत्री और सांसद के प्रतिनिधियों से मुलाकात के लिए सप्ताह में एक दिन निर्धारित करें. जिसकी सूचना जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध करा दी जाए. यही नहीं आदेश में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि जिन समस्याओं का का निस्तारण मण्डलायुक्त/जिलाधिकारी के स्तर से सम्भव है उनका वह तय समय के भीतर निस्तारण करेंगे. लेकिन जिनका निस्तारण उनके स्तर से सम्भव नहीं है, उन समस्याओं को अंकित कर मामले को मुख्य सचिव कार्यालय को सन्दर्भित करते हुए उसकी एक प्रति सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगौली को प्रेषित करना सुनिश्चित करेंगे. जिससे जन समस्याओं का निस्तारण तय समय पर किया जा सके.