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छावला गैंगरेपः पीड़ित परिवार से मिले CM धामी, न्याय दिलाने का दिया भरोसा

सीएम धामी ने दिल्ली में छावला गैंगरेप (Chhawla gangrape and murder) पीड़िता के परिजनों से मुलाकात की. इस दौरान सीएम धामी ने कहा उन्होंने इस मामले में केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू (Union Law Minister Kiren Rijiju) से बात की है. साथ ही इस केस को देख रही वकील से भी पूरी जानकारी ली है.

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Chhawla gangrape पीड़िता के परिजनों से मिले सीएम धामी
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Published : Nov 20, 2022, 7:18 PM IST

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी(Chief Minister Pushkar Singh Dhami) दिल्ली दौरे पर हैं. आज सीएम धामी ने दिल्ली में 2012 के छावला गैंगरेप और हत्याकांड (Chhawla gangrape and murder) की पीड़िता के माता-पिता से मुलाकात की. इस दौरान सीएम धामी ने कहा राज्य सरकार बेटी को न्याय दिलाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है. साथ ही सीएम धामी ने पीड़ित परिवार की हरसंभव मदद का भरोसा भी जताया.

बता दें छावला गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने पीड़िता के परिजनों से फोन पर भी बात की थी. साथ ही सीएम धामी ने कहा कोर्ट ने जो फैसला किया है, उस पर एडवोकेट चारू खन्ना से बात की गई है, जो इस केस को देख रही हैं. साथ ही केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू से भी बात की गई है. उन्होंने कहा कि पीड़िता प्रदेश की ही हमारे देश की बेटी है और उसे न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.

पढ़ें- Chhawla Gangrape Case: पीड़िता के पिता से उत्तराखंड सीएम ने की बात, हर संभव मदद का दिया आश्वासन

छावला गैंगरेप और हत्याकांड के आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने किया बरीः बीती 7 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में दिल्ली के छावला गैंगरेप मामले में अपना फैसला सुनाया था. शीर्ष अदालत ने तीनों आरोपी रवि, राहुल और विनोद को बरी कर दिया. अदालत ने दिल्ली हाईकोर्ट और निचली अदालत के उस फैसले को भी पलट दिया, जिसमें दोषियों के लिए फांसी की सजा सुनाई गई थी. साल 2012 में दिल्ली में उत्तराखंड की 19 वर्षीय लड़की के साथ आरोपियों पर दरिंदगी की सारी हदें पार कर उसकी हत्या करने का आरोप था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पहले अपना फैसला सुरक्षित रखा था.

पढ़ें- छावला गैंगरेप मामलाः CM धामी बोले- न्याय दिलाने के लिए करेंगे हर संभव प्रयास, त्रिवेंद्र रावत ने की ये अपील

पौड़ी की बेटी के साथ हुई थी दरिंदगीः पीड़िता पौड़ी जिले की रहने वाली थी. दिल्ली में छावला इलाके में रहती थी. रोजाना की तरह 14 फरवरी 2012 को भी वो अपने काम पर जाने के लिए घर से निकली थी, लेकिन उस दिन वो देर शाम तक घर नहीं लौटी. परिजनों ने उसकी काफी तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा. काफी खोजने के बाद इतनी सूचना जरूर मिली कि कुछ लोग एक लड़की को गाड़ी में डालकर दिल्ली से बाहर ले जाते हुए दिखाई दिए हैं.

पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की तो दो दिन बाद यानी 16 फरवरी को लड़की का शव हरियाणा में गन्ने के एक खेत में मिला था. उसके साथ जो क्रूरता की गई थी, वो दिल्ली की निर्भया से भी भयावह थी. परिजनों की मानें तो उत्तराखंड की इस बेटी को आरोपियों के किसी जानवर की तरह नोंचा गया था. उसे न सिर्फ मारा पीटा गया था, बल्कि दो दिनों तक लगातार उसके साथ गैंगरेप हुआ था. इतना ही नहीं उसकी आंखों में तेजाब डाल दिया गया था. उसके नाजुक अंगों से शराब की बोतल मिली थी. पानी गरम करके उसके शरीर को दाग दिया गया था.

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी(Chief Minister Pushkar Singh Dhami) दिल्ली दौरे पर हैं. आज सीएम धामी ने दिल्ली में 2012 के छावला गैंगरेप और हत्याकांड (Chhawla gangrape and murder) की पीड़िता के माता-पिता से मुलाकात की. इस दौरान सीएम धामी ने कहा राज्य सरकार बेटी को न्याय दिलाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है. साथ ही सीएम धामी ने पीड़ित परिवार की हरसंभव मदद का भरोसा भी जताया.

बता दें छावला गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने पीड़िता के परिजनों से फोन पर भी बात की थी. साथ ही सीएम धामी ने कहा कोर्ट ने जो फैसला किया है, उस पर एडवोकेट चारू खन्ना से बात की गई है, जो इस केस को देख रही हैं. साथ ही केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू से भी बात की गई है. उन्होंने कहा कि पीड़िता प्रदेश की ही हमारे देश की बेटी है और उसे न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.

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छावला गैंगरेप और हत्याकांड के आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने किया बरीः बीती 7 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में दिल्ली के छावला गैंगरेप मामले में अपना फैसला सुनाया था. शीर्ष अदालत ने तीनों आरोपी रवि, राहुल और विनोद को बरी कर दिया. अदालत ने दिल्ली हाईकोर्ट और निचली अदालत के उस फैसले को भी पलट दिया, जिसमें दोषियों के लिए फांसी की सजा सुनाई गई थी. साल 2012 में दिल्ली में उत्तराखंड की 19 वर्षीय लड़की के साथ आरोपियों पर दरिंदगी की सारी हदें पार कर उसकी हत्या करने का आरोप था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पहले अपना फैसला सुरक्षित रखा था.

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पौड़ी की बेटी के साथ हुई थी दरिंदगीः पीड़िता पौड़ी जिले की रहने वाली थी. दिल्ली में छावला इलाके में रहती थी. रोजाना की तरह 14 फरवरी 2012 को भी वो अपने काम पर जाने के लिए घर से निकली थी, लेकिन उस दिन वो देर शाम तक घर नहीं लौटी. परिजनों ने उसकी काफी तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा. काफी खोजने के बाद इतनी सूचना जरूर मिली कि कुछ लोग एक लड़की को गाड़ी में डालकर दिल्ली से बाहर ले जाते हुए दिखाई दिए हैं.

पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की तो दो दिन बाद यानी 16 फरवरी को लड़की का शव हरियाणा में गन्ने के एक खेत में मिला था. उसके साथ जो क्रूरता की गई थी, वो दिल्ली की निर्भया से भी भयावह थी. परिजनों की मानें तो उत्तराखंड की इस बेटी को आरोपियों के किसी जानवर की तरह नोंचा गया था. उसे न सिर्फ मारा पीटा गया था, बल्कि दो दिनों तक लगातार उसके साथ गैंगरेप हुआ था. इतना ही नहीं उसकी आंखों में तेजाब डाल दिया गया था. उसके नाजुक अंगों से शराब की बोतल मिली थी. पानी गरम करके उसके शरीर को दाग दिया गया था.

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