देहरादूनः सीएम पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने बुधवार को सचिवालय में अधिकारियों के साथ गुड गवर्नेंस (Meeting with officials on Good Governance) की बैठक ली. बैठक में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि तहसील दिवसों, बहुद्देशीय शिविरों में लोगों की समस्याओं का निस्तारण मौके पर ही किया जाए. साथ ही उन्होंने पेंडेंसी रखने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के भी सख्त निर्देश दिए.
बैठक में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए कि शासन-प्रशासन के निचले स्तर तक गुड गवर्नेंस दिखनी चाहिए. प्रशासनिक अधिकारी अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक जाकर उनकी समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करें. जिलों व तहसीलों में भी आम जनता से मिलने के लिए समय निर्धारित किया जाए. उन्होंने कहा कि तहसील दिवसों का रोस्टर तय किया जाए. बहुउद्देशीय शिविरों का नियमित तौर पर आयोजन किया जाए. इनका रोस्टर बनाकर व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए, ताकि आमजन इनसे लाभांवित हो सके. लोगों की शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण सुनिश्चित किया जाए.
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पेंडेंसी पर तय होगी जवाबदेहीः मुख्यमंत्री धामी ने निर्देश दिए कि सीएम हेल्पलाइन नंबर 1905 व अपणि सरकार पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों का तुंरत निस्तारण हो. पेंडेंसी कम से कम रहे. अधिक पेंडेंसी रहने पर संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी. लोगों को अधिक से अधिक सहूलियत मिले. गैर जरूरी औपचारिकताओं को समाप्त किया जाए. प्रत्येक सोमवार को सचिव स्तर पर उनके विभाग से संबंधित जनशिकायतों के निवारण की समीक्षा की जाए. मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को समाज कल्याण और स्वास्थ्य विभाग की अलग से समीक्षा करने के निर्देश दिए.
सेवा का अधिकार को और मजबूत किया जाएः मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि गुड गवर्नेंस लोगों को महसूस होनी चाहिए. इसमें फील्ड लेवल अधिकारियों व कार्मिकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. उन्हें अच्छा परिणाम देने के लिए प्रेरित किया जाए. डीएम इसमें कुशल टीम लीडर की तरह काम करें. साथ ही प्रत्येक स्तर पर प्रभावी और सतत मॉनिटरिंग की जाए. अपणि सरकार पोर्टल में और अधिक सेवाओं को जोड़ा जाए. सेवा का अधिकार एक्ट को और मजबूत किए जाने की जरूरत है.
उच्च स्तरीय बैठकों में स्पष्ट निर्णय लिए जाएं और उनका क्रियान्वयन टाइम लिमिट में सुनिश्चित किया जाए. सूचना तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए. प्रत्येक विभाग के पास ये डाटा रहना चाहिए कि उनके यहां कितनी पेंडेंसी है. सचिव स्तर से इसकी समीक्षा की जाए. कोई भी फाइल अनावश्यक पेंडिंग न रहे. ई-ऑफिस का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए. इससे फाइल ट्रेकिंग आसानी से होती है.
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लोगों को उनके घर में मिले सेवाएंः मुख्यमंत्री ने कहा कि घर-घर जाकर आम जन को जरूरी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए पुख्ता योजना तैयार की जाए. पहले इसे पायलट आधार पर चलाया जाए, बेहतर परिणाम मिलने पर पूरी तरह से लागू की जा सकती है. इससे प्रदेश के युवाओं को रोजगार भी मिलेगा. तमाम योजनाओं का फायदा, लाभान्वितों को डीबीटी के माध्यम से सच्चे मायनों में मिले, इसकी पुख्ता व्यवस्था की जाए. सचिवालय में सप्ताह में एक दिन नो मीटिंग डे निर्धारित किया जाए. इस दिन सभी अधिकारी अपने कार्यालय में आगंतुकों से मिलने के लिए उपस्थित रहें.
वरिष्ठ अधिकारी स्कूली बच्चों को प्रेरित करेंः मुख्यमंत्री ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी समय-समय पर सरकारी स्कूलों में जाएं और बच्चों को पढ़ाएं. उन्हें जीवन में अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रेरित करें. इससे बच्चों को बड़ी प्रेरणा मिलेगी. गुड गवर्नेंस तभी संभव है, जब हम सभी के व्यवहार में सुधार आएगा और हम आम जन की समस्याओं के प्रति संवेदनशील बनेंगे. जनसेवा हमारा मिशन होना चाहिए. योजनाओं के आउटकम पर विशेष ध्यान दिया जाए. किस तरह से मितव्ययता रखते हुए रेवेन्यू बढ़ाया जा सकता है, इस पर फोकस किया जाए.