देहरादून: सैनिक बाहुल्य राज्य उत्तराखंड में प्रदेश के नौनिहालों को शारीरिक दक्षता लाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में 'मुख्यमंत्री स्वस्थ युवा, 'स्वस्थ उत्तराखंड' योजना के तहत ओपन जिम खोलने की घोषणा की थी. मुख्यमंत्री की इस घोषणा को 2 साल पूरे होने जा रहे हैं. अब तक यह घोषणा पूरी नहीं हो पाई है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों ने जिलों में एक बार फिर से ओपन जिम खोलने के निर्देश दिए हैं.
ओपन जिम का जिलावार स्टेटस
- पूरे राज्य में 7,788 ग्राम पंचायतों में खोले जाने थे ओपन जिम.
- 2 सालों में अब तक 5821 ग्राम पंचायतों में खोले गए ओपन जिम.
- प्रदेश की 1,967 ग्राम पंचायतों में अब तक नहीं खुले ओपन जिम.
- योजना के क्रियान्वयन में बागेश्वर, चंपावत, उधम सिंह नगर, हरिद्वार और उत्तरकाशी का बेहतर प्रदर्शन.
-अल्मोड़ा में 1160 ग्राम पंचायत में से 707 में नहीं खुले ओपन जिम.
-बागेश्वर की सभी 407 ग्राम पंचायतों में खुले ओपन जिम.
-चंपावत की 313 ग्राम पंचायतों में से केवल 4 में नहीं खुले ओपन जिम.
-चमोली की 610 ग्राम पंचायत में से 251 में नहीं खुले ओपन जिम.
- देहरादून की 401 ग्राम पंचायत में से 96 में नहीं खुले ओपन जिम.
-हरिद्वार की सभी 304 ग्राम पंचायत में खुल गए हैं ओपन जिम.
-नैनीताल की 479 ग्राम पंचायतों में से 215 में नहीं खुले ओपन जिम.
-पौड़ी की 1,174 ग्राम पंचायत में से 281 में नहीं खुले ओपन जिम.
- पिथौरागढ़ की 686 ग्राम पंचायत में से 179 में नहीं खुले ओपन जिम.
- रुद्रप्रयाग की 336 ग्राम पंचायतों में से 58 में नहीं खुले ओपन जिम.
- टिहरी की 1,035 ग्राम पंचायतों में से 175 में नहीं खुले ओपन जिम.
- उधम सिंह नगर की सभी 375 ग्राम पंचायतों में खुले ओपन जिम.
- उत्तरकाशी की सभी 508 ग्राम पंचायतों में खुले ओपन जिम.
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युवा कल्याण निदेशक जितेंद्र सोनकर ने कहा कि कई जगहों पर योजना का क्रियान्वयन ठीक से नहीं हो पाया है. जांच में पता लगा कि ग्राम पंचायत में महिला स्वयं सहायता समूह और युवक मंगल दल के बैंक अकाउंट कनेक्ट ना होने की वजह से क्रियान्वयन ठीक से नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस योजना की घोषणा प्रदेश के सभी युवाओं को ध्यान में रखते हुए की थी. उत्तराखंड सैनिक बाहुल्य राज्य है. यहां के अधिकतर बच्चे सेना में जाने की तैयारी करते हैं. लिहाजा इस योजना के माध्यम से हर ग्राम पंचायत स्तर पर बच्चों को अपनी तैयारी करने के लिए एक बेहतर माहौल मिलेगा.
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