देहरादूनः उत्तराखंड में जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली सरकार भ्रष्ट और लापरवाह अधिकारियों को लेकर सख्त रुख अपनाई हुई है. इसी कड़ी में प्रदेश के जिन अधिकारियों के खिलाफ तमाम आरोपों के जांच लंबित हैं, उनका सरकार ने ब्यौरा मांगा है. ताकि, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके.
दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को शिकायत मिली थी कि कई विभागीय अधिकारियों पर भ्रष्टाचार या अन्य लापरवाहियों की जांच चल रही है, लेकिन जांच अधिकारी इसमें तेजी नहीं ला रहे हैं. जिसके चलते अधिकारियों की जांच से लंबित पड़ी हुई है. इस मामले पर सीएम धामी अपनी नाराजगी भी व्यक्त कर चुके हैं.
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वहीं, सीएम धामी ने सचिव शैलेश बगौली को ऐसे सभी अधिकारियों की जानकारी मांगी है, जिन पर भ्रष्टाचार या अन्य लापरवाहियों की जांच लंबित हैं. अब सचिव सीएम शैलेश बगौली ने सभी अपर मुख्य सचिवों से लेकर प्रभारी सचिवों को अपने विभागों के अधीन ऐसे अधिकारियों की रिपोर्ट मांगी है. जिनके खिलाफ लंबे समय से प्रशासनिक जांच ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है.
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बता दें कि उत्तराखंड सरकार पिछले कुछ महीनो में भ्रष्ट और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई कर एक बड़ा संदेश दे चुकी है. जिसमें उद्यान विभाग के पूर्व निदेशक हरविंदर सिंह बवेजा, रेलवे स्टेशन में कर चोरी का मामला और देहरादून के रजिस्ट्री ऑफिस में जमीनों के दस्तावेजों में हेराफेरी मामले पर सरकार सख्त अपनाते हुए कड़ी कार्रवाई चुकी है.
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ऐसे में अब सरकार भ्रष्ट और अनियमितता के मामले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ भी करवाई करने का मन बना चुकी है. जिसके चलते ऐसे अफसर का ब्यौरा तलब किया है. गौर हो कि इससे पहले भी सीएम धामी ने सतर्कता विभाग को आरोपी अधिकारियों और कर्मचारियों पर अभियोग चलाने की अनुमति दी थी.
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