देहरादून: उत्तराखंड राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत सरकार के कार्यकाल को करीब ढाई महीने का समय पूरा हो गया है. इस कार्यकाल के दौरान तमाम विभागों से पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की फोटो हटा दी गयी है और नए मुख्यमंत्री की फोटो को चस्पा कर दिया गया है. लेकिन कुछ ऐसे विभाग भी हैं, जिनकी वेबसाइट पर अभी भी उत्तराखंड के त्रिवेंद्र सिंह रावत बरकरार हैं. यही नहीं, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कैंप कार्यालय के बाहर लगे बोर्ड पर अभी भी त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री बने हुए हैं.
वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के दौरान ETV Bharat इस मुद्दे को इसलिए उठा रहा है, क्योंकि बीते दिनों ऐसा ही एक मामला सामने आया था, जिसमें यह देखा गया कि होम आइसोलेशन में दिए जाने वाले किट पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की फोटो होने के चलते समय से लोगों को किट उपलब्ध नहीं हो पा रही थी. क्योंकि स्वास्थ्य महकमा, कोरोना किट पर छपे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के फोटो के ऊपर कोरोना से जुड़े नियमों को चस्पा करने में जुट गया था. हालांकि, उस दौरान तो स्वास्थ्य महकमे ने लोगों के जिंदगी से ज्यादा पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इस फोटो को हटाना जरूरी समझा. तो वहीं, ढाई महीने का समय हो जाने के बावजूद पलायन आयोग की वेबसाइट से पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की फोटो नहीं हटाई गई.
विभागों के वेबसाइट को लगातार अपडेट किया जाता है ताकि जनता तक सही सूचनाएं और विभाग क्या काम कर रहा है, उसकी जानकारी उपलब्ध हो सके. उत्तराखंड का पलायन आयोग विभाग ऐसा है, जिसे अभी तक अपडेट नहीं किया गया है. ऐसा हम यूं ही नहीं कह रहे बल्कि पलायन आयोग विभाग की वेबसाइट पर अभी भी पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बताया जा रहा है. ऐसे में खुद इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन विभागों में किस तरह से काम किए जाते होंगे. नेतृत्व परिवर्तन हुए करीब ढाई महीने का समय हो गया है लेकिन अभी तक विभाग में पूर्व मुख्यमंत्री के फोटो को हटाने की जहमत तक नहीं उठायी.
यही नही, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के सरकारी आवास के बाहर लगे एक बैनर को अभी तक नहीं हटाया गया है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बतौर मुख्यमंत्री दर्शाए गए हैं. हालांकि, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज का यह सरकारी आवास सचिवालय से चंद कदम की दूरी पर मौजूद है. उस सड़क से तमाम अधिकारी भी गुजरते हैं. यही नहीं, सतपाल महाराज इस सरकारी आवास को अपने कैंप कार्यालय के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन अभी तक किसी का ध्यान इस बैनर पर नहीं किया गया. चौक चौराहों पर लगे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बैनर पोस्टर को नेतृत्व परिवर्तन होने के चंद दिनों के भीतर ही हटा दिए गए थे.
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इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कैंप कार्यालय के बाहर लगे बोर्ड पर अभी भी 'मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कैंप कार्यालय' लिखा हुआ नजर आ रहा है. हालांकि, इस कैंप कार्यालय में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत रोज बैठते हैं. लेकिन वह खुद इस बोर्ड से मुख्यमंत्री की जगह पूर्व मुख्यमंत्री अभी तक नहीं लिखा पाए हैं.
बता दें, 9 मार्च 2021 को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आलाकमान के निर्देश के बाद राजभवन पहुंचकर अपना इस्तीफा सौंप दिया और फिर 10 मार्च को खुद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश के नए मुखिया के रूप में तीरथ सिंह रावत के नाम का ऐलान कर दिया, जिसके बाद 10 मार्च को ही तीरथ सिंह रावत ने शपथ ग्रहण कर मुख्यमंत्री के रूप में काबिज हो गए. सत्ता पर काबिज होने में बाद से ही तीरथ सिंह रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के एक के बाद एक फैसले बदलते गए, जिसे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत के कार्यकाल में पैदा हुई एंटी इनकम्बेंसी की काट के तौर पर भी देखा जा रहा है.