देहरादूनः बीते रोज पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का केदारनाथ में भारी विरोध हुआ था. इस घटना के बाद अब सरकार और विपक्ष दोनों की नजरें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर हैं. उस समय तीर्थ पुरोहितों का किस तरह का रुख रहता है? यह भी बड़ा सवाल बना हुआ है. इसी को देखते हुए खुद सीएम धामी बुधवार को केदारनाथ जा रहे हैं. जहां वे पंडा पुरोहितों से मुलाकात करेंगे.
गाहे-बगाहे सियासी गलियारों में यह चर्चाएं होती रहती हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की कुर्सी देवस्थानम बोर्ड के फैसले के बाद ही ली गई थी. बीते रोज केदारनाथ में बाबा केदार के दर्शन करने पहुंचे त्रिवेंद्र रावत के इस फैसले का प्रतिबिंब भी देखने को मिला. पंडा पुरोहितों ने उनके साथ जमकर अभद्रता की. त्रिवेंद्र के साथ हुई केदारनाथ में इस अभद्रता का वैसे तो सरकार या फिर बीजेपी संगठन पर कोई ज्यादा असर नहीं पड़ता है, लेकिन आगामी 5 नवंबर को केदारनाथ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के मद्देनजर इस घटना के बाद सरकार और संगठन दोनों के हाथ-पैर फूल गए हैं.
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प्रधानमंत्री मोदी का दौरा रहेगा सामान्यः यही वजह है कि सरकार और संगठन के स्तर पर लगातार आगामी 5 नवंबर के पीएम मोदी के दौरे को लेकर कोई भी कोताही नहीं बरतना चाहती है. ताकि इससे सरकार और संगठन दोनों की फजीहत न हो. लिहाजा, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने तीर्थ पुरोहितों से बातचीत की, लेकिन पंडा पुरोहित इतने उग्र हैं कि वो किसी भी हालत में मानने को तैयार नहीं है. हालांकि, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने इस पूरे मामले पर कहा है कि उनकी पंडा पुरोहितों से बात हो गई है और प्रधानमंत्री का दौरा बिल्कुल सामान्य रहने वाला है. जहां तक बात देवस्थानम बोर्ड की है तो इस पर सरकार तत्काल प्रभाव से कार्रवाई कर रही है. जल्द ही इस संबंध में कोई बड़ा फैसला देखने को मिलेगा.
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देवस्थानम बोर्ड के CEO बोले- पंडा पुरोहितों की गतिविधि पर नजरः वहीं, सरकार के स्तर से भी लगातार पीएम दौरे को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही न बरती जाए. इसको लेकर भी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं. देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन ने बताया कि लगातार पंडा पुरोहितों की गतिविधि पर नजर रखी जा रही है. उन्होंने कहा कि कल भी कैबिनेट मंत्री और बीजेपी के अध्यक्ष की ओर से पंडा पुरोहितों से बातचीत की गई और आज भी कैबिनेट मंत्री और शासकीय प्रवक्ता केदारनाथ में पहुंचे थे. जहां पर उनका भव्य स्वागत किया गया और उन्होंने पंडा पुरोहितों से बातचीत भी की. रविनाथ रमन का कहना है कि हालात सामान्य हैं और उन्हें उम्मीद है कि जिस तरह की घटना घटी है, उसकी पुनरावृत्ति आगे नहीं होगी.
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पंडा पुरोहितों से मुलाकात कर लौटे सुबोध उनियालः शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने केदारनाथ से लौटने के बाद बताया कि उनकी बात पंडा पुरोहितों से हुई है. उन्होंने पुरोहित समाज से बातचीत की है और इस बात को रखा है कि कभी भी डायलॉग्स बंद नहीं होनी चाहिए. हमेशा संवाद ही किसी समस्या का समाधान होता है. साथ ही सुबोध उनियाल ने बताया कि बुधवार को खुद मुख्यमंत्री इस मामले को लेकर केदारनाथ में पंडा पुरोहितों से मुलाकात करेंगे. इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर इस तरह की कोई घटना वहां पर न हो. साथ ही सुबोध उनियाल ने यह भी कहा कि पंडा पुरोहितों के विषय को लेकर वो भी मुख्यमंत्री से बातचीत करेंगे और कुछ न कुछ समाधान पंडा पुरोहितों को देंगे.
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कांग्रेस बोली- पंडा पुरोहितों को गुमराह किया तो भुगतना पड़ेगा नतीजाः वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस ने इस मामले पर गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि पंडा पुरोहितों में लगातार आक्रोश पनप रहा है. जिस तरह से पंडा पुरोहित लंबे समय से देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार लगातार पंडा पुरोहितों को गुमराह करने का काम कर रही है उसका अंजाम है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने यह सब भुगता. कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि पंडा पुरोहित लगातार अपनी बात सरकार के सामने रख रहे हैं, लेकिन सरकार सुन नहीं रही है. बात जहां तक पीएम मोदी के दौरे की है तो पीएम मोदी को पंडा पुरोहितों की सुननी चाहिए. यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि, पंडा पुरोहित लगातार अपने खून से भी पीएम मोदी को पत्र लिख चुके हैं और अब अगर कल जैसी घटना पीएम मोदी के दौरे के दौरान होती है तो यह काफी शर्मनाक होगा.