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उत्तराखंड में मॉनसून की दस्तक, सीएम ने की आपदा प्रबंधन की समीक्षा, 3 महीने तक छुट्टियां कैंसिल

उत्तराखंड में मॉनसून दस्तक दे चुका है. भारी बारिश की वजह से प्रदेश के कई इलाकों में जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका है. मॉनसून की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश देने के साथ ही उन्हें अलर्ट रहने के लिए कहा.

सीएम ने आपदा प्रबंधन की समीक्षा
सीएम ने आपदा प्रबंधन की समीक्षा
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Published : Jun 29, 2022, 4:09 PM IST

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में आपदा प्रबंधन की समीक्षा की. इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा की स्थिति में राहत व बचाव कार्य तत्काल शुरू हो जाने चाहिए. रेस्पोंस टाइम कम से कम होना चाहिए.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आपदा प्रबंधन की दृष्टि से अगले तीन माह महत्वपूर्ण हैं. आपदा की चुनौतियों से निपटने के लिए जिलाधिकारी अधिकांश निर्णय अपने स्तर पर लें. जिन समस्याओं का समाधान जिलास्तर पर नहीं हो पा रहा है, उन्हें ही शासन तक भेजा जाये. उन्होंने सभी विभागों को समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिये.

सीएम ने की आपदा प्रबंधन की समीक्षा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है. आपदा सीजन के दृष्टिगत अगले तीन माह तक आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर दी गयी है. आपदा सचिव ने साफ किया है कि इमरजेंसी में ही किसी की छुट्टी स्वीकृत की जाएगी. वो भी तब जब उसकी जगह कोई अधिकारी रिप्लेसमेंट होगा.
पढ़ें- बारिश के डर से केदारनाथ का प्लान रद्द करने वालों के लिए खुशखबरी, मॉनसून में भी उड़ेंगे हेलीकॉप्टर

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जिलों में आपदा प्रबंधन के लिए जो धनराशि दी जा रही है, उसका आपदा मानकों के हिसाब से अधिकतम उपयोग हो, यह सुनिश्चित किया जाए. आपदा प्रभावितों को आपदा मानकों के हिसाब से मुआवजा यथाशीघ्र मिले. आपदा प्रबंधन के दृष्टिगत रिस्पांस टाइम कम से कम हो. बारिश या भूस्खलन से सड़क, बिजली, पानी की आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में कम से कम समय में आपूर्ति सुचारू की जाये.

इसके अलावा यह सुनिश्चित किया जाए कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों में जेसीबी की पर्याप्त व्यवस्था हो एवं उनके ट्रैकिंग सिस्टम की व्यवस्था की जाए. सभी सेटेलाइट फोन चालू अवस्था में रहें. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य के पर्वतीय जनपदों एवं आपदा की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों के लिए खाद्य सामग्री, आवश्यक दवाओं एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की पूर्ण व्यवस्था रखी जाए.
पढ़ें- प्री मॉनसून की बारिश ने खोली दून नगर निगम की पोल, डूब गई पार्किंग में खड़ी कार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर एसडीआरएफ की टीमें बढ़ायी जाएं. मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन जनपदों में ड्रेनेज सिस्टम की समस्याएं हैं, वे ड्रेनेज प्लान शीघ्र भेजें. मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि शासन स्तर पर जो बैठकें होती हैं, उससे पूर्व संबंधित विषयों पर जिलाधिकारी सभी विभागों की बैठक करें. ताकि शासन स्तर पर होने वाली बैठक में जिला स्तर पर आने वाली सभी परेशानियों को रखा जा सके. मुख्यमंत्री ने वाहन दुर्घटना में मृतकों के परिजनों को दिये जाने वाले मुआवजे में वृद्धि का प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिये.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन के साथ ही चारधाम यात्रा और कांवड़ यात्रा भी महत्वपूर्ण है. इस वर्ष चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ी है. मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा से जुड़े जनपदों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि चारधाम यात्रा सुव्यवस्थित चले. कांवड़ यात्रा की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी हरिद्वार, देहरादून, टिहरी और पौड़ी को पुलिस के साथ निरन्तर समन्वय बनाने के निर्देश दिये.

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में आपदा प्रबंधन की समीक्षा की. इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा की स्थिति में राहत व बचाव कार्य तत्काल शुरू हो जाने चाहिए. रेस्पोंस टाइम कम से कम होना चाहिए.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आपदा प्रबंधन की दृष्टि से अगले तीन माह महत्वपूर्ण हैं. आपदा की चुनौतियों से निपटने के लिए जिलाधिकारी अधिकांश निर्णय अपने स्तर पर लें. जिन समस्याओं का समाधान जिलास्तर पर नहीं हो पा रहा है, उन्हें ही शासन तक भेजा जाये. उन्होंने सभी विभागों को समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिये.

सीएम ने की आपदा प्रबंधन की समीक्षा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है. आपदा सीजन के दृष्टिगत अगले तीन माह तक आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर दी गयी है. आपदा सचिव ने साफ किया है कि इमरजेंसी में ही किसी की छुट्टी स्वीकृत की जाएगी. वो भी तब जब उसकी जगह कोई अधिकारी रिप्लेसमेंट होगा.
पढ़ें- बारिश के डर से केदारनाथ का प्लान रद्द करने वालों के लिए खुशखबरी, मॉनसून में भी उड़ेंगे हेलीकॉप्टर

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जिलों में आपदा प्रबंधन के लिए जो धनराशि दी जा रही है, उसका आपदा मानकों के हिसाब से अधिकतम उपयोग हो, यह सुनिश्चित किया जाए. आपदा प्रभावितों को आपदा मानकों के हिसाब से मुआवजा यथाशीघ्र मिले. आपदा प्रबंधन के दृष्टिगत रिस्पांस टाइम कम से कम हो. बारिश या भूस्खलन से सड़क, बिजली, पानी की आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में कम से कम समय में आपूर्ति सुचारू की जाये.

इसके अलावा यह सुनिश्चित किया जाए कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों में जेसीबी की पर्याप्त व्यवस्था हो एवं उनके ट्रैकिंग सिस्टम की व्यवस्था की जाए. सभी सेटेलाइट फोन चालू अवस्था में रहें. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य के पर्वतीय जनपदों एवं आपदा की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों के लिए खाद्य सामग्री, आवश्यक दवाओं एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की पूर्ण व्यवस्था रखी जाए.
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर एसडीआरएफ की टीमें बढ़ायी जाएं. मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन जनपदों में ड्रेनेज सिस्टम की समस्याएं हैं, वे ड्रेनेज प्लान शीघ्र भेजें. मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि शासन स्तर पर जो बैठकें होती हैं, उससे पूर्व संबंधित विषयों पर जिलाधिकारी सभी विभागों की बैठक करें. ताकि शासन स्तर पर होने वाली बैठक में जिला स्तर पर आने वाली सभी परेशानियों को रखा जा सके. मुख्यमंत्री ने वाहन दुर्घटना में मृतकों के परिजनों को दिये जाने वाले मुआवजे में वृद्धि का प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिये.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन के साथ ही चारधाम यात्रा और कांवड़ यात्रा भी महत्वपूर्ण है. इस वर्ष चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ी है. मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा से जुड़े जनपदों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि चारधाम यात्रा सुव्यवस्थित चले. कांवड़ यात्रा की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी हरिद्वार, देहरादून, टिहरी और पौड़ी को पुलिस के साथ निरन्तर समन्वय बनाने के निर्देश दिये.

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