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महाकाली नदी पर पुल निर्माण को स्वीकृति मिलने पर CM धामी ने जताया प्रधानमंत्री का आभार - Mahakali river Latest news

सीएम धामी ने महाकाली नदी पर पुल निर्माण को स्वीकृति देने पर पीएम मोदी का आभार जताया है.बता दें भारत-नेपाल के बीच महाकाली नदी पर 12 हजार करोड़ की लागत से ब्रिज बनाया जाएगा.

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सीएम धामी ने जताया पीएम मोदी का आभार
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Published : Jan 9, 2022, 4:36 PM IST

देहरादून: केन्द्र सरकार ने धारचूला में महाकाली नदी पर पुल निर्माण के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी है. महाकाली नदी पर 12 हजार करोड़ की लागत से ब्रिज बनाया जाएगा. महाकाली नदी पर ब्रिज बनाये जाने की स्वीकृति को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने केंद्र सरकार के साथ ही पीएम मोदी का आभार जताया है.

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट करते हुए लिखा 'मा. प्रधानमंत्री @narendramodi एवं केन्द्र सरकार द्वारा धारचूला में महाकाली नदी पर पुल निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान करने पर समस्त प्रदेशवासियों की ओर से हार्दिक आभार. भारत और नेपाल के बीच रोटी और बेटी का संबंध है, जो इन विकास कार्यों के माध्यम से और भी मजबूत होगा.

पढ़ें-भारत-नेपाल के बीच महाकाली नदी पर बनेगा ब्रिज, केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में फैसला

बता दें भारत-नेपाल के बीच महाकाली नदी पर 12 हजार करोड़ की लागत से ब्रिज बनाया जाएगा.पुल बनाने का निर्णय भी कैबिनेट की बैठक में लिया गया.इस प्रस्तावित पुल का काम तीन साल के भीतर पूरा कर लिया जाएगा. इस पुल पर करार हो जाने से दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंध और बेहतर हो सकेंगे.

  • मा. प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी एवं केन्द्र सरकार द्वारा धारचूला में महाकाली नदी पर पुल निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान करने पर समस्त प्रदेशवासियों की ओर से हार्दिक आभार।

    भारत और नेपाल के बीच रोटी और बेटी का संबंध है, जो इन विकास कार्यों के माध्यम से और भी मजबूत होगा। pic.twitter.com/Xe0Qa4A0JZ

    — Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) January 9, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इससे उत्तराखंड में रहने वाले लोगों को लाभ होगा और नेपाल की तरफ रहने वाले लोगों को भी लाभ होगा. दोनों देश लंबे समय से गहरी दोस्ती और सांस्कृतिक रिश्ते रखते हैं, जिसका सबूत दोनों देशों के बीच ओपन बॉर्डर का होना रहा है. आपसी साझेदीर में ये पुल बड़ी भूमिका निभाएगा.

पढ़ें- हम 10 मुख्यमंत्री बदलें...हमारी मर्जी, राजनाथ सिंह का कांग्रेस को जवाब

काली नदी उत्तराखंड में भारत और नेपाल की सीमा निर्धारित करती है. उत्तराखंड के कुछ हिस्सों और उत्तर प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में पहुंचने पर इसे शारदा नदी के नाम से जाना जाता है. काली नदी सरयू की सबसे बड़ी सहायक नदी है, जो कि पंचेश्वर नामक जगह पर मिलकर सरयू बन जाती है. काली नदी धारचूला नगर से होकर गुजरती है और जौलजीबी नामक स्थान पर गोरी नदी से मिलती है, जहां से यह महाकाली के नाम से जानी जाती है. काली गोरी नदी के संगम पर हर वर्ष मेले का आयोजन किया जाता है.

देहरादून: केन्द्र सरकार ने धारचूला में महाकाली नदी पर पुल निर्माण के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी है. महाकाली नदी पर 12 हजार करोड़ की लागत से ब्रिज बनाया जाएगा. महाकाली नदी पर ब्रिज बनाये जाने की स्वीकृति को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने केंद्र सरकार के साथ ही पीएम मोदी का आभार जताया है.

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट करते हुए लिखा 'मा. प्रधानमंत्री @narendramodi एवं केन्द्र सरकार द्वारा धारचूला में महाकाली नदी पर पुल निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान करने पर समस्त प्रदेशवासियों की ओर से हार्दिक आभार. भारत और नेपाल के बीच रोटी और बेटी का संबंध है, जो इन विकास कार्यों के माध्यम से और भी मजबूत होगा.

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बता दें भारत-नेपाल के बीच महाकाली नदी पर 12 हजार करोड़ की लागत से ब्रिज बनाया जाएगा.पुल बनाने का निर्णय भी कैबिनेट की बैठक में लिया गया.इस प्रस्तावित पुल का काम तीन साल के भीतर पूरा कर लिया जाएगा. इस पुल पर करार हो जाने से दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंध और बेहतर हो सकेंगे.

  • मा. प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी एवं केन्द्र सरकार द्वारा धारचूला में महाकाली नदी पर पुल निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान करने पर समस्त प्रदेशवासियों की ओर से हार्दिक आभार।

    भारत और नेपाल के बीच रोटी और बेटी का संबंध है, जो इन विकास कार्यों के माध्यम से और भी मजबूत होगा। pic.twitter.com/Xe0Qa4A0JZ

    — Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) January 9, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इससे उत्तराखंड में रहने वाले लोगों को लाभ होगा और नेपाल की तरफ रहने वाले लोगों को भी लाभ होगा. दोनों देश लंबे समय से गहरी दोस्ती और सांस्कृतिक रिश्ते रखते हैं, जिसका सबूत दोनों देशों के बीच ओपन बॉर्डर का होना रहा है. आपसी साझेदीर में ये पुल बड़ी भूमिका निभाएगा.

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काली नदी उत्तराखंड में भारत और नेपाल की सीमा निर्धारित करती है. उत्तराखंड के कुछ हिस्सों और उत्तर प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में पहुंचने पर इसे शारदा नदी के नाम से जाना जाता है. काली नदी सरयू की सबसे बड़ी सहायक नदी है, जो कि पंचेश्वर नामक जगह पर मिलकर सरयू बन जाती है. काली नदी धारचूला नगर से होकर गुजरती है और जौलजीबी नामक स्थान पर गोरी नदी से मिलती है, जहां से यह महाकाली के नाम से जानी जाती है. काली गोरी नदी के संगम पर हर वर्ष मेले का आयोजन किया जाता है.

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