देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Uttarakhand CM pushkar singh Dhami) दिल्ली दौरे पर हैं. दिल्ली में आज उन्होंने सबसे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से शिष्टाचार भेंट की. इसके बाद उन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) के साथ बैठक की. बैठक में दोनों के बीच उत्तराखंड से जुड़े कई प्रोजेक्ट पर चर्चा हुई.
बैठक में केंद्रीय राज्य मंत्री सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय जनरल वीके सिंह, सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय में अपर सचिव अमित घोष, उत्तराखंड शासन में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु सहित केंद्रीय मंत्रालय और राज्य सरकार के अधिकारी उपस्थित थे. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उत्तराखंड की लाइफ लाइन कही जाने वाली ऑल वेदर रोड सड़क परियोजना के कार्यों में तत्काल तेजी लाने के निर्देश दिये.
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उल्लेखनीय है कि 889 किमी लम्बी और लगभग 12 हजार करोड़ की लागत से निर्मित की जा रही चारधाम सड़क परियोजना में मंत्रालय द्वारा 53 कार्यों में से वर्तमान तक 41 कार्य स्वीकृत किये गये हैं, जिसमें से 19 कार्य पूरे हो चुके हैं. वहीं, 22 प्रोजेक्ट का निर्माणकार्य जारी है.
केंद्रीय मंत्री ने मंत्रालय एवं राज्य सरकार के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये गये कि ऑल वेदर रोड परियोजना के कार्य में किसी भी प्रकार की देरी उचित नहीं होगी. आम जनमानस के आवागमन हेतु उक्त मार्ग को शीघ्र पूर्ण किया जाये. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर केंद्रीय मंत्री ने देहरादून शहर को अत्यधिक यातायात एवं भीड़ से मुक्त कराने के लिए देहरादून रिंग रोड के निर्माण की फिजिबिलिटी सर्वे किये जाने की स्वीकृति दी.
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साथ ही हाईवे के साथ लगी लगभग 1100 एकड़ भूमि पर लॉजिस्टिक पार्क, फल और सब्जी पार्क, आढ़त बाजार के लिए केंद्रीय मंत्री द्वारा मुख्यमंत्री को प्रस्ताव दिया गया कि राज्य सरकार द्वारा उक्त प्रयोजन हेतु भूमि उपलब्ध कराने पर निर्माण पर आने वाली समस्त धनराशि केन्द्र सरकार द्वारा वहन की जायेगी. इस कार्य से देहरादून शहर में जाम और अव्यवस्थित आवागमन से राहत मिलेगी.
नजीबाबाद- अफजलगढ़ बाईपास की स्वीकृति: मुख्यमंत्री के अनुरोध पर कुमाऊं और गढ़वाल के मध्य दूरी और समय कम करने के लिए नजीबाबाद- अफजलगढ़ बाईपास (लम्बाई 42.50 किमी) की स्वीकृति प्रदान की गयी. बाईपास बनने से कुमाऊं-गढ़वाल के बीच की दूरी 20 किमी कम हो जायेगी और आवागमन में 45 मिनट की बचत होगी. मझौला से खटीमा चार लेन रोड की भी स्वीकृति प्रदान की गयी. उक्त मार्ग के निर्माण से उत्तर प्रदेश के जनपद पीलीभीत और बरेली हेतु भारी वाहनों एवं आम जनमानस का आवागमन सुलभ एवं आरामदायक होगा.
फोर लेन का होगा टनकरपुर मोटर मार्ग: इसके अतिरिक्त सितारगंज से टनकपुर मोटर मार्ग को भी चारलेन में परिवर्तित करने की स्वीकृति प्राप्त हुई. मार्ग निर्माण से जनपद चंपावत एवं पिथौरागढ़ आवागमन करने में काफी समय की बचत के साथ-साथ मार्ग सुविधाजनक होगा.
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पिथौरागढ़ से अस्कोट मोटर मार्ग (लगभग 47 किमी) भी ऑल वेदर परियोजना की तरह स्वीकृत किये जाने पर सहमति बनी. यह मार्ग बीआरओ द्वारा निर्मित किया जायेगा. राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में अधिग्रहित भूमि से ऊपर व नीचे यदि मार्ग निर्माण से भवनों एवं अन्य संरचनाओं में क्षति होती है तो उक्त क्षति की प्रतिपूर्ति भी भारत सरकार द्वारा किये जाने के लिये मुख्यमंत्री के अनुरोध पर केंद्रीय मंत्री द्वारा सहमति दी गई. इससे समस्त हिमालयी राज्यों को लाभ प्राप्त होगा.
इस दौरान उत्तराखंड में साल 2023 में एक अंतरराष्ट्रीय सेमीनार आयोजित करने पर भी सहमति बनी. उक्त सेमिनार में पर्वतीय क्षेत्रों के लिये उच्च गुणवत्तायुक्त टनल मार्गों का निर्माण किये जाने पर विषय विशेषज्ञों द्वारा विचार विमर्श होगा. इस सेमिनार में देश एवं विदेश के लगभग एक हजार लोग प्रतिभाग करेंगे.