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PM मोदी के आह्वान पर त्रिवेंद्र सरकार की पहल, सभी सरकारी दफ्तरों में लगेंगे मिट्टी के गमले

सभी सरकारी दफ्तरों में प्लास्टिक और सीमेंट के गमले के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. इसकी जगह पर सिर्फ मिट्टी के गमलों का ही प्रयोग किया जाएगा.

cm trivendra
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Published : Nov 11, 2020, 4:25 PM IST

देहरादूनः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल के बयान के बाद सूबे की त्रिवेंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत अब उत्तराखंड शासन ने हैंड मेड चीजों को प्रोत्साहन देते हुए सभी सरकारी दफ्तरों में प्लास्टिक और सीमेंट के गमले के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश भी जारी कर दिए हैं. जिसमें सभी सरकारी दफ्तरों में सीमेंट और प्लास्टिक के गमलों की जगह मिट्टी के गमले का प्रयोग किया जाएगा.

सचिव प्रभारी डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने प्रदेश के सभी शासकीय विभागों, निगमों और प्रतिष्ठानों के लिए इस संबंध में अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिव मंडल आयुक्तों और जिलाधिकारियों समेत विभाग के अध्यक्ष को पत्र जारी कर दिया है. आदेश में इस बात का भी जिक्र है कि प्रदेश सरकार इस अभियान के तहत स्थानीय उत्पादों का उपयोग करने के साथ ही शिल्पियों और कुम्हारों को रोजगार उपलब्ध कराने की मंशा से ऐसी पहल कर रही है.

पढ़ेंः त्योहारी सीजन में पुलिस के सामने कई चुनौतियां, SSP ने दिए ये निर्देश

इसके साथ ही पर्यावरण की दृष्टि से शासकीय विभागों, निगमों, संस्थानों व प्रतिष्ठानों में प्लास्टिक और सीमेंट के गमलों का इस्तेमाल ठीक नहीं है. ऐसे में अब सभी सरकारी दफ्तरों में सिर्फ और सिर्फ मिट्टी के गमलों का ही प्रयोग किया जाएगा.

देहरादूनः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल के बयान के बाद सूबे की त्रिवेंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत अब उत्तराखंड शासन ने हैंड मेड चीजों को प्रोत्साहन देते हुए सभी सरकारी दफ्तरों में प्लास्टिक और सीमेंट के गमले के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश भी जारी कर दिए हैं. जिसमें सभी सरकारी दफ्तरों में सीमेंट और प्लास्टिक के गमलों की जगह मिट्टी के गमले का प्रयोग किया जाएगा.

सचिव प्रभारी डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने प्रदेश के सभी शासकीय विभागों, निगमों और प्रतिष्ठानों के लिए इस संबंध में अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिव मंडल आयुक्तों और जिलाधिकारियों समेत विभाग के अध्यक्ष को पत्र जारी कर दिया है. आदेश में इस बात का भी जिक्र है कि प्रदेश सरकार इस अभियान के तहत स्थानीय उत्पादों का उपयोग करने के साथ ही शिल्पियों और कुम्हारों को रोजगार उपलब्ध कराने की मंशा से ऐसी पहल कर रही है.

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इसके साथ ही पर्यावरण की दृष्टि से शासकीय विभागों, निगमों, संस्थानों व प्रतिष्ठानों में प्लास्टिक और सीमेंट के गमलों का इस्तेमाल ठीक नहीं है. ऐसे में अब सभी सरकारी दफ्तरों में सिर्फ और सिर्फ मिट्टी के गमलों का ही प्रयोग किया जाएगा.

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