देहरादून: आरटीओ विभाग का एक अजब गजब मामला सामने आया है. मामला देहरादून का है, जहां गलत कागजात मिलने पर एक सिटी बस का परमिट कैंसिल कर दिया था, लेकिन 2019 में इस मालिक के बिना अनुमति के ही बस संचालक ने फर्जी तरीके से परिवहन विभाग के साथ मिलकर परमिट बनवा लिया और तभी से यह सिटी बस शहर में दौड़ रही है. इतना ही नहीं अब इसी बस को आरटीओ ने चारधाम यात्रा के संचालन की अनुमति दे दी है.
मामले में सिटी बस यूनियन के अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने कहा सबसे पहले 2013 में यह सिटी बस रायपुर-प्रेमनगर रूट पर संचालित थी, लेकिन गलत दस्तावेज के तहत इस वाहन में लगे परमिट को आरटीओ ने सस्पेंड कर दिया था. साथ ही वाहन मालिक ने अपने वाहन को 2019 में परमिट में से उतार दिया था. इसके बाद 2019 में ही यह बस राजपुर-क्लेमेंट टाउन रूट पर यशपाल चौहान के परमिट पर टेंपरेरी लगा दी गई. जबकि इसका मालिक यशपाल चौहान उस समय देहरादून में उपस्थित नहीं था.
उसके बाद इस सिटी बस का बिना परमिट के अप्रैल 2022 तक राजपुर-क्लेमेंट टाउन रूट पर संचालन किया गया. जिसमें मोटर मालिक ने फिटनेस इंश्योरेंस और हर महीने टैक्स भी अदा किया है. राज्य सरकार द्वारा कोविड काल में वाहन चालकों को दी गई कर में एक वर्ष की छूट भी ले ली गई. इतना ही नहीं आश्चर्य की बात यह है कि जब बस मालिक यशपाल चौहान वर्ष 2013 में आरटीओ देहरादून आया था. उस वक्त उसने जो फोटो नीली चेक शर्ट के साथ अपने दस्तावेजों पर लगाई गई थी. वहीं, फोटो वर्ष 2019 में सिटी बस (UK 07 PA 0478) स्वामी द्वारा नए दस्तावेजों पर लगाई गई.
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वहीं, वाहन के मालिक का कुछ पता नहीं है, जानकारी करने पर पता चला की वाहन मालिक पिछले कई सालों से देहरादून नहीं आया है. सिटी बस यूनियन के अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने कहा अब यह वाहन यशपाल चौहान के नाम से 3 महीने का अस्थायी परमिट बनाकर चारधाम यात्रा मार्ग पर चलाया जा रहा है. जबकि यह व्यक्ति देहरादून में न रहकर कांगड़ा हिमाचल में निवास करता है. साथ ही अधिकतर समय विदेश में ही रहता है.
उन्होंने कहा यूनियन इस वाहन को तुरंत सीज करने की मांग करता है. क्योंकि इस वक्त यह वाहन यशपाल चौहान के नाम से ही रजिस्टर्ड होकर गया हुआ है. हमने मामले की शिकायत एसएसपी को की है. इस व्यक्ति पर मुकदमा दर्ज किया जाए.