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मुख्यमंत्री ने SDG मॉनिटरिंग के लिए किया डैश बोर्ड का विमोचन, विजन 2030 की रूपरेखा तय

राज्य में सतत विकास लक्ष्य के क्रियान्वयन हेतु 2018 में उत्तराखंड विजन 2030 बनाया गया, जो 17 क्षेत्रों में वैश्विक लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु रौडमेप प्रदान कर रहा है. नीति आयोग भारत सरकार के दिशा निर्देशों पर 371 संकेतक चयनित किये गये हैं. जिसमें राष्ट्रीय संकेतक और राज्य की प्रासंगिकता के अनुसार संकेतक सम्मिलित हैं.

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Published : Dec 1, 2020, 7:00 PM IST

Chief Minister Trivendra Singh Rawat
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत

देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को सचिवालय में यूएनडीपी और सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी एंड गुड गवर्नेंस, नियोजन विभाग के सहयोग से तैयार सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल SDG मॉनिटरिंग के लिए तैयार डैश बोर्ड का विमोचन किया.

इस दौरान सीएम ने कहा कि 2030 तक सतत विकास का जो लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए और तेजी से प्रयासों की आवश्यकता है. इस दिशा में कुछ क्षेत्रों में अच्छा कार्य हुआ है. राज्य में कुपोषण से मुक्ति के लिए चलाये गये अभियान, अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना, जल संचयन, संरक्षण और नदियों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में भी अनेक प्रयास किये गये हैं. लोगों को स्वच्छ एवं उच्च गुणवत्तायुक्त पेयजल उपलब्ध कराने के लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र एक रूपये में पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है. शहरी क्षेत्रों में भी जल्द ही पानी का कनेक्शन सस्ती दरों पर दिया जायेगा. इन सभी प्रयासों के आने वाले समय में बहुत अच्छे परिणाम मिलेंगे.

सीएम ने बताया कि जिला योजना का 40 प्रतिशत बजट स्वरोजगार के लिए खर्च किया जा रहा है. उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग करने की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं. भारत नेट 2 से नेटवर्किंग और कनेक्टिविटी बढ़ेगी, इसका भी लोगों की आजीविका पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

पढ़ें- केंद्रीय राज्यमंत्री संजय धोत्रे ने की डाक विभाग की समीक्षा, फाइव स्टार विलेज योजना का किया शुभारंभ

सीएम ने कहा कि लक्ष्यों के आधार पर जो भी योजनाएं बनाई गई हैं. उनको पूरा करने के लिए नियमित मॉनिटरिंग भी की जाये. विजन 2030 राज्य के भविष्य व आर्थिक विकास की रूपरेखा है. उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि सतत विकास लक्ष्य के लिए जो 17 क्षेत्र चुने गये हैं, उनमें दिये गये सभी इन्डीकेटर पर किये जा रहे कार्यों की समय-समय पर समीक्षा की जाये.

मुख्यमंत्री ने कहा कि डैशबोर्ड में सभी जनपद समय-समय पर अपनी उपलबिधयां अपलोड करेंगे और रैंकिंग के आधार पर जिन योजनाओं/ इंडीकेटरों में कमी प्रदर्शित होती है उनको प्राथमिकता में लेते हुए सतत विकास का लक्ष्य कार्यान्वयन में सुधार करने के हर संभव प्रयास करेंगे.

मुख्यमंत्री ने सतत विकास लक्ष्य के विभिन्न आयामों गरीबी समाप्त करने, कुपोषण को कम करने, स्वस्थ जीवन, गुणवत्तापरक शिक्षा, लैंगिक समानता, शुद्ध पेयजल, स्वच्छता, स्वच्छ ऊर्जा, आर्थिकी में वृद्धि, राज्य में असमानताओं को कम करने, शहरों के विकास, जलवायु परिवर्तन, वनों का प्रबंधन, जैव विविधता की रक्षा करने और त्वरित न्याय के साथ सुशासन हेतु संस्थानों को मजबूत बनाने पर बल दिया.

अपर मुख्य सचिव नियोजन मनीषा पंवार ने कहा कि राज्य में सतत विकास लक्ष्य के क्रियान्वयन हेतु 2018 में उत्तराखंड विजन 2030 बनाया गया, जो 17 क्षेत्रों में वैश्विक लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु रोडमेप प्रदान कर रहा है. नीति आयोग भारत सरकार के दिशा निर्देशों पर 371 संकेतक चयनित किये गये हैं. जिसमें राष्ट्रीय संकेतक और राज्य की प्रासंगिकता के अनुसार संकेतक सम्मिलित हैं.

देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को सचिवालय में यूएनडीपी और सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी एंड गुड गवर्नेंस, नियोजन विभाग के सहयोग से तैयार सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल SDG मॉनिटरिंग के लिए तैयार डैश बोर्ड का विमोचन किया.

इस दौरान सीएम ने कहा कि 2030 तक सतत विकास का जो लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए और तेजी से प्रयासों की आवश्यकता है. इस दिशा में कुछ क्षेत्रों में अच्छा कार्य हुआ है. राज्य में कुपोषण से मुक्ति के लिए चलाये गये अभियान, अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना, जल संचयन, संरक्षण और नदियों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में भी अनेक प्रयास किये गये हैं. लोगों को स्वच्छ एवं उच्च गुणवत्तायुक्त पेयजल उपलब्ध कराने के लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र एक रूपये में पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है. शहरी क्षेत्रों में भी जल्द ही पानी का कनेक्शन सस्ती दरों पर दिया जायेगा. इन सभी प्रयासों के आने वाले समय में बहुत अच्छे परिणाम मिलेंगे.

सीएम ने बताया कि जिला योजना का 40 प्रतिशत बजट स्वरोजगार के लिए खर्च किया जा रहा है. उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग करने की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं. भारत नेट 2 से नेटवर्किंग और कनेक्टिविटी बढ़ेगी, इसका भी लोगों की आजीविका पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

पढ़ें- केंद्रीय राज्यमंत्री संजय धोत्रे ने की डाक विभाग की समीक्षा, फाइव स्टार विलेज योजना का किया शुभारंभ

सीएम ने कहा कि लक्ष्यों के आधार पर जो भी योजनाएं बनाई गई हैं. उनको पूरा करने के लिए नियमित मॉनिटरिंग भी की जाये. विजन 2030 राज्य के भविष्य व आर्थिक विकास की रूपरेखा है. उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि सतत विकास लक्ष्य के लिए जो 17 क्षेत्र चुने गये हैं, उनमें दिये गये सभी इन्डीकेटर पर किये जा रहे कार्यों की समय-समय पर समीक्षा की जाये.

मुख्यमंत्री ने कहा कि डैशबोर्ड में सभी जनपद समय-समय पर अपनी उपलबिधयां अपलोड करेंगे और रैंकिंग के आधार पर जिन योजनाओं/ इंडीकेटरों में कमी प्रदर्शित होती है उनको प्राथमिकता में लेते हुए सतत विकास का लक्ष्य कार्यान्वयन में सुधार करने के हर संभव प्रयास करेंगे.

मुख्यमंत्री ने सतत विकास लक्ष्य के विभिन्न आयामों गरीबी समाप्त करने, कुपोषण को कम करने, स्वस्थ जीवन, गुणवत्तापरक शिक्षा, लैंगिक समानता, शुद्ध पेयजल, स्वच्छता, स्वच्छ ऊर्जा, आर्थिकी में वृद्धि, राज्य में असमानताओं को कम करने, शहरों के विकास, जलवायु परिवर्तन, वनों का प्रबंधन, जैव विविधता की रक्षा करने और त्वरित न्याय के साथ सुशासन हेतु संस्थानों को मजबूत बनाने पर बल दिया.

अपर मुख्य सचिव नियोजन मनीषा पंवार ने कहा कि राज्य में सतत विकास लक्ष्य के क्रियान्वयन हेतु 2018 में उत्तराखंड विजन 2030 बनाया गया, जो 17 क्षेत्रों में वैश्विक लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु रोडमेप प्रदान कर रहा है. नीति आयोग भारत सरकार के दिशा निर्देशों पर 371 संकेतक चयनित किये गये हैं. जिसमें राष्ट्रीय संकेतक और राज्य की प्रासंगिकता के अनुसार संकेतक सम्मिलित हैं.

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