ETV Bharat / state

मॉनसून की चुनौतियों से लड़ने की तैयारी, आपदा प्रबंधन को लेकर सीएम की बैठक - अधिकारियों के साथ बैठक

उत्तराखंड में मॉनसून हर साल तबाही लेकर आता है. इसीलिए सरकार ने उन परिस्थितियों से निपटने की तैयारी अभी से शुरू कर दी है. आपदा के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने शनिवार को अधिकारियों के साथ बैठक की.

Chief Minister Tirath
Chief Minister Tirath
author img

By

Published : May 22, 2021, 8:43 PM IST

देहरादून: आगामी मॉनसून सीजन में आने वाली चुनौतियों को देखते हुए राज्य सरकार ने अभी से अपनी कमर कस ली है. मॉनसून सीजन की तैयारियों को लेकर शनिवार को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंस के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में मुख्यमंत्री ने वास्तविक स्थिति की जानकारी ली और उसी के हिसाब के अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए.

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समय चुनौती का है. बादल फटने की घटनाएं भी हो रही हैं. आपदा के दृष्टिगत सभी आवश्यक उपकरण तैयार रखे जाय. जनपद के साथ ही तहसील और ब्लॉक स्तर पर भी आपदा कंट्रोल रूम बनाए जाय. यह सुनिश्चित किया जाय कि किसी क्षेत्र में आपदा आने पर रिस्पॉन्स टाइम कम से कम हो. सभी जिलाधिकारी स्थानीय जनप्रतिनिधियों की फोन लिस्ट अपडेट रखें, ताकि किसी भी प्रकार की घटना होने पर तत्काल कार्रवाई की जा सकें.

पढ़ें- उत्तराखंड में ब्लैक फंगस महामारी घोषित

मुख्यमंत्री ने आपदा के दृष्टिगत संवेदनशील स्थानों पर रिलीफ कैंप के लिए जगह चिन्हित किए जाने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मॉनसून सीजन के दृष्टिगत पर्वतीय जनपदों में खाद्यान्न की पूर्ण व्यवस्था रखी जाय. सभी डिपार्टमेंट से नोडल ऑफिसर की नियुक्ति जल्द की जाए. यह सुनिश्चित हो कि आपदा के दौरान किसी भी प्रकार की क्षति होने पर आपदा के मानकों के हिसाब से संबंधित को क्षतिपूर्ति का भुगतान जल्द हो, जिन जनपदों में अभी मॉक ड्रिल नहीं हुई है, कोविड अप्रोप्रिएट बिहेवियर का ध्यान रखते हुए जल्द की जाए.

उन्होंने कहा कि आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील और संवेदनशील स्थानों पर हर समय पर्याप्त उपकरणों की व्यवस्था की जाए. आपदा के दृष्टिगत सभी जिलाधिकारी हेलीपैड मेंटेनेंस पर विशेष ध्यान दें. मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि लोगों को आवागमन में कम से कम परेशानी हो, इसके लिए वैकल्पिक मार्गों की पूर्ण व्यवस्था हो. आपदा प्रबंधन की दृष्टि से पेयजल और बिजली की आपूर्ति के लिए क्विक रिस्पॉन्स हो. पेयजल गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाय.

पढ़ें- कर्फ्यू में भी फल-फूल रहा शराब का 'काला' कारोबार, कुमाऊं में उधम सिंह नगर टॉपर

मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि संवेदनशील जल विद्युत परियोजनाओं के दृष्टिगत इनके आस-पास अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाये जाय. आपदा की दृष्टि से हेलीपैड मेंटेनेंस के लिए डीएम, एसडीआरएफ और नागरिक उड्डयन विभाग के अधिकारी इनका स्थलीय निरीक्षण करें और सुनिश्चित किया जाए कि संचार व्यवस्थाएं सुचारू रहे.

देहरादून: आगामी मॉनसून सीजन में आने वाली चुनौतियों को देखते हुए राज्य सरकार ने अभी से अपनी कमर कस ली है. मॉनसून सीजन की तैयारियों को लेकर शनिवार को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंस के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में मुख्यमंत्री ने वास्तविक स्थिति की जानकारी ली और उसी के हिसाब के अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए.

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समय चुनौती का है. बादल फटने की घटनाएं भी हो रही हैं. आपदा के दृष्टिगत सभी आवश्यक उपकरण तैयार रखे जाय. जनपद के साथ ही तहसील और ब्लॉक स्तर पर भी आपदा कंट्रोल रूम बनाए जाय. यह सुनिश्चित किया जाय कि किसी क्षेत्र में आपदा आने पर रिस्पॉन्स टाइम कम से कम हो. सभी जिलाधिकारी स्थानीय जनप्रतिनिधियों की फोन लिस्ट अपडेट रखें, ताकि किसी भी प्रकार की घटना होने पर तत्काल कार्रवाई की जा सकें.

पढ़ें- उत्तराखंड में ब्लैक फंगस महामारी घोषित

मुख्यमंत्री ने आपदा के दृष्टिगत संवेदनशील स्थानों पर रिलीफ कैंप के लिए जगह चिन्हित किए जाने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मॉनसून सीजन के दृष्टिगत पर्वतीय जनपदों में खाद्यान्न की पूर्ण व्यवस्था रखी जाय. सभी डिपार्टमेंट से नोडल ऑफिसर की नियुक्ति जल्द की जाए. यह सुनिश्चित हो कि आपदा के दौरान किसी भी प्रकार की क्षति होने पर आपदा के मानकों के हिसाब से संबंधित को क्षतिपूर्ति का भुगतान जल्द हो, जिन जनपदों में अभी मॉक ड्रिल नहीं हुई है, कोविड अप्रोप्रिएट बिहेवियर का ध्यान रखते हुए जल्द की जाए.

उन्होंने कहा कि आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील और संवेदनशील स्थानों पर हर समय पर्याप्त उपकरणों की व्यवस्था की जाए. आपदा के दृष्टिगत सभी जिलाधिकारी हेलीपैड मेंटेनेंस पर विशेष ध्यान दें. मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि लोगों को आवागमन में कम से कम परेशानी हो, इसके लिए वैकल्पिक मार्गों की पूर्ण व्यवस्था हो. आपदा प्रबंधन की दृष्टि से पेयजल और बिजली की आपूर्ति के लिए क्विक रिस्पॉन्स हो. पेयजल गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाय.

पढ़ें- कर्फ्यू में भी फल-फूल रहा शराब का 'काला' कारोबार, कुमाऊं में उधम सिंह नगर टॉपर

मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि संवेदनशील जल विद्युत परियोजनाओं के दृष्टिगत इनके आस-पास अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाये जाय. आपदा की दृष्टि से हेलीपैड मेंटेनेंस के लिए डीएम, एसडीआरएफ और नागरिक उड्डयन विभाग के अधिकारी इनका स्थलीय निरीक्षण करें और सुनिश्चित किया जाए कि संचार व्यवस्थाएं सुचारू रहे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.