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खरीफ खरीद सत्र 2020-21 की समीक्षा, धान खरीद के लिए 10 लाख मीट्रिक टन रखा लक्ष्य

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Published : Sep 24, 2020, 10:28 PM IST

Updated : Sep 25, 2020, 12:21 AM IST

मुख्यमंत्री ने आज खरीफ खरीद सत्र 2020-21 की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिये कि क्रय केन्द्रों पर किसानों को कोई परेशानी न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाये. उन्होंने धान मूल्य का किसानों को अविलम्ब भुगतान की व्यवस्था बनाने को कहा.

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मुख्यमंत्री ने की खरीफ खरीद सत्र 2020-21 की समीक्षा

देहरादून: गुरुवार को सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में खरीफ खरीद सत्र 2020-21 के लिए धान क्रय सम्बन्धी व्यवस्थाओं की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने इस वर्ष 242 धान क्रय केन्द्रों के माध्यम से 10 लाख मीट्रिक टन धान क्रय के लक्ष्य पर सहमति व्यक्त करते हुए इस सम्बन्ध में समय से सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के निर्देश दिये. मुख्यमंत्री ने इस वर्ष ए ग्रेड धान का मूल्य ₹1888 प्रति कुंतल तथा औसत धान का मूल्य ₹1868 प्रति कुंतल निर्धारित किये जाने पर भी सहमति जतायी. उन्होंने 1 अक्टूबर से की जाने वाली धान क्रय के सम्बन्घ में सभी व्यवस्थायें सुनिश्चित करने को कहा.

इस दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि धान क्रय के संबध में पिछले साल व्यवस्थाओं में अगर कोई कमी रह गई हो तो उसका संज्ञान लेकर उससे बेहतर व्यवस्थायें सुनिश्चित की जाये. उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिये कि क्रय केन्द्रों पर किसानों को कोई परेशानी न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाये. उन्होंने धान मूल्य का किसानों को अविलम्ब भुगतान की व्यवस्था बनाने को कहा.

पढ़ें- CORONA: उत्तराखंड में मिले 684 पॉजिटिव मरीज, अब तक 542 की मौत

मुख्यमंत्री ने इस सम्बन्ध में सहकारिता विभाग को आवश्यक धनराशि व्यवस्था करने के साथ ही मंडी प्रबन्ध निदेशक को भी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा. किसानों को बेहतर सुविधायें उपलब्ध हो इसके लिए किसानों का डाटा तैयार करने पर भी ध्यान देने के निर्देश दिये गये. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि धान की खरीद के लिए तैयार किये गये ई खरीद सॉफ्टवेयर के माध्यम से करने की व्यवस्था की जाये.

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खाद्य सचिव सुशील कुमार ने मुख्यमंत्री को बताया कि धान क्रय केन्द्रों पर सभी आवश्यक व्यवस्थायें की जा रही हैं. उन्होंने बताया कि धान क्रय के लिए खाद्य विभाग, सहकारिता विभाग,एनसीसीएफ एवं नैफैड एजेंसियां निर्धारित की गई हैं. आढ़तियों के माध्यम से भी धान क्रय की व्यवस्था है, जबकि खाद्य नागरिक आपूर्ति विपणन एवं आपूर्ति के साथ ही उत्तराखण्ड राज्य भण्डारण निगम तथा केन्द्रीय भण्डारण निगम के स्तर पर भी भण्डारण की व्यवस्था है.

पढ़ें-रुद्रपुर कोतवाली पुलिस ने नीलाम की बाइक, पीड़ित ने SSP से लगाई गुहार


उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस वर्ष लगभग 2,50,000 हैक्टेयर के धान की बुआई हुई थी. जिसके सापेक्ष 10 लाख मीट्रिक टन धान क्रय का लक्ष्य प्रस्तावित किया गया है. उन्होंने बताया कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस साल किसानों की सुविधा के लिए क्रय केन्द्रों में वृद्धि की गई है.

देहरादून: गुरुवार को सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में खरीफ खरीद सत्र 2020-21 के लिए धान क्रय सम्बन्धी व्यवस्थाओं की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने इस वर्ष 242 धान क्रय केन्द्रों के माध्यम से 10 लाख मीट्रिक टन धान क्रय के लक्ष्य पर सहमति व्यक्त करते हुए इस सम्बन्ध में समय से सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के निर्देश दिये. मुख्यमंत्री ने इस वर्ष ए ग्रेड धान का मूल्य ₹1888 प्रति कुंतल तथा औसत धान का मूल्य ₹1868 प्रति कुंतल निर्धारित किये जाने पर भी सहमति जतायी. उन्होंने 1 अक्टूबर से की जाने वाली धान क्रय के सम्बन्घ में सभी व्यवस्थायें सुनिश्चित करने को कहा.

इस दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि धान क्रय के संबध में पिछले साल व्यवस्थाओं में अगर कोई कमी रह गई हो तो उसका संज्ञान लेकर उससे बेहतर व्यवस्थायें सुनिश्चित की जाये. उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिये कि क्रय केन्द्रों पर किसानों को कोई परेशानी न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाये. उन्होंने धान मूल्य का किसानों को अविलम्ब भुगतान की व्यवस्था बनाने को कहा.

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मुख्यमंत्री ने इस सम्बन्ध में सहकारिता विभाग को आवश्यक धनराशि व्यवस्था करने के साथ ही मंडी प्रबन्ध निदेशक को भी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा. किसानों को बेहतर सुविधायें उपलब्ध हो इसके लिए किसानों का डाटा तैयार करने पर भी ध्यान देने के निर्देश दिये गये. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि धान की खरीद के लिए तैयार किये गये ई खरीद सॉफ्टवेयर के माध्यम से करने की व्यवस्था की जाये.

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खाद्य सचिव सुशील कुमार ने मुख्यमंत्री को बताया कि धान क्रय केन्द्रों पर सभी आवश्यक व्यवस्थायें की जा रही हैं. उन्होंने बताया कि धान क्रय के लिए खाद्य विभाग, सहकारिता विभाग,एनसीसीएफ एवं नैफैड एजेंसियां निर्धारित की गई हैं. आढ़तियों के माध्यम से भी धान क्रय की व्यवस्था है, जबकि खाद्य नागरिक आपूर्ति विपणन एवं आपूर्ति के साथ ही उत्तराखण्ड राज्य भण्डारण निगम तथा केन्द्रीय भण्डारण निगम के स्तर पर भी भण्डारण की व्यवस्था है.

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उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस वर्ष लगभग 2,50,000 हैक्टेयर के धान की बुआई हुई थी. जिसके सापेक्ष 10 लाख मीट्रिक टन धान क्रय का लक्ष्य प्रस्तावित किया गया है. उन्होंने बताया कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस साल किसानों की सुविधा के लिए क्रय केन्द्रों में वृद्धि की गई है.

Last Updated : Sep 25, 2020, 12:21 AM IST
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