देहरादून: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर लगी रोक के अपने फैसले को वापस ले लिया है. ऐसे में कल यानी 18 सितंबर से प्रदेश में चारधाम यात्रा शुरू होगी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह जानकारी दी है. होईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर लगी रोक को हटाते हुए राज्य सरकार को कोविड गाइडलाइन के प्रोटोकॉल के साथ यात्रा संचालित करने के निर्देश दिए हैं. वहीं, यात्रा के संबंध में आज शाम को राज्य सरकार एसओपी जारी कर सकती है.
बता दें कि नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और जस्टिस आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने कहा कि मंदिर में दर्शन के लिए प्रतिदिन निर्धारित संख्या जैसी प्रतिबंधों के साथ ही यात्रा संचालित होगी. कोर्ट ने कहा कि दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को कोविड-नेगेटिव जांच रिपोर्ट या कोविड वैक्सीनेशन प्रमाण-पत्र लाना अनिवार्य होगा.
प्रतिदिन इतने श्रद्धालुओं को मिलेगी दर्शन की अनुमति: चारधाम मंदिरों में श्रद्धालुओं की दैनिक सीमा निर्धारित करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि केदारनाथ धाम में प्रतिदिन अधिकतम 800, बदरीनाथ में 1200, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 यात्रियों की दर्शन की अनुमति दी जाएगी.
इसके अतिरिक्त, यात्रियों को मंदिरों के आसपास स्थित झरनों में स्नान की अनुमति नहीं होगी. अदालत ने कहा कि चमोली, रूद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में चारधाम यात्रा के दौरान जरुरत के अनुसार पुलिस बल तैनात किया जाएगा. चमोली में बदरीनाथ, रूद्रप्रयाग में केदारनाथ और उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर स्थित हैं.
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राज्य सरकार ने बताया राहत भरा फैसला: उत्तराखंड हाईकोर्ट का यह फैसला राज्य सरकार के लिए बड़ी राहत लेकर आया है. चारधाम यात्रा से लाखों लोगों की रोजी-रोटी जुड़ी है. साथ ही लंबे समय से चारधाम यात्रा शुरू करने की मांग की जा रही थी. जिससे यात्रा को शुरू करने को लेकर राज्य सरकार पर चौतरफा दवाब था.
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ऐसे में कोविड हालात के कारण पैदा हुई अनिश्चितता के बीच हाईकोर्ट ने 28 जून को राज्य मंत्रिमंडल के सीमित स्तर पर चारधाम यात्रा शुरू करने के निर्णय पर रोक लगा दी थी. मंत्रिमंडल ने चमोली, रूद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों के निवासियों को मंदिर दर्शन की अनुमति देने का फैसला किया था. जिस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी.