देहरादून: कुर्सी पर बैठने को लेकर जोशीमठ के उपजिलाधिकारी और बीकेटीसी के सीईओ बीच हुए विवाद पर चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष पंडित शिव प्रसाद ममगाईं ने नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि इस विवाद के चलते मंदिर से जुड़ी प्रक्रिया करीब दो घंटे तक प्रभावित रही थी. जिस कारण भगवान बदरीनाथ को करीब 2 घंटे की देरी से भोग लगाया गया था. इस दौरान श्रद्धालु भी भगवान के दर्शन नहीं कर पाए थे, जो गंभीर विषय है.
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ममगाईं ने कहा कि इस को लेकर वे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात कर चुके हैं. चार धाम विकास परिषद का उपाध्यक्ष होने के नाते उन्होंने इस विषय को गंभीरता से लिया है. इस तरह के विवाद से बदरी-केदार मंदिर समिति के साथ चारधाम विकास परिषद भी बदनाम होता है. इससे बाहर के आए श्रद्धालुओं को गलत संदेश जाता है. हालांकि उन्होंने उपजिलाधिकारी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें भी बीकेटीसी के सीईओ की कुर्सी पर नहीं बैठना चाहिए था.
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बता दें कि 23 मई को बदरीनाथ धाम में जोशीमठ के उपजिलाधिकारी वैभव गुप्ता गुजरात धर्मशाला स्थित सीईओ के कक्ष में पहुंचे और उनकी कुर्सी पर बैठ गए थे. जिस पर सीईओ ने आपत्ति जताई थी. इसी बात पर दोनों अधिकारियों के बीच बहस हो गई थी. मामले की सूचना मिलते ही मंदिर समिति के कर्मचारी व आचार्य ब्राह्मण मौके पर पहुंचे और उपजिलाधिकारी के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. इस दौरान मंदिर में होने वाली सभी प्रक्रिया रोक दी गई थी. मामला बढ़ता देख उपजिलाधिकारी ने लिखित खेद जताया तब जाकर मामला शांत हुआ था. इसके बाद श्रद्धालुओं को दर्शन करने दिए गए थे.