देहरादून: चमोली के जोशीमठ में जल प्रलय को लेकर अबतक की सभी आशंकाएं गलत साबित होती हुई दिखाई दे रही हैं. जोशीमठ के रैणी गांव के पास ग्लेशियर गिरने के चलते बड़ा हादसा होने की खबर का मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अब खंडन कर दिया है. दरअसल, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी है कि जोशीमठ में जो हादसा हुआ था वह नई बर्फ के नदी में गिरने के कारण हुआ है.
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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज इसरो के अधिकारियों समेत आपदा प्रबंधन और शासन के विभिन्न अधिकारियों से बातचीत की. इस दौरान इसरो के अधिकारियों ने साफ किया कि तपोवन में नदी के तेज बहाव के चलते जो हादसा हुआ था वह ग्लेशियर टूटने से नहीं बल्कि नई बर्फ के नदी में गिरने के कारण हुआ था.
इसके साथ ही इसरो ने सीएम को बताया कि जो चित्र लिए गए हैं उसमें कहीं भी पुराने ग्लेशियर के गिरने की पुष्टि नहीं हो रही है. जिस क्षेत्र में यह ग्लेशियर टूट कर गिरने की बात कही जा रही है, वहां पर एवलॉंच (हिमस्खलन) आने जैसी स्थितियां नहीं हैं. ऐसे में पिछले दिनों में हुई बर्फबारी के एक जगह पर इकट्ठा होने और उसके बाद कई लाख मीट्रिक टन नई बर्फ के नदी में गिरने के कारण नदी का बहाव तेज हुआ है और इसी कारण से तमाम प्रोजेक्ट तबाह हुए हैं.