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बोर्ड परीक्षा को लेकर बच्चों पर न होने दें तनाव हावी, पैरेंट्स रखें इस बात का विशेष ध्यान

एग्जाम प्रेशर के संबंध में जब हमने कुछ छात्र-छात्राओं से बात की तो उनका कहना था कि हल्का तनाव तो हर परीक्षा के दौरान रहता है. लेकिन बोर्ड परीक्षा का मतलब यह नहीं कि अधिक तनाव है. स्टूडेंट्स के मुताबिक तनावपूर्ण स्थिति से सिर्फ उन्ही छात्र-छात्राओं को गुजरना पढ़ता है जो पूरे साल अपनी पढ़ाई सही तरीके से नहीं करते, और जैसे ही परीक्षा सामने आती है परिक्षार्थियों पर अच्छे परिणामों का प्रेशर बढ़ जाता है.

बोर्ड परीक्षा की तैयारियां.
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Published : Feb 19, 2019, 3:40 PM IST

देहरादून: आगामी मार्च के पहले सप्ताह से सीबीएसई बोर्ड की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं. ऐसे में बोर्ड परीक्षा शुरू होने में कुछ ही दिन शेष रह गए हैं इस स्थिति में स्कूली बच्चों पर परीक्षा में अच्छे अंको से उत्तीर्ण होने का प्रेशर तो है ही साथ ही अपने माता- पिता की उम्मीदों पर खरा उतरना भी परिक्षार्थियों के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है. ऐसे में बच्चे तनाव में आ जाते हैं.

बोर्ड परीक्षा की तैयारियां.

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एग्जाम प्रेशर के संबंध में जब हमने कुछ छात्र-छात्राओं से बात की तो उनका कहना था कि हल्का तनाव तो हर परीक्षा के दौरान रहता है. लेकिन बोर्ड परीक्षा का मतलब यह नहीं कि अधिक तनाव है. स्टूडेंट्स के मुताबिक तनावपूर्ण स्थिति से सिर्फ उन्ही छात्र-छात्राओं को गुजरना पढ़ता है जो पूरे साल अपनी पढ़ाई सही तरीके से नहीं करते, और जैसे ही परीक्षा सामने आती है परिक्षार्थियों पर अच्छे परिणामों का प्रेशर बढ़ जाता है.

वहीं बोर्ड एग्जाम के प्रेशर को लेकर स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि छात्रों को पूरे साल सही ढंग से पढ़ाई करनी चाहिए. वहीं जहां तक हो सके बोर्ड एग्जाम से पहले का समय छात्रों को सिर्फ रिवीजन के लिए रखना चाहिए. इसके अलावा इस दौरान अभिभावकों को भी अपने बच्चों का बेहतर ख्याल रखना चाहिए. अभिभावकों को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका बच्चा सही ढंग से नींद और पौष्टिक आहार ले रहा है कि नहीं. जहां तक हो सकें अभिभावकों को अपने बच्चों का हौसला बढ़ाना चाहिए कि हर स्थिति में वे उनके साथ खड़े हैं.

पढ़ें- मसूरी में जमकर हुई ओलावृष्टि, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

वहीं सायकोलॉजिस्ट डॉ मुकुल शर्मा बताते हैं कि एग्जाम की तैयारियों के दौरान बच्चों को कम से कम तनाव लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि हंसने से बेहतर तनाव कम करने का दूसरा दूसरा कोई उपाय नहीं है. ऐसे में अपनी सुविधा के अनुसार पढ़ाई करने के बाद छात्रों को कुछ समय हंसने के लिए भी निकलना चाहिए. क्योंकि हंसना हर उम्र के लोगों के लिए एक ऐसी दवा है, जिससे तनाव कम होता है. साथ ही साथ मस्तिष्क में ताजगी आती है और तंदुरुस्ती का भी एहसास होता है. ऐसे में यदि छात्र हंसते हुए बिना किसी तनाव के साथ पढ़ाई करेंगे तो परीक्षा में अच्छे अंक हासिल कर सकेंगे. ऐसे में अभिभावकों को बच्चों के साथ बात करनी चाहिए और जिससे बच्चे बोर्ड परीक्षा को लेकर तनाव न लें.

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देहरादून: आगामी मार्च के पहले सप्ताह से सीबीएसई बोर्ड की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं. ऐसे में बोर्ड परीक्षा शुरू होने में कुछ ही दिन शेष रह गए हैं इस स्थिति में स्कूली बच्चों पर परीक्षा में अच्छे अंको से उत्तीर्ण होने का प्रेशर तो है ही साथ ही अपने माता- पिता की उम्मीदों पर खरा उतरना भी परिक्षार्थियों के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है. ऐसे में बच्चे तनाव में आ जाते हैं.

बोर्ड परीक्षा की तैयारियां.

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एग्जाम प्रेशर के संबंध में जब हमने कुछ छात्र-छात्राओं से बात की तो उनका कहना था कि हल्का तनाव तो हर परीक्षा के दौरान रहता है. लेकिन बोर्ड परीक्षा का मतलब यह नहीं कि अधिक तनाव है. स्टूडेंट्स के मुताबिक तनावपूर्ण स्थिति से सिर्फ उन्ही छात्र-छात्राओं को गुजरना पढ़ता है जो पूरे साल अपनी पढ़ाई सही तरीके से नहीं करते, और जैसे ही परीक्षा सामने आती है परिक्षार्थियों पर अच्छे परिणामों का प्रेशर बढ़ जाता है.

वहीं बोर्ड एग्जाम के प्रेशर को लेकर स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि छात्रों को पूरे साल सही ढंग से पढ़ाई करनी चाहिए. वहीं जहां तक हो सके बोर्ड एग्जाम से पहले का समय छात्रों को सिर्फ रिवीजन के लिए रखना चाहिए. इसके अलावा इस दौरान अभिभावकों को भी अपने बच्चों का बेहतर ख्याल रखना चाहिए. अभिभावकों को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका बच्चा सही ढंग से नींद और पौष्टिक आहार ले रहा है कि नहीं. जहां तक हो सकें अभिभावकों को अपने बच्चों का हौसला बढ़ाना चाहिए कि हर स्थिति में वे उनके साथ खड़े हैं.

पढ़ें- मसूरी में जमकर हुई ओलावृष्टि, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

वहीं सायकोलॉजिस्ट डॉ मुकुल शर्मा बताते हैं कि एग्जाम की तैयारियों के दौरान बच्चों को कम से कम तनाव लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि हंसने से बेहतर तनाव कम करने का दूसरा दूसरा कोई उपाय नहीं है. ऐसे में अपनी सुविधा के अनुसार पढ़ाई करने के बाद छात्रों को कुछ समय हंसने के लिए भी निकलना चाहिए. क्योंकि हंसना हर उम्र के लोगों के लिए एक ऐसी दवा है, जिससे तनाव कम होता है. साथ ही साथ मस्तिष्क में ताजगी आती है और तंदुरुस्ती का भी एहसास होता है. ऐसे में यदि छात्र हंसते हुए बिना किसी तनाव के साथ पढ़ाई करेंगे तो परीक्षा में अच्छे अंक हासिल कर सकेंगे. ऐसे में अभिभावकों को बच्चों के साथ बात करनी चाहिए और जिससे बच्चे बोर्ड परीक्षा को लेकर तनाव न लें.

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देहरादून: बोर्ड परीक्षा को लेकर बच्चों पर न होने दें तनाव हावी, पैरेंट्स रखें इस बात का विशेष ध्यान

CBSE Board Examination Preparation in Dehradun

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देहरादून: आगामी मार्च के पहले सप्ताह से सीबीएसई बोर्ड की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं. ऐसे में बोर्ड परीक्षा शुरू होने में कुछ ही दिन शेष रह गए हैं इस स्थिति में स्कूली बच्चों पर परीक्षा में अच्छे अंको से उत्तीर्ण होने का प्रेशर तो है ही साथ ही अपने माता- पिता की उम्मीदों पर खरा उतरना भी परिक्षार्थियों  के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है. ऐसे में बच्चे तनाव में आ जाते हैं.

एग्जाम प्रेशर के संबंध में जब हमने कुछ छात्र-छात्राओं से बात की तो उनका कहना था कि हल्का तनाव तो हर परीक्षा के दौरान रहता है. लेकिन बोर्ड परीक्षा का मतलब यह नहीं कि अधिक तनाव है. स्टूडेंट्स के मुताबिक तनावपूर्ण स्थिति से सिर्फ उन्ही छात्र-छात्राओं को गुजरना पढ़ता है जो पूरे साल अपनी पढ़ाई सही तरीके से नहीं करते, और जैसे ही परीक्षा सामने आती है परिक्षार्थियों पर अच्छे परिणामों का प्रेशर बढ़ जाता है.



वहीं बोर्ड एग्जाम के प्रेशर को लेकर स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि छात्रों को पूरे साल सही ढंग से पढ़ाई करनी चाहिए. वहीं जहां तक हो सके बोर्ड एग्जाम से पहले का समय छात्रों को सिर्फ रिवीजन के लिए रखना चाहिए. इसके अलावा इस दौरान अभिभावकों को भी अपने बच्चों का बेहतर ख्याल रखना चाहिए. अभिभावकों को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका बच्चा सही ढंग से नींद और पौष्टिक आहार ले रहा है कि नहीं. जहां तक हो सकें अभिभावकों को अपने बच्चों का हौसला बढ़ाना चाहिए कि हर स्थिति में वे उनके साथ खड़े हैं.



वहीं  सायकोलॉजिस्ट डॉ मुकुल शर्मा बताते हैं कि एग्जाम की तैयारियों के दौरान बच्चों को कम से कम तनाव लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि हंसने से बेहतर तनाव कम करने का दूसरा दूसरा कोई उपाय नहीं है. ऐसे में अपनी सुविधा के अनुसार पढ़ाई करने के बाद छात्रों को कुछ समय हंसने के लिए भी निकलना चाहिए. क्योंकि हंसना हर उम्र के लोगों के लिए एक ऐसी दवा है, जिससे तनाव कम होता  है.  साथ ही साथ मस्तिष्क में ताजगी आती है और तंदुरुस्ती का भी एहसास होता है. ऐसे में यदि छात्र हंसते हुए बिना किसी तनाव के साथ पढ़ाई करेंगे तो परीक्षा में अच्छे अंक हासिल कर सकेंगे. ऐसे में अभिभावकों को बच्चों के साथ बात करनी चाहिए और जिससे बच्चे बोर्ड परीक्षा को लेकर तनाव न लें. 

 


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