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शासन के एक पत्र ने उड़ाई उपनल कर्मियों की नींद, वन विभाग के कर्मचारी ने की आत्महत्या की कोशिश, मामले ने पकड़ा तूल - upnl worker reached uttarakhand

Uttarakhand Forest Department में तैनात एक कर्मचारी द्वारा आत्महत्या की कोशिश करने का मामला तूल पकड़ने लगा है. मामले में वन महकमे से लेकर शासन तक हड़कंप मचा हुआ है. उधर, शासन के एक पत्र ने कई उपनल कर्मियों की नींद उड़ा रखी है. जिससे उपनल कर्मियों के वेतन के लाले पड़ गए हैं. जानिए क्या है पूरा मामला... UPNL Workers Pending Salary

Uttarakhand Forest Department
उत्तराखंड वन विभाग
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 30, 2023, 4:07 PM IST

Updated : Aug 30, 2023, 7:22 PM IST

कर्मचारी के आत्महत्या के प्रयास का मामला शासन तक पहुंचा.

देहरादूनः उत्तराखंड वन विभाग में एक कर्मचारी के आत्महत्या की कोशिश का मामला शासन तक जा पहुंचा है. बताया जा रहा है कि कर्मचारी वेतन न मिलने से आहत था. इससे पहले अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने एक पत्र जारी किया था. इस पत्र के बाद राज्यभर के कई उपनल कर्मियों को वेतन के लाले पड़ गए. खास बात ये है कि वेतन न मिलने के कारण एक उपनल कर्मी ने आत्महत्या करने की कोशिश की तो दूसरी तरफ वन विभाग ने राज्यभर में पद के सापेक्ष भर्ती न करते हुए पदों पर कई गुना ज्यादा भर्तियां कर दी. अब वित्त का रोना रोकर ऐसे कर्मियों के वेतन की समस्या खड़ी कर दी गई है.

दरअसल, अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने पद के सापेक्ष आउटसोर्सिंग पर ली गई सेवाओं (सफाई या सुरक्षा व्यवस्था के साथ बागवानी) आदि का भुगतान पारिश्रमिक (दैनिक) के माध्यम से किए जाने के निर्देश दिए हैं. जबकि, आउटसोर्सिंग के माध्यम से काम कर रहे कर्मियों पर होने वाले मद 27 के तहत भुगतान करने का प्रावधान है. हालांकि, उन्होंने मामले में 25 अक्टूबर 2019 के एक आदेश का हवाला दिया है.
ये भी पढ़ेंः जयपाल नेगी प्रकरण के बाद गरमाया माहौल, डीएफओ ऑफिस में उपनल कर्मचारियों का हल्ला बोल

इस पत्र के जारी होने के बाद प्रदेशभर में कई उपनल और पीआरडी कर्मचारियों को मौजूदा वेतन मिलने में परेशानी खड़ी हो गई है. खास बात ये है कि इस पत्र के जारी होने के बाद अब उपनल या पीआरडी कर्मियों को भविष्य में विभागों में रखना भी मुश्किल हो जाएगा. ऐसे में कई सालों से कम कर रहे कर्मचारियों के रोजगार पर भी संकट खड़ा हो गया है.

Uttarakhand Forest Department
अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन की ओर से जारी पत्र

कर्मचारी ने खाया जहरीला पदार्थः वहीं, मामले को लेकर देहरादून वन विभाग कार्यालय परिसर में कर्मचारियों ने जबरदस्त विरोध किया. बता दें कि, एक दिन पहले ही वेतन न मिलने के कारण देहरादून डीएफओ कार्यालय में तैनात एक उपनल कर्मचारी ने आत्महत्या का प्रयास किया, जिसकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है. इस घटना के बाद उपनल कर्मचारी ने डीएफओ कार्यालय पहुंचकर देहरादून के डीएफओ नीतीश मणि त्रिपाठी का घेराव किया.
ये भी पढ़ेंः Salary Demand: जान पर खेलकर कर रहे जंगल की सुरक्षा, 8 महीने से नहीं मिला वेतन, आउटसोर्स और उपनल कर्मी बेहाल

उत्तराखंड वन विभाग में मचा हड़कंपः उधर, उपनल कर्मचारी के वेतन को लेकर खड़ी हुई परेशानी और कर्मचारी के आत्महत्या का प्रयास करने के मामले से विभाग में हड़कंप मच गया है. इस मामले में न केवल पीसीसीएफ हॉफ अनूप मलिक ने अधिकारियों को तलब किया है. शासन में भी इन स्थितियों को लेकर समाधान के लिए विचार किया जा रहा है. हालांकि, कर्मचारियों ने सीधे तौर पर सरकार और शासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कर्मचारियों के विरोध में आए इस फैसले पर नाराजगी जाहिर की है.

Uttarakhand Forest Department
उपनल कर्मियों का प्रदर्शन

उत्तराखंड वन विभाग में काफी संख्या में उपनल कर्मचारी काम कर रहे हैं. सवाल ये है कि आखिरकार पद के सापेक्ष कर्मचारियों की नियुक्ति न करते हुए कई गुना ज्यादा कर्मचारियों की नियुक्ति कैसे कर दी गई? इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई कब की जाएगी.

वित्त विभाग की तरफ से आपत्ति दर्ज किए जाने के बाद सैकड़ों उपनल कर्मचारियों के भविष्य पर संकट तो खड़ा हो गया है, लेकिन जिन अधिकारियों ने इन उपनल कर्मचारी की नियुक्ति की, उन पर कार्रवाई को लेकर कोई निर्णय नहीं हो पाया है. उधर, विभाग के अधिकारी उच्च स्तर पर मामले में निर्णय किए जाने की बात कह रहे हैं.
ये भी पढ़ेंः वन विभाग और वन निगम की आपस में ठनी, एक दूसरे पर लगा रहे आरोप-प्रत्यारोप, जानिए पूरा मामला

कर्मचारी के आत्महत्या के प्रयास का मामला शासन तक पहुंचा.

देहरादूनः उत्तराखंड वन विभाग में एक कर्मचारी के आत्महत्या की कोशिश का मामला शासन तक जा पहुंचा है. बताया जा रहा है कि कर्मचारी वेतन न मिलने से आहत था. इससे पहले अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने एक पत्र जारी किया था. इस पत्र के बाद राज्यभर के कई उपनल कर्मियों को वेतन के लाले पड़ गए. खास बात ये है कि वेतन न मिलने के कारण एक उपनल कर्मी ने आत्महत्या करने की कोशिश की तो दूसरी तरफ वन विभाग ने राज्यभर में पद के सापेक्ष भर्ती न करते हुए पदों पर कई गुना ज्यादा भर्तियां कर दी. अब वित्त का रोना रोकर ऐसे कर्मियों के वेतन की समस्या खड़ी कर दी गई है.

दरअसल, अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने पद के सापेक्ष आउटसोर्सिंग पर ली गई सेवाओं (सफाई या सुरक्षा व्यवस्था के साथ बागवानी) आदि का भुगतान पारिश्रमिक (दैनिक) के माध्यम से किए जाने के निर्देश दिए हैं. जबकि, आउटसोर्सिंग के माध्यम से काम कर रहे कर्मियों पर होने वाले मद 27 के तहत भुगतान करने का प्रावधान है. हालांकि, उन्होंने मामले में 25 अक्टूबर 2019 के एक आदेश का हवाला दिया है.
ये भी पढ़ेंः जयपाल नेगी प्रकरण के बाद गरमाया माहौल, डीएफओ ऑफिस में उपनल कर्मचारियों का हल्ला बोल

इस पत्र के जारी होने के बाद प्रदेशभर में कई उपनल और पीआरडी कर्मचारियों को मौजूदा वेतन मिलने में परेशानी खड़ी हो गई है. खास बात ये है कि इस पत्र के जारी होने के बाद अब उपनल या पीआरडी कर्मियों को भविष्य में विभागों में रखना भी मुश्किल हो जाएगा. ऐसे में कई सालों से कम कर रहे कर्मचारियों के रोजगार पर भी संकट खड़ा हो गया है.

Uttarakhand Forest Department
अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन की ओर से जारी पत्र

कर्मचारी ने खाया जहरीला पदार्थः वहीं, मामले को लेकर देहरादून वन विभाग कार्यालय परिसर में कर्मचारियों ने जबरदस्त विरोध किया. बता दें कि, एक दिन पहले ही वेतन न मिलने के कारण देहरादून डीएफओ कार्यालय में तैनात एक उपनल कर्मचारी ने आत्महत्या का प्रयास किया, जिसकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है. इस घटना के बाद उपनल कर्मचारी ने डीएफओ कार्यालय पहुंचकर देहरादून के डीएफओ नीतीश मणि त्रिपाठी का घेराव किया.
ये भी पढ़ेंः Salary Demand: जान पर खेलकर कर रहे जंगल की सुरक्षा, 8 महीने से नहीं मिला वेतन, आउटसोर्स और उपनल कर्मी बेहाल

उत्तराखंड वन विभाग में मचा हड़कंपः उधर, उपनल कर्मचारी के वेतन को लेकर खड़ी हुई परेशानी और कर्मचारी के आत्महत्या का प्रयास करने के मामले से विभाग में हड़कंप मच गया है. इस मामले में न केवल पीसीसीएफ हॉफ अनूप मलिक ने अधिकारियों को तलब किया है. शासन में भी इन स्थितियों को लेकर समाधान के लिए विचार किया जा रहा है. हालांकि, कर्मचारियों ने सीधे तौर पर सरकार और शासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कर्मचारियों के विरोध में आए इस फैसले पर नाराजगी जाहिर की है.

Uttarakhand Forest Department
उपनल कर्मियों का प्रदर्शन

उत्तराखंड वन विभाग में काफी संख्या में उपनल कर्मचारी काम कर रहे हैं. सवाल ये है कि आखिरकार पद के सापेक्ष कर्मचारियों की नियुक्ति न करते हुए कई गुना ज्यादा कर्मचारियों की नियुक्ति कैसे कर दी गई? इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई कब की जाएगी.

वित्त विभाग की तरफ से आपत्ति दर्ज किए जाने के बाद सैकड़ों उपनल कर्मचारियों के भविष्य पर संकट तो खड़ा हो गया है, लेकिन जिन अधिकारियों ने इन उपनल कर्मचारी की नियुक्ति की, उन पर कार्रवाई को लेकर कोई निर्णय नहीं हो पाया है. उधर, विभाग के अधिकारी उच्च स्तर पर मामले में निर्णय किए जाने की बात कह रहे हैं.
ये भी पढ़ेंः वन विभाग और वन निगम की आपस में ठनी, एक दूसरे पर लगा रहे आरोप-प्रत्यारोप, जानिए पूरा मामला

Last Updated : Aug 30, 2023, 7:22 PM IST
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