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दिल के मरीजों के लिए खुशखबरी, अब इस सरकारी अस्पताल में मिलेगा सस्ता इलाज

उत्तराखंड में दिल के मरीजों के लिए एक अच्छी खबर आई है. दरअसल, राज्य स्थापना के 22 साल बाद जाकर अब सरकार ने पहली बार कैथ लैब स्थापित करने को लेकर कदम आगे बढ़ा दिया है. बड़ी बात यह है कि देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज में कैथ लैब स्थापित करने के लिए 5 करोड़ की रकम स्वीकृत भी कर ली गई है. ऐसे में जल्द ही हार्ट के मरीजों को सस्ता इलाज मिल सकेगा.

heart patients in uttarakhand
कैथ लैब
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Published : Aug 5, 2022, 10:44 PM IST

Updated : Aug 5, 2022, 10:52 PM IST

देहरादून: कोरोना संक्रमण फैलने के बाद दिल यानी हार्ट के मरीजों की संख्या में भी इजाफा रिकॉर्ड किया गया है. इसमें सबसे ज्यादा परेशानी की बात ये है कि निजी अस्पतालों में सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट से इलाज करवाना बेहद खर्चीला होता है. लिहाजा, गरीब परिवारों से जुड़े लोगों को हार्ट से संबंधित बीमारी होने पर अपनी जेब खाली करनी पड़ती है. चिंता की बात ये है कि ऐसे मरीजों के लिए सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने का कोई विकल्प भी नहीं है. हालांकि, दून मेडिकल कॉलेज में कुछ समय पहले ही सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट की नियुक्ति की गई है, लेकिन कैथ लैब ना होने के कारण दिल की बीमारी से जुड़े इलाज यहां पूरी तरह से नहीं हो पाते थे.

इसी बात को समझते हुए लगातार सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट की तरफ से भी शासन और सरकार में कैथ लैब स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे थे. इसके अलावा दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और शासन में प्रभारी सचिव की तरफ से भी इस पर कोशिशें की गई. जिसके बाद अब दून मेडिकल कॉलेज में कैथ लैब (Cath Lab in Doon Medical College) स्थापित करने के लिए मंजूरी देते हुए 5 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है.

दिल के मरीजों के लिए खुशखबरी.

उत्तराखंड में दिल के मरीजों (heart patients in uttarakhand) को लेकर आंकड़ों में करीब 15% का इजाफा बताया जा रहा है. दून मेडिकल कॉलेज में ही हर दिन इमरजेंसी में 3 से 4 मरीज पहुंच रहे हैं. इसके अलावा ओपीडी में भी 40 से 50 मरीज वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट की सलाह लेने के लिए पहुंच रहे हैं. सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अमर उपाध्याय कहते हैं कि मरीजों की संख्या पहले के मुकाबले बढ़ी है, जबकि काफी लंबे समय से दून मेडिकल कॉलेज में कैथ लैब की जरूरत भी महसूस की जा रही है.

ये भी पढ़ेंः खुशखबरीः दून अस्पताल में नई MRI मशीन शुरू, प्राइवेट लैब की लूट से बचेंगे मरीज

क्या है कैथ लैबः कैथ लैब एक कैथेटराइजेशन लैब (Cardiac Catheterization Lab) होती है, जिसे संक्षिप्त में कैथ लैब कहां जाता है. यहां पर ओपन हार्ट सर्जरी तो नहीं होती, लेकिन दिल की जिन समस्याओं को लेकर सबसे ज्यादा मरीज पहुंचते हैं. उन सभी महत्वपूर्ण समस्याओं का इलाज हो जाता है.

दरअसल कैथ लैब हाथों की नसों के जरिए दिल की बीमारी का इलाज किया जाता है. इसमें दिल की नसों के सिकुड़ने, दिल में छेद होने और स्टंट डालने का काम किया जाता है. जिससे मरीजों को राहत मिल पाती है. अच्छी बात यह है कि सरकारी अस्पताल में यह सारी सुविधाएं मिलने से सभी मरीजों को सस्ता इलाज मिल पाएगा .इसके अलावा अटल आयुष्मान योजना के प्रयोग से मुफ्त में भी बिना भागदौड़ के मरीज अपने दिल का इलाज करा सकेंगे.

दून अस्पताल में कैथ लैब की होगी स्थापनाः शिक्षा चिकित्सा शिक्षा विभाग की कोशिश है कि 9 नवंबर तक राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Govt Doon Medical College Hospital Dehradun) में इस कैथ लैब की शुरुआत कर दी जाए. हालांकि, मौजूदा रफ्तार को देखकर ऐसा लगता नहीं कि इतनी जल्दी इसकी शुरुआत की जा सकेगी. बहरहाल, कैथ लैब के लिए प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों की भी जरूरत होती है, जिसके लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग बड़े संस्थानों में कर्मियों को प्रशिक्षित करने के प्रयास कर रहा है.

देहरादून: कोरोना संक्रमण फैलने के बाद दिल यानी हार्ट के मरीजों की संख्या में भी इजाफा रिकॉर्ड किया गया है. इसमें सबसे ज्यादा परेशानी की बात ये है कि निजी अस्पतालों में सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट से इलाज करवाना बेहद खर्चीला होता है. लिहाजा, गरीब परिवारों से जुड़े लोगों को हार्ट से संबंधित बीमारी होने पर अपनी जेब खाली करनी पड़ती है. चिंता की बात ये है कि ऐसे मरीजों के लिए सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने का कोई विकल्प भी नहीं है. हालांकि, दून मेडिकल कॉलेज में कुछ समय पहले ही सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट की नियुक्ति की गई है, लेकिन कैथ लैब ना होने के कारण दिल की बीमारी से जुड़े इलाज यहां पूरी तरह से नहीं हो पाते थे.

इसी बात को समझते हुए लगातार सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट की तरफ से भी शासन और सरकार में कैथ लैब स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे थे. इसके अलावा दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और शासन में प्रभारी सचिव की तरफ से भी इस पर कोशिशें की गई. जिसके बाद अब दून मेडिकल कॉलेज में कैथ लैब (Cath Lab in Doon Medical College) स्थापित करने के लिए मंजूरी देते हुए 5 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है.

दिल के मरीजों के लिए खुशखबरी.

उत्तराखंड में दिल के मरीजों (heart patients in uttarakhand) को लेकर आंकड़ों में करीब 15% का इजाफा बताया जा रहा है. दून मेडिकल कॉलेज में ही हर दिन इमरजेंसी में 3 से 4 मरीज पहुंच रहे हैं. इसके अलावा ओपीडी में भी 40 से 50 मरीज वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट की सलाह लेने के लिए पहुंच रहे हैं. सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अमर उपाध्याय कहते हैं कि मरीजों की संख्या पहले के मुकाबले बढ़ी है, जबकि काफी लंबे समय से दून मेडिकल कॉलेज में कैथ लैब की जरूरत भी महसूस की जा रही है.

ये भी पढ़ेंः खुशखबरीः दून अस्पताल में नई MRI मशीन शुरू, प्राइवेट लैब की लूट से बचेंगे मरीज

क्या है कैथ लैबः कैथ लैब एक कैथेटराइजेशन लैब (Cardiac Catheterization Lab) होती है, जिसे संक्षिप्त में कैथ लैब कहां जाता है. यहां पर ओपन हार्ट सर्जरी तो नहीं होती, लेकिन दिल की जिन समस्याओं को लेकर सबसे ज्यादा मरीज पहुंचते हैं. उन सभी महत्वपूर्ण समस्याओं का इलाज हो जाता है.

दरअसल कैथ लैब हाथों की नसों के जरिए दिल की बीमारी का इलाज किया जाता है. इसमें दिल की नसों के सिकुड़ने, दिल में छेद होने और स्टंट डालने का काम किया जाता है. जिससे मरीजों को राहत मिल पाती है. अच्छी बात यह है कि सरकारी अस्पताल में यह सारी सुविधाएं मिलने से सभी मरीजों को सस्ता इलाज मिल पाएगा .इसके अलावा अटल आयुष्मान योजना के प्रयोग से मुफ्त में भी बिना भागदौड़ के मरीज अपने दिल का इलाज करा सकेंगे.

दून अस्पताल में कैथ लैब की होगी स्थापनाः शिक्षा चिकित्सा शिक्षा विभाग की कोशिश है कि 9 नवंबर तक राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Govt Doon Medical College Hospital Dehradun) में इस कैथ लैब की शुरुआत कर दी जाए. हालांकि, मौजूदा रफ्तार को देखकर ऐसा लगता नहीं कि इतनी जल्दी इसकी शुरुआत की जा सकेगी. बहरहाल, कैथ लैब के लिए प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों की भी जरूरत होती है, जिसके लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग बड़े संस्थानों में कर्मियों को प्रशिक्षित करने के प्रयास कर रहा है.

Last Updated : Aug 5, 2022, 10:52 PM IST
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