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विजय दिवस: कैप्टन गुरुंग ने बयां की आंखों देखी दास्तां, सुनकर रोंगटे हो जाएंगे खड़े

16 दिसंबर 1971 को हुए भारत पाकिस्तान युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था. इस दास्तां के लिए ईटीवी भारत ने कैप्टन गुरुंग से खास बातचीत की.

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विजय दिवस पर खास.
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Published : Dec 16, 2019, 6:46 PM IST

Updated : Dec 16, 2019, 8:08 PM IST

देहरादून: विजय दिवस पर जश्न की एक ऐसी तस्वीर हम आपको दिखाने जा रहे हैं जिसे देखकर आपको खुशी के साथ गर्व महसूस होगा. 16 दिसम्बर 1971 मतलब आज के ही दिन भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था. इस युद्ध में भारत ने पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था. इस दिन को पूरा देश विजय दिवस के रूप में मनाता है. ईटीवी भारत की टीम ने उस युद्ध में जांबाजी से लड़ने वाले कैप्टन विजेंद्र गुरंग से खास बातचीत की.

विजय दिवस पर खास.

साल 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध 12 दिनों तक चला था. इस युद्ध में पाक सेना का नेतृत्व कर रहे लेफ्टिनेंट जनरल एके नियाजी ने अपने 93 हजार सैनिकों के साथ भारतीय सेना के कमांडर ले. जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने आत्मसमर्पण कर लिया था. हालांकि इस युद्ध में भारत के लगभग 3900 जवान शहीद हो गए थे. इस युद्ध के बारे में कैप्टन विजेंद्र गुरुंग ने युद्ध के दौरान अपनी टीम की दास्तां को बयां किया.

साल 1971 के भारत-पाक युद्ध में डटकर लड़ने वाले कैप्टन विजेंद्र गुरुंग विजय दिवस के मौके पर जश्न मना रहे हैं. थर्ड असम रेजीमेंट में कैप्टन रहे विजेंद्र गुरुंग ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बताया कि 3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया था. कैप्टन गुरंग बताते हैं कि उन दिनों वो लाइन ऑफ कंट्रोल में पड़ने वाले फाजिल्का सेक्टर में अपनी प्लॉटून के साथ तैनात थे. उन्होंने बताया कि 3 दिसंबर 1971 को शाम 6 बजकर 15 मिनट पर पाकिस्तान की ओर से अचानक हमला कर दिया गया. इस दौरान 4 जाट रेजीमेंट और 15 राजपूत रेजीमेंट के साथ थर्ड असम ने दुश्मनों का डटकर मुकाबला किया.

ये भी पढ़ें: देहरादून: धूमधाम से मनाया गया 3/1 गोरखा राइफल्स का 60वां स्थापना दिवस

कैप्टन गुरुंग ने बताया कि जब सामने की ओर से दुश्मन आए तो उनके द्वारा ये कहा गया कि हम दुश्मन नहीं हैं और धोखे से हमला हुआ. जिसके बाद कैप्टन गुरंग और उनके साथ छह अन्य सिपाहियों को दुश्मन ने बंदी बना लिया. इसके बाद 1 साल 1 महीने तक पाकिस्तान में जंगी कैदी के रूप में रहने के बाद कैप्टन विजेंद्र गुरुंग को सम्मान सहित भारत देश लौटा दिया गया.

आज कैप्टन गुरुंग अकेले ही रहते हैं और अपने बीते लम्हों को याद करते हैं. उनका कहना है कि देश के लिए लड़ने वाला हर एक वीर जवान देश के लिए अमर है. उन्होंने सभी से अपील की कि सभी लोग देश में खुशहाली रखें और प्यार बांटें, जिससे देश की रक्षा के लिए सरहद पर खड़ा जवान अपने आप पर गर्व महसूस करता रहे.

देहरादून: विजय दिवस पर जश्न की एक ऐसी तस्वीर हम आपको दिखाने जा रहे हैं जिसे देखकर आपको खुशी के साथ गर्व महसूस होगा. 16 दिसम्बर 1971 मतलब आज के ही दिन भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था. इस युद्ध में भारत ने पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था. इस दिन को पूरा देश विजय दिवस के रूप में मनाता है. ईटीवी भारत की टीम ने उस युद्ध में जांबाजी से लड़ने वाले कैप्टन विजेंद्र गुरंग से खास बातचीत की.

विजय दिवस पर खास.

साल 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध 12 दिनों तक चला था. इस युद्ध में पाक सेना का नेतृत्व कर रहे लेफ्टिनेंट जनरल एके नियाजी ने अपने 93 हजार सैनिकों के साथ भारतीय सेना के कमांडर ले. जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने आत्मसमर्पण कर लिया था. हालांकि इस युद्ध में भारत के लगभग 3900 जवान शहीद हो गए थे. इस युद्ध के बारे में कैप्टन विजेंद्र गुरुंग ने युद्ध के दौरान अपनी टीम की दास्तां को बयां किया.

साल 1971 के भारत-पाक युद्ध में डटकर लड़ने वाले कैप्टन विजेंद्र गुरुंग विजय दिवस के मौके पर जश्न मना रहे हैं. थर्ड असम रेजीमेंट में कैप्टन रहे विजेंद्र गुरुंग ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बताया कि 3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया था. कैप्टन गुरंग बताते हैं कि उन दिनों वो लाइन ऑफ कंट्रोल में पड़ने वाले फाजिल्का सेक्टर में अपनी प्लॉटून के साथ तैनात थे. उन्होंने बताया कि 3 दिसंबर 1971 को शाम 6 बजकर 15 मिनट पर पाकिस्तान की ओर से अचानक हमला कर दिया गया. इस दौरान 4 जाट रेजीमेंट और 15 राजपूत रेजीमेंट के साथ थर्ड असम ने दुश्मनों का डटकर मुकाबला किया.

ये भी पढ़ें: देहरादून: धूमधाम से मनाया गया 3/1 गोरखा राइफल्स का 60वां स्थापना दिवस

कैप्टन गुरुंग ने बताया कि जब सामने की ओर से दुश्मन आए तो उनके द्वारा ये कहा गया कि हम दुश्मन नहीं हैं और धोखे से हमला हुआ. जिसके बाद कैप्टन गुरंग और उनके साथ छह अन्य सिपाहियों को दुश्मन ने बंदी बना लिया. इसके बाद 1 साल 1 महीने तक पाकिस्तान में जंगी कैदी के रूप में रहने के बाद कैप्टन विजेंद्र गुरुंग को सम्मान सहित भारत देश लौटा दिया गया.

आज कैप्टन गुरुंग अकेले ही रहते हैं और अपने बीते लम्हों को याद करते हैं. उनका कहना है कि देश के लिए लड़ने वाला हर एक वीर जवान देश के लिए अमर है. उन्होंने सभी से अपील की कि सभी लोग देश में खुशहाली रखें और प्यार बांटें, जिससे देश की रक्षा के लिए सरहद पर खड़ा जवान अपने आप पर गर्व महसूस करता रहे.

Intro:Special Story on विजय दिवस।

Note- इस ख़बर की फीड FTP से (uk_deh_01_celebration_vijaya_divas_pkg_7205800) नाम से भेजी गई है।


एंकर- विजय दिवस पर जश्न की एक ऐसी तस्वीर हम आपको दिखाने जा रहे हैं जिसे देखकर जितना आपको जितनी खुशी होगी उतना ही गर्व का अहसास होगा। जिस 71 की लड़ाई को लेकर आज हम विजय दिवस मना रहे हैं उसी लड़ाई में जाबाजी से लड़ने वाले कैप्टन विजेंद्र गुरंग आज कैसे उस लम्हे को याद कर रहे हैं आइए आपको बताते हैं साथ मे उन्ही से सुनते है उनकी जबाजी के किस्से।


Body:वीओ- 1971 के भारत पाक युद्ध मे डट कर लड़ने वाले कैप्टन बिजेंद्र गुरुंग आज विजय दिवस के मौके पर जश्न मना रहे है। 3rd आसाम रेजीमेंट में कैप्टन रहे विजेंद्र गुरुंग ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते बताया कि 3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया था। कैप्टन गुरंग बताते हैं कि उन दिनों वह लाइन ऑफ कंट्रोल में पड़ने वाले फाजिल्का सेक्टर में अपनी प्लाटून के साथ तैनात थे। उन्होंने बताया कि 3 दिसंबर 1971 को शाम 6:15 बजे पाकिस्तान की ओर से अचानक हमला कर दिया गया और इस दौरान 4,जाट रेजीमेंट, 15 राजपूत रेजीमेंट के साथ 3rd आसाम ने दुश्मनों का डटकर मुकाबला किया।

कैपिंग गुरुंग बताते हैं कि जब सामने की ओर से दुश्मन आए तो उनके द्वारा यह कहा गया कि हम दुश्मन नहीं है और धोखे से हमला हुआ जिसके बाद कैप्टन गुरंग और उनके साथ छह अन्य सिपाहियों को दुश्मन ने बंदी बना लिया। इसके बाद 1 साल 1 महीने तक पाकिस्तान में जंगी कैदी के रूप में रहने के बाद कैप्टन विजेंद्र गुरु को सम्मान भारत देश को लौटा दिया गया।

आज कैप्टन गुरु अकेले रहते हैं और अपने बीते लम्हों को याद करते हैं। उनका कहना है कि देश के लिए लड़ने वाला हर एक वीर जवान देश के लिए अमर है साथ ही उन्होंने सभी से अपील की है कि वह देश में खुशहाली रखे और प्यार बांटे ताकि जिस देश की रक्षा सरहद पर खड़ा जवान कर रहा है वह देश विकास के पथ पर आगे बढ़ सके।

कैप्टन गुरुंग से खास बातचीत।


Conclusion:
Last Updated : Dec 16, 2019, 8:08 PM IST
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