देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग (UKSSSC ) 2021 परीक्षा पेपर लीक घपलेबाजी मामला बड़े स्तर पर जाने संकेत मिल रहे हैं. STF की पूरी टीम एक के बाद एक कड़ियों को जोड़ लगातार गिरफ्तारियां और महत्वपूर्ण साक्ष्य-सबूत जुटा रही है. अगले 48 घंटे में बड़ा खुलासा होने की बात सामने आई है. जांच में सामने आया है कि गढ़वाल से लखनऊ और फिर कुमाऊं तक इस घपलेबाजी के तार जुड़े हैं. अब तक की STF जांच-पड़ताल में मिले ऐसे कई अहम एविडेंस एक बड़े खुलासे की तरफ जा रहे हैं.
पेपर लीक के गोरखधंधे में बड़ी मछलियां आजाद: शिकायतकर्ता उत्तराखंड बेरोजगार संघ इस केस की जांच की रफ्तार और ताबड़तोड़ गिरफ्तारियों से संतुष्ट है. हालांकि, उनका मानना है कि इस गोरखधंधे में अभी तक सलाखों के पीछे भेजे गए लोग मात्र बीच की कड़ी का एक हिस्सा हैं. अभी मास्टरमाइंड और बड़ी मछलियां आजाद हैं. ऐसे में उनपर शिकंजा कसना ज्यादा जरूरी है.
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नकल करने वाले अभ्यर्थी बनेंगे गवाह: दूसरी ओर UKSSSC परीक्षा 2021 पेपर लीक मामले में तेजी से कानूनी शिकंजा कसता देख नकल करने वाले अभ्यर्थी अब सरकारी गवाह बनने के लिए देहरादून स्थित एसटीएफ मुख्यालय पहुंच रहे हैं. ये अभ्यर्थी वही हैं जिन्होंने पेपर लीक गिरोह के सम्पर्क के आकर लाखों रुपए देकर पेपर की जानकारी हासिल कर एग्जाम सॉल्विंग का फायदा उठाया.
एसटीएफ एसपी अजय सिंह के मुताबिक, जिन लोगों ने भी पेपर लीक का फायदा उठाकर नकल किया है. उनको हिदायत दे दी गई थी कि वो लोग गलती मानकर स्वयं सामने आकर जेल जाने से बच सकते हैं. अब ऐसे अभ्यर्थी STF के पास हर रोज पहुंच रहे हैं. हालांकि, इन लोगों का नाम चार्जशीट में न सिर्फ दाखिल किया जाएगा, बल्कि इस केस में सरकारी गवाह भी बनाया जाएगा.
मास्टरमाइंड जयजीत से मिले अहम सबूत: STF एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक, इस पेपर लीक घपलेबाजी में पूरे नेटवर्क की कड़ियां जुड़ती जा रही हैं. गिरफ्तार लोगों में से मास्टरमाइंड के रूप में नजर आने वाले जयजीत को पुलिस रिमांड पर लेकर देहरादून के वसंत विहार ठिकाने से 10 लाख कैश बरामदी और कुछ ऐसे इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस हाथ लगे हैं जो बड़ा खुलासा करने में मदद कर सकते हैं. ऐसे में अब तक इस पूरे पेपर लीक मामले में कुल 47 लाख 10 हजार रुपए बरामद हो चुके हैं.
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अबतक का घटनाक्रम: अबतक की जांच में उत्तराखंड एसटीएफ ने कई अहम सबूत जुटाए हैं. गूगल सर्च हिस्ट्री ने UKSSSC परीक्षा परीक्षा पेपर लीक से संबंधित कई अहम राज खोले हैं. बताया जा रहा है कि एग्जाम से पहली रात को पेपर सॉल्व किए गए थे. पेपर लीक कर परिणाम गड़बड़ी मामले में अब तक लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी सहित 9 लोग STF ने गिरफ्तार किए हैं, जिसमें जयजीत दास, मनोज जोशी (एक ही नाम के दो व्यक्ति हैं), कुलवीर सिंह चौहान, शूरवीर सिंह चौहान, गौरव नेगी, दीपक चौहान, भावेश जगूड़ी और अभिषेक वर्मा (लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस).
देहरादून में सेलाकुई स्थित HNB मेडिकल यूनिवर्सिटी में संविदा पर कनिष्क सहायक के पद पर कार्यरत गिरफ्तार आरोपी दीपक चौहान और भावेश जगूड़ी ने बताया है कि वो UKSSSC परीक्षा के पेपर सॉल्व कराने में मदद करते थे. इसके साथ ही ये दोनों शातिर नकल कराने के भी मास्टर थे. ये दोनों आरोपी एग्जाम से एक रात पहले देहरादून पहुंचे थे, जहां इन्होंने एक गुप्त स्थान पर जाकर पेपर लीक करने वालों के साथ मिलकर अगले दिन आने वाले परीक्षा प्रश्न पत्र को सॉल्व किया और नकल की सामग्री भी उपलब्ध कराई.
दरअसल, मेडिकल यूनिवर्सिटी सेलाकुई के कुछ काम लखनऊ स्थित आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी करती है, जिसके चलते अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में कार्यरत जयजीत ने सेलाकुई यूनिवर्सिटी में संविदा कर्मी दीपक और भावेश से मुलाकात हुई. इसके बाद आयोग कर्मी जयजीत ने लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाले कर्मचारी अभिषेक वर्मा की मुलाकात दीपक व भावेश से करवाई.
यही कारण था कि प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक करने वाले अभिषेक ने 36 लाख रुपए लेकर दीपक और भावेश तक पेपर लीक और एग्जाम पेपर सॉल्व का ताना-बाना बुना. STF जांच के अनुसार दीपक व भावेश ने अभिषेक को लाखों रुपये एकत्र कर पेपर लिया और UKSSSC में परीक्षा दी थी, जिसमें भावेश का 157वीं मेरिट में रैंक आयी, जबकि दीपक फेल हो गया था.