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देहरादून में सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ चला अभियान, 100 से अधिक स्कूल शामिल - campaign against single use plastic in dehradun

देहरादून में प्लास्टिक मुक्त अभियान के तहत नगर निगम द्वारा जागरूकता अभियान चलाते हुए नागरिक भागीदारी की पहल शुरू की जा रही है. इस प्लास्टिक मुक्त अभियान के तहत 100 से अधिक स्कूल शामिल होंगे. अभियान में एक महीने की अवधि में 20 हजार से 25 हजार छात्र और उनके परिवार हिस्सा ले पाएंगे.

campaign against single use plastic
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Published : Mar 27, 2022, 12:30 PM IST

देहरादून: राजधानी दून में प्लास्टिक मुक्त अभियान के तहत नगर निगम द्वारा जागरूकता अभियान चलाते हुए नागरिक भागीदारी की पहल शुरू की जा रही है. यह अभियान स्वच्छता सर्वेक्षण में नागरिक भागीदारी के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है. इस प्लास्टिक मुक्त अभियान के तहत 100 से अधिक स्कूल शामिल होंगे. अभियान में एक महीने की अवधि में 20 हजार से 25 हजार छात्र और उनके परिवार हिस्सा ले पाएंगे. इस अभियान के तहत छात्रों और उनके परिवार को घरेलू स्तर पर कचरा अलग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सिंगल यूज प्लास्टिक संग्रह करना और स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 की जानकारी आम लोगों तक पहुंचाना है. साथ ही इस अभियान के तहत लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करने के लिए प्रेरित किया जाएगा.

नगर निगम ने प्लास्टिक मुक्त अभियान में भाग लेने वाले 100 स्कूलों की लिस्ट बना ली गई है. इन स्कूलों में छठवीं क्लास से लेकर 12वीं क्लास तक के छात्र अभियान में हिस्सा ले पाएंगे. प्लास्टिक मुक्त अभियान के एक भाग के रूप में प्रत्येक स्कूल अपने परिसर में एक प्लास्टिक बैग स्थापित करेंगे. जहां छात्रों द्वारा लाए गए प्लास्टिक कचरे को अलग किया जाएगा. प्रत्येक स्कूल किसी शिक्षक या फिर नगर निगम कर्मचारी को प्लास्टिक योद्धा के रूप में नियुक्त करेगा. प्लास्टिक योद्धा स्कूल के हर क्लास में एक मॉनिटर नियुक्त करेगा. जिसे प्लास्टिक प्रहरी कहां जाएगा. स्कूल में पूरे अभियान की देखरेख प्लास्टिक संरक्षक करेंगे, जो मुख्य रूप से स्कूल का प्रिंसिपल होगा.

पढ़ें: हरिद्वार में महिला ने युवक पर लगाया नशीला पदार्थ पिलाकर दुष्कर्म करने का आरोप, मुकदमा दर्ज

प्लास्टिक योद्धा और प्लास्टिक प्रहरी की अलग-अलग भूमिका और जिम्मेदारी होगी. प्लास्टिक योद्धा पूरे अभियान के लिए जिम्मेदार होंगे और लोगों से संपर्क करेंगे. जबकि प्लास्टिक प्रहरी क्लास, स्कूल, समुदाय और पड़ोस के स्तर पर लोगों को जागरुक और प्रोत्साहित करेंगे. यह छात्रों और लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करने के लिए प्रेरित करेंगे. साथ ही स्कूलों में वॉल पेंटिंग, वाद-विवाद जैसी अतिरिक्त गतिविधियों के साथ स्वच्छता के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.

मेयर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि स्कूल, स्टाफ, छात्रों और उनके परिवार से अनुरोध किया जाएगा की स्वच्छता के इस जन आंदोलन बनाने के लिए स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 में वोटिंग करें और अपनी प्रतिक्रिया भी दर्ज करेंगे. यह प्लास्टिक मुक्त अभियान 30 अप्रैल तक चलेगा. साथ ही अभियान के अंत में प्रत्येक स्कूल, सभी प्लास्टिक सरंक्षकों, प्लास्टिक योद्धाओं और प्लास्टिक प्रहरियों को भागीदारी संबंधित प्रमाण पत्र दिया जाएगा. प्रति छात्र सबसे ज्यादा प्लास्टिक कचरा इकट्ठा करने वाले स्कूलों को सार्वजनिक कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा.

देहरादून: राजधानी दून में प्लास्टिक मुक्त अभियान के तहत नगर निगम द्वारा जागरूकता अभियान चलाते हुए नागरिक भागीदारी की पहल शुरू की जा रही है. यह अभियान स्वच्छता सर्वेक्षण में नागरिक भागीदारी के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है. इस प्लास्टिक मुक्त अभियान के तहत 100 से अधिक स्कूल शामिल होंगे. अभियान में एक महीने की अवधि में 20 हजार से 25 हजार छात्र और उनके परिवार हिस्सा ले पाएंगे. इस अभियान के तहत छात्रों और उनके परिवार को घरेलू स्तर पर कचरा अलग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सिंगल यूज प्लास्टिक संग्रह करना और स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 की जानकारी आम लोगों तक पहुंचाना है. साथ ही इस अभियान के तहत लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करने के लिए प्रेरित किया जाएगा.

नगर निगम ने प्लास्टिक मुक्त अभियान में भाग लेने वाले 100 स्कूलों की लिस्ट बना ली गई है. इन स्कूलों में छठवीं क्लास से लेकर 12वीं क्लास तक के छात्र अभियान में हिस्सा ले पाएंगे. प्लास्टिक मुक्त अभियान के एक भाग के रूप में प्रत्येक स्कूल अपने परिसर में एक प्लास्टिक बैग स्थापित करेंगे. जहां छात्रों द्वारा लाए गए प्लास्टिक कचरे को अलग किया जाएगा. प्रत्येक स्कूल किसी शिक्षक या फिर नगर निगम कर्मचारी को प्लास्टिक योद्धा के रूप में नियुक्त करेगा. प्लास्टिक योद्धा स्कूल के हर क्लास में एक मॉनिटर नियुक्त करेगा. जिसे प्लास्टिक प्रहरी कहां जाएगा. स्कूल में पूरे अभियान की देखरेख प्लास्टिक संरक्षक करेंगे, जो मुख्य रूप से स्कूल का प्रिंसिपल होगा.

पढ़ें: हरिद्वार में महिला ने युवक पर लगाया नशीला पदार्थ पिलाकर दुष्कर्म करने का आरोप, मुकदमा दर्ज

प्लास्टिक योद्धा और प्लास्टिक प्रहरी की अलग-अलग भूमिका और जिम्मेदारी होगी. प्लास्टिक योद्धा पूरे अभियान के लिए जिम्मेदार होंगे और लोगों से संपर्क करेंगे. जबकि प्लास्टिक प्रहरी क्लास, स्कूल, समुदाय और पड़ोस के स्तर पर लोगों को जागरुक और प्रोत्साहित करेंगे. यह छात्रों और लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करने के लिए प्रेरित करेंगे. साथ ही स्कूलों में वॉल पेंटिंग, वाद-विवाद जैसी अतिरिक्त गतिविधियों के साथ स्वच्छता के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.

मेयर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि स्कूल, स्टाफ, छात्रों और उनके परिवार से अनुरोध किया जाएगा की स्वच्छता के इस जन आंदोलन बनाने के लिए स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 में वोटिंग करें और अपनी प्रतिक्रिया भी दर्ज करेंगे. यह प्लास्टिक मुक्त अभियान 30 अप्रैल तक चलेगा. साथ ही अभियान के अंत में प्रत्येक स्कूल, सभी प्लास्टिक सरंक्षकों, प्लास्टिक योद्धाओं और प्लास्टिक प्रहरियों को भागीदारी संबंधित प्रमाण पत्र दिया जाएगा. प्रति छात्र सबसे ज्यादा प्लास्टिक कचरा इकट्ठा करने वाले स्कूलों को सार्वजनिक कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा.

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