देहरादून: उत्तराखंड में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का बेड़ा गर्क हो रहा है, ऐसा कहना है देहरादून के प्रभारी मंत्री गणेश जोशी का. जोशी ने रायपुर स्टेडियम में खराब हालातों की पोल खोल कर रख दी है. जबकि मुख्यमंत्री ने इस स्टेडियम में 30 आईसीयू बेड की व्यवस्थाओं का खुद निरीक्षण किया था और तारीफों के पुल भी बांधे थे.
उत्तराखंड में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर सरकार किस कदर बेलगाम हो गई है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राज्य में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत जिन व्यवस्थाओं की तारीफ करते नहीं थकते, उसकी पोल उन्हीं के मंत्री खोल रहे हैं. कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने आज रायपुर स्टेडियम में 30 आईसीयू बेड के नाम पर जिन सामान्य बेडों को स्थापित किया गया, उसको लेकर गहरी नाराजगी जाहिर की है.
यही नहीं, गणेश जोशी ने अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए सरकार को गलत जानकारी देने तक के आरोप लगाए हैं. हैरानी की बात ये है कि मुख्यमंत्री से लेकर क्षेत्रीय विधायक उमेश शर्मा काऊ तक आईसीयू बेड स्थापित करने के बड़े-बड़े दावे कर रहे थे लेकिन यह दावे इस तरह हवा हवाई निकले कि यहां न तो आईसीयू बेड बन पाए और न ही मरीजों को उसका लाभ मिल सका.
खास बात ये है कि उमेश शर्मा काऊ 30 आईसीयू बेड को लेकर खुद की पीठ थपथपा रहे थे और विधायक निधि के जरिए एक बड़ा काम होने का दावा कर रहे थे. लेकिन अधिकारियों ने न केवल विधायक के दावों को झूठा साबित कर दिया बल्कि मुख्यमंत्री की भी फजीहत करा दी है.
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गौर हो कि मंत्री गणेश जोशी कोरोना की तैयारियों को लेकर अभी दो दिन पहले ही पूर्व की त्रिवेंद्र सरकार पर भी निशाना साध चुके हैं. उन्होंने कहा था कि आज प्रदेश को जिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है वो त्रिवेंद्र सरकार की ही देन हैं. जोशी ने कहा था कि इसको लापरवाही और कमी दोनों कह सकते हैं, क्योंकि किसी को यह नहीं मालूम था कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आएगी. पूरी सरकार अपने आप में मस्त हो गई थी. उसी लापरवाही की वजह से ही मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत और उनके मंत्रियों पर एकदम बोझ बढ़ गया है, लेकिन कोरोना से निपटने के लिए सभी मंत्रियों को जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसपर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पलटवार करते हुए जोशी को अनुभवहीन मंत्री बताया था और उनकी टिप्पणी को महत्वहीन.