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उत्तराखंड के वो मंत्री जिनके बयान पैदा करते हैं विवाद! अब सरकार को देनी पड़ी सफाई

उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी अक्सर अपने कामों और बयानों से सुर्खियों में रहते हैं. उनके कई ऐसे बयान दिए हैं, जो सुर्खियों में रहे हैं. हाल ही में चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट को अनिवार्य बता दिया. जिसकी वजह से यह बयान चर्चाओं में रहा. वहीं, सीएम धामी के निर्देश में सीएस एसएस संधू ने बैठक कर इस बयान का खंडन किया और इस बयान को भ्रामक बताया.

ganesh joshi bayan
सुर्खियों में रहा मंत्री गणेश जोशी का बयान
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Published : Apr 30, 2022, 5:27 PM IST

Updated : Apr 30, 2022, 9:36 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में चाहे कांग्रेस या बीजेपी की सरकार रही हो. दोनों ही सरकारों में कुछ मंत्री ऐसे रहे, जिनका हमेशा से विवादों से नाता रहा. कोई अपनी कार्यशैली से विवादों में रहता है तो, कोई अपने बयानों से सरकार की मुश्किलें बढ़ाने का काम करता है. वहीं, वर्तमान में धामी सरकार में भी एक मंत्री हैं, जो बयानों और कारनामों से सुर्खियों में बने रहते हैं. हम बात कर रहे हैं शक्तिमान घोड़े की टांग टूटने की घटना से चर्चा में आए कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी की. जिन्होंने हाल ही में ऐसा बयान दिया है, जिसको लेकर सरकार को सफाई देनी पड़ी है.

गणेश जोशी का राजनीतिक सफर: मसूरी से विधायक गणेश जोशी पूर्व सैनिक भी हैं. 2007 से लगातार वो विधायक बनते आ रहे हैं. उनकी लोकप्रियता उनके क्षेत्र में बेहद है और शायद यही कारण है कि उन्होंने जितने भी अब तक उन्होंने चुनाव लड़े हैं, वह हर चुनाव बड़े मार्जिन से जीते हैं. बीजेपी के बड़े नेताओं में से एक गणेश जोशी ने भारतीय जनता पार्टी का दामन 1984 में थामा था. वह देहरादून बीजेपी में अलग-अलग पदों पर हमेशा रहे. साल 2007 में पार्टी ने उन्हें राजपुर विधानसभा से पहली बार टिकट दिया था.

गणेश जोशी जिनके बयान पैदा करते हैं विवाद!

शक्तिमान घोड़े की वजह से चर्चा में आए: मामला 2016 का है, जब विधानसभा में बजट सत्र चल रहा था. समय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी. तभी बीजेपी विधानसभा का घेराव करने के लिए पहुंची. पुलिसकर्मियों ने गणेश जोशी सहित बीजेपी के तमाम कार्यकर्ताओं को विधानसभा से पहले ही रोकने की कोशिश की. इस दौरान घोड़े पर सवार पुलिसकर्मी लगातार बीजेपी के नेताओं को हिदायत दे रहे थे कि वह बैरिकेड्स के अंदर आकर प्रदर्शन ना करें.

ये भी पढ़ें: Chardham Yatra: देव डोलियों के निकलने का कार्यक्रम तय, जानें पूरा शेड्यूल, ऐसे पहुंचें दर्शन कर

शक्तिमान की टांग टूटी: इसी दौरान भीड़ को मैनेज करते समय उत्तराखंड पुलिस के घोड़े शक्तिमान की टांग टूट गई. मामला तब और बड़ा हो गया जब आरोप लगा कि गणेश जोशी के डंडे मारने की वजह से घोड़े की टांग टूटी है. यह खबर केवल देहरादून तक ही चर्चाओं में नहीं रहा, बल्कि नेशनल और इंटरनेशनल मीडिया ने भी इसे खूब कवर किया.

गणेश जोशी पर लगा आरोप: तब गणेश जोशी का एक फोटो आने की वजह से उनके ऊपर सवाल खड़े होने लगे. फोटो में गणेश जोशी के हाथ में एक डंडा था और वह घोड़े की तरफ डंडे को चलाते हुए नजर आ रहे थे. फिल्म स्टारों से लेकर तमाम बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं ने गणेश जोशी की खूब आलोचना की. यह मामला बेहद सुर्खियों में रहा. गणेश जोशी के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए और लंबी जद्दोजहद के बाद साल 2021 में गणेश जोशी को इस मामले में दोषमुक्त कर दिया गया, लेकिन गणेश जोशी पर लगे यह आरोप उनको हमेशा से कटघरे में खड़े करते रहे हैं.

वाड्रा और गणेश जोशी की नोकझोंक: गणेश जोशी के कई किस्से चर्चाओं में है. उन्हीं में से एक किस्सा साल 2016 का है. जब रॉबर्ट वाड्रा से गणेश जोशी देहरादून एयरपोर्ट पर भिड़ गए थे. बताया जाता है कि उस वक्त गणेश जोशी तत्कालीन केंद्रीय मंत्री कृष्णा राज और बीजेपी की प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी को रिसीव करने एयरपोर्ट पहुंचे थे, लेकिन जैसे ही रॉबर्ट वाड्रा को खबर मिली कि बीजेपी के नेताओं को रिसीव करने के लिए गणेश जोशी पहुंचे हैं, तो उन्होंने शक्तिमान घोड़े की टांग टूटने को लेकर उनसे जानकारी लेनी चाही, लेकिन इस बात से गणेश जोशी आग बबूला हो गए और रॉबर्ट वाड्रा पर तीखी टिप्पणी कर दी. बताया जाता है कि उस वक्त दोनों के बीच हाथापाई की नौबत तक आ गई थी.

ये भी पढ़ें: केदारनाथ यात्रा में चलेंगे जीपीएस चिप सिस्टम लगे घोड़े खच्चर, पल-पल की मिलेगी जानकारी

धामी को बता दिया था पूर्व सीएम: गणेश जोशी का एक और बयान सुर्खियों में आया, जब उत्तराखंड में हाल ही में मुख्यमंत्री बने पुष्कर सिंह धामी अपनी पहली पारी खेल रहे थे. मसूरी विधानसभा क्षेत्र में एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद थे. मंच का संचालन गणेश जोशी कर रहे थे. तभी धामी की तारीफों के पुल बांधते हुए आखिरी में उन्हें उत्तराखंड का पूर्व मुख्यमंत्री बता दिया. कार्यक्रम में जब पब्लिक ने शोर मचाना शुरू कर दिया तो उन्होंने अपने बयान को वापस लेते हुए इसे भूल बताया.

सोनिया और राहुल पर दिया बयान: 16 अप्रैल को उन्होंने मसूरी में एक कार्यक्रम के दौरान सोनिया गांधी और राहुल गांधी की तुलना पप्पू और बबली से कर दी. हालांकि, इस बयान को लेकर बीजेपी ने भी ऐतराज जताया था. कांग्रेस की महिला विंग तो गणेश जोशी के मानो पीछे हाथ धोकर ही पड़ गई थी. गणेश जोशी का यह बयान 3 दिनों तक उत्तराखंड की राजनीति में खूब चर्चा में रहा. हालांकि, बाद में गणेश जोशी भी इस मामले में कुछ भी बोलने से बचते रहे.

चारधाम को लेकर जोशी का बयान: कोरोना काल के बाद इस बार चारधाम यात्रा फुल फ्लेज में होने जा रहा है. धामी सरकार चारधाम यात्रा पर यात्रियों को बुलाने की कोशिश में जुटी है. इसी का नतीजा है कि लगभग 2,20,000 लोगों ने अभी तक रजिस्ट्रेशन करवा लिए हैं. चारधाम यात्रियों के स्वागत के लिए सरकार हर विभाग को सख्त निर्देश दे चुकी है, लेकिन अप्रैल 29 को गणेश जोशी ने कहा कि चारधाम यात्रियों को आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा. उसके बिना चारधाम यात्रा पर नहीं जाने दिया जाएगा. जोशी का यह बयान कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित तमाम उन मंत्रियों को नागवार गुजरी, जिनकी जिम्मेदारी चारधाम यात्रा को लेकर है.

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सरकार को देनी पड़ी सफाई: चारधाम यात्रा को लेकर गणेश जोशी के बयान पर आनन-फानन में बीते शुक्रवार देर रात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यालय से एक बयान जारी हुआ, जिसमें कहा गया कि चारधाम यात्रियों के लिए किसी भी तरह की कोविड रिपोर्ट लाने की जरूरत नहीं है. जो भी बयान मीडिया में चल रहे हैं, वह भ्रामक हैं. उन बयानों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है. मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान में साफ किया गया कि उत्तराखंड आने वाले यात्रियों के लिए उत्तराखंड का द्वार खुला हुआ है.

जोशी के सहारे कांग्रेस का सरकार पर वार: कांग्रेस भी गणेश जोशी के सहारे सरकार को घेरने में लगी है. कांग्रेस नेता आरपी रतूड़ी का कहना है कि गणेश जोशी क्या बोलते है ? ये तो सरकार ही जाने. लेकिन इतना जरूर है की उनका बयान ये बताता है कि सरकार के अंदर तालमेल की कमी है. उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा की कोई तैयारी नहीं की है. यही कारण है की गणेश जोशी इस तरह के बयान दे रहे हैं.

देहरादून: उत्तराखंड में चाहे कांग्रेस या बीजेपी की सरकार रही हो. दोनों ही सरकारों में कुछ मंत्री ऐसे रहे, जिनका हमेशा से विवादों से नाता रहा. कोई अपनी कार्यशैली से विवादों में रहता है तो, कोई अपने बयानों से सरकार की मुश्किलें बढ़ाने का काम करता है. वहीं, वर्तमान में धामी सरकार में भी एक मंत्री हैं, जो बयानों और कारनामों से सुर्खियों में बने रहते हैं. हम बात कर रहे हैं शक्तिमान घोड़े की टांग टूटने की घटना से चर्चा में आए कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी की. जिन्होंने हाल ही में ऐसा बयान दिया है, जिसको लेकर सरकार को सफाई देनी पड़ी है.

गणेश जोशी का राजनीतिक सफर: मसूरी से विधायक गणेश जोशी पूर्व सैनिक भी हैं. 2007 से लगातार वो विधायक बनते आ रहे हैं. उनकी लोकप्रियता उनके क्षेत्र में बेहद है और शायद यही कारण है कि उन्होंने जितने भी अब तक उन्होंने चुनाव लड़े हैं, वह हर चुनाव बड़े मार्जिन से जीते हैं. बीजेपी के बड़े नेताओं में से एक गणेश जोशी ने भारतीय जनता पार्टी का दामन 1984 में थामा था. वह देहरादून बीजेपी में अलग-अलग पदों पर हमेशा रहे. साल 2007 में पार्टी ने उन्हें राजपुर विधानसभा से पहली बार टिकट दिया था.

गणेश जोशी जिनके बयान पैदा करते हैं विवाद!

शक्तिमान घोड़े की वजह से चर्चा में आए: मामला 2016 का है, जब विधानसभा में बजट सत्र चल रहा था. समय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी. तभी बीजेपी विधानसभा का घेराव करने के लिए पहुंची. पुलिसकर्मियों ने गणेश जोशी सहित बीजेपी के तमाम कार्यकर्ताओं को विधानसभा से पहले ही रोकने की कोशिश की. इस दौरान घोड़े पर सवार पुलिसकर्मी लगातार बीजेपी के नेताओं को हिदायत दे रहे थे कि वह बैरिकेड्स के अंदर आकर प्रदर्शन ना करें.

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शक्तिमान की टांग टूटी: इसी दौरान भीड़ को मैनेज करते समय उत्तराखंड पुलिस के घोड़े शक्तिमान की टांग टूट गई. मामला तब और बड़ा हो गया जब आरोप लगा कि गणेश जोशी के डंडे मारने की वजह से घोड़े की टांग टूटी है. यह खबर केवल देहरादून तक ही चर्चाओं में नहीं रहा, बल्कि नेशनल और इंटरनेशनल मीडिया ने भी इसे खूब कवर किया.

गणेश जोशी पर लगा आरोप: तब गणेश जोशी का एक फोटो आने की वजह से उनके ऊपर सवाल खड़े होने लगे. फोटो में गणेश जोशी के हाथ में एक डंडा था और वह घोड़े की तरफ डंडे को चलाते हुए नजर आ रहे थे. फिल्म स्टारों से लेकर तमाम बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं ने गणेश जोशी की खूब आलोचना की. यह मामला बेहद सुर्खियों में रहा. गणेश जोशी के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए और लंबी जद्दोजहद के बाद साल 2021 में गणेश जोशी को इस मामले में दोषमुक्त कर दिया गया, लेकिन गणेश जोशी पर लगे यह आरोप उनको हमेशा से कटघरे में खड़े करते रहे हैं.

वाड्रा और गणेश जोशी की नोकझोंक: गणेश जोशी के कई किस्से चर्चाओं में है. उन्हीं में से एक किस्सा साल 2016 का है. जब रॉबर्ट वाड्रा से गणेश जोशी देहरादून एयरपोर्ट पर भिड़ गए थे. बताया जाता है कि उस वक्त गणेश जोशी तत्कालीन केंद्रीय मंत्री कृष्णा राज और बीजेपी की प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी को रिसीव करने एयरपोर्ट पहुंचे थे, लेकिन जैसे ही रॉबर्ट वाड्रा को खबर मिली कि बीजेपी के नेताओं को रिसीव करने के लिए गणेश जोशी पहुंचे हैं, तो उन्होंने शक्तिमान घोड़े की टांग टूटने को लेकर उनसे जानकारी लेनी चाही, लेकिन इस बात से गणेश जोशी आग बबूला हो गए और रॉबर्ट वाड्रा पर तीखी टिप्पणी कर दी. बताया जाता है कि उस वक्त दोनों के बीच हाथापाई की नौबत तक आ गई थी.

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धामी को बता दिया था पूर्व सीएम: गणेश जोशी का एक और बयान सुर्खियों में आया, जब उत्तराखंड में हाल ही में मुख्यमंत्री बने पुष्कर सिंह धामी अपनी पहली पारी खेल रहे थे. मसूरी विधानसभा क्षेत्र में एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद थे. मंच का संचालन गणेश जोशी कर रहे थे. तभी धामी की तारीफों के पुल बांधते हुए आखिरी में उन्हें उत्तराखंड का पूर्व मुख्यमंत्री बता दिया. कार्यक्रम में जब पब्लिक ने शोर मचाना शुरू कर दिया तो उन्होंने अपने बयान को वापस लेते हुए इसे भूल बताया.

सोनिया और राहुल पर दिया बयान: 16 अप्रैल को उन्होंने मसूरी में एक कार्यक्रम के दौरान सोनिया गांधी और राहुल गांधी की तुलना पप्पू और बबली से कर दी. हालांकि, इस बयान को लेकर बीजेपी ने भी ऐतराज जताया था. कांग्रेस की महिला विंग तो गणेश जोशी के मानो पीछे हाथ धोकर ही पड़ गई थी. गणेश जोशी का यह बयान 3 दिनों तक उत्तराखंड की राजनीति में खूब चर्चा में रहा. हालांकि, बाद में गणेश जोशी भी इस मामले में कुछ भी बोलने से बचते रहे.

चारधाम को लेकर जोशी का बयान: कोरोना काल के बाद इस बार चारधाम यात्रा फुल फ्लेज में होने जा रहा है. धामी सरकार चारधाम यात्रा पर यात्रियों को बुलाने की कोशिश में जुटी है. इसी का नतीजा है कि लगभग 2,20,000 लोगों ने अभी तक रजिस्ट्रेशन करवा लिए हैं. चारधाम यात्रियों के स्वागत के लिए सरकार हर विभाग को सख्त निर्देश दे चुकी है, लेकिन अप्रैल 29 को गणेश जोशी ने कहा कि चारधाम यात्रियों को आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा. उसके बिना चारधाम यात्रा पर नहीं जाने दिया जाएगा. जोशी का यह बयान कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित तमाम उन मंत्रियों को नागवार गुजरी, जिनकी जिम्मेदारी चारधाम यात्रा को लेकर है.

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सरकार को देनी पड़ी सफाई: चारधाम यात्रा को लेकर गणेश जोशी के बयान पर आनन-फानन में बीते शुक्रवार देर रात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यालय से एक बयान जारी हुआ, जिसमें कहा गया कि चारधाम यात्रियों के लिए किसी भी तरह की कोविड रिपोर्ट लाने की जरूरत नहीं है. जो भी बयान मीडिया में चल रहे हैं, वह भ्रामक हैं. उन बयानों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है. मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान में साफ किया गया कि उत्तराखंड आने वाले यात्रियों के लिए उत्तराखंड का द्वार खुला हुआ है.

जोशी के सहारे कांग्रेस का सरकार पर वार: कांग्रेस भी गणेश जोशी के सहारे सरकार को घेरने में लगी है. कांग्रेस नेता आरपी रतूड़ी का कहना है कि गणेश जोशी क्या बोलते है ? ये तो सरकार ही जाने. लेकिन इतना जरूर है की उनका बयान ये बताता है कि सरकार के अंदर तालमेल की कमी है. उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा की कोई तैयारी नहीं की है. यही कारण है की गणेश जोशी इस तरह के बयान दे रहे हैं.

Last Updated : Apr 30, 2022, 9:36 PM IST
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