देहरादून: राष्ट्रीय नगर कार्य संस्थान (National Institute of Municipal Affairs) (एनआईयूए) और शहरी विकास निदेशालय की ओर से सेप्टेज प्रबंधन पर स्टेट इवेंट ऑन सैनेटेशन कार्यक्रम (State Event on Sanitation Program) आयोजित किया गया. इस मौके पर शहरी विकास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया (Premchand Aggarwal inaugurated the program). अग्रवाल ने कार्यक्रम को सेप्टेज प्रबंधन के कार्यों को गति प्रदान करने वाला बताया.
इस मौके पर नौ नगर निकायों को मंत्री अग्रवाल ने सेप्टेज का निस्तारण करने की दिशा में सराहनीय कार्य करने पर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया. साथ ही नोट ऑन को-ट्रीटमेंट, सेप्टेज प्रोटोकॉल पर एडवाइजरी और स्टेट इन्वेस्टमेंट प्लान का विमोचन किया गया.
मसूरी रोड स्थित एक होटल में स्टेट इवेंट ऑन सैनेटेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस मौके पर मंत्री अग्रवाल ने कहा उत्तराखंड एक पर्वतीय राज्य है, जिसमें 103 शहरी स्थानीय निकाय वर्तमान तक गठित की गयी है. राज्य के लगभग 80 प्रतिशत परिवार आज भी सेप्टिक टैंक/सोक पिट पर ही निर्भर हैं. सेप्टेज प्रबंधन के लिए राज्य द्वारा सेप्टेज मैनेजमेंट प्रोटोकॉल जारी किया गया है, जो राज्य की समस्त शहरी स्थानीय निकायों में लागू है.
डॉ अग्रवाल ने कहा इस प्रोटोकॉल के जरिए शहरी निकायों को सेप्टेज मैनेजमेंट सेल का गठन करने, उप विधि बनाने तथा सेप्टेज के सुरक्षित प्रबंधन के निर्देश दिए गए हैं. प्रदेश के 93 निकायों में सेप्टेज मैनेजमेंट सेल का गठन किया गया है. 34 निकायों द्वारा उप विधि अधिसूचित कर दी गयी है. राज्य को नमामि गंगे कार्यक्रम में प्राथमिकता के साथ रखा गया है. राज्य द्वारा सेप्टेज प्रबंधन की समस्या से निपटने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं.
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प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा राज्य स्तर पर निर्मित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में ही सेप्टेज की को-ट्रीटमेंट सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए हैं. नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत हरिद्वार, ऋषिकेश, श्रीनगर तथा देवप्रयाग में को-ट्रीटमेंट सुविधा को अनुमोदित किया गया है. इससे न केवल इन शहरों, बल्कि इनके आसपास के शहरों की सेप्टेज प्रबंधन में भी सुविधा होगी.
अग्रवाल ने कहा राज्य का पहला फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट रुद्रपुर में निर्माणाधीन है. जो शीघ्र ही क्रियान्वित किया जायेगा. इस प्लांट से रुद्रपुर के अतिरिक्त 9 अन्य शहर भी लाभान्वित होंगे. सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के साथ-साथ फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट के इस्तेमाल से शहरों की समावेशी स्वच्छता को प्राप्त करने में राज्य को सहयोग प्राप्त होगा.
कार्यक्रम के दौरान मंत्री अग्रवाल ने एनआईयूए टीम की प्रशंसा की. उन्होंने कहा एनआईयूए के सहयोग से शहरी विकास विभाग पिछले 2 सालों से सेप्टेज के सुरक्षित प्रबंधन में निरंतर कार्य कर रहा है. जिसमें सभी स्टेक होल्डर्स की क्षमता अभिवृद्धि करना, एडवाइजरी दस्तावेज तैयार करना, तकनीकी सहयोग प्राप्त करना और निकायों को सहयोग करना शामिल हैं. वहीं, राज्य के स्वच्छता सर्वेक्षण में पहली बार 6 अवॉर्ड मिलने पर शहरी विकास निदेशालय के अधिकारियों तथा कर्मचारियों की भी प्रशंसा की.