ETV Bharat / state

साल 1983 तक के कब्जाधारियों और पट्टाधारकों को मिलेगा मालिकाना हक, मंत्रिमंडल में लगी मुहर - उत्तराखंड सरकार

प्रदेश में वर्ग-चार और वर्ग-तीन की भूमि पर साल 1983 तक काबिज व्यक्तियों को मालिकाना हक दिया जाएगा. जिसपर बुधवार को हुई मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है. शहरी क्षेत्र में भूमि के कब्जे या पट्टे के नियमितीकरण को शुल्क भी तय किया गया है.

dehradun
मदन कौशिक
author img

By

Published : Oct 15, 2020, 1:16 PM IST

देहरादून: प्रदेश में वर्ग-चार और वर्ग-तीन की भूमि पर साल 1983 तक काबिज व्यक्तियों को मालिकाना हक दिया जाएगा. जिसपर बुधवार को हुई मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी हैं. शहरी क्षेत्र में भूमि के कब्जे या पट्टे के नियमितीकरण को शुल्क भी तय किया गया है. वही, शहरी क्षेत्र में 200 वर्गमीटर तक भूमि और ग्रामीण क्षेत्रों में कब्जे की पूरी भूमि को वर्ष 2004 के सर्किल रेट के आधार पर शुल्क लेकर मालिकाना हक दिया जाएगा.

बता दें कि, सरकार ने प्रदेश में वर्ग-चार और वर्ग-तीन की भूमि के कब्जाधारकों को भूमिधरी अधिकार पर निर्णय के लिए कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित की थी. इसमें कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय और सदस्य सचिव के रूप में राजस्व सचिव सुशील कुमार शामिल किया गया था. वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में उपसमिति की रिपोर्ट को रखा गया था. जिसके बाद चर्चाकर उपसमिति की सिफारिशों को मंजूरी दी गई.

पढ़ें: 15 अक्टूबर से हिमाचल और पंजाब के लिए हल्द्वानी से बस सेवा होगी शुरू

शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि कैबिनेट ने वर्ग-चार और वर्ग-तीन की भूमि कब्जाधारकों को 26 फरवरी 2019 के शासनादेश के मुताबिक शुल्क निर्धारण के बाद भूमिधरी का अधिकार देने का निर्णय लिया है. वर्ग-तीन की धारा-132 के अंतर्गत जलमग्न भूमि, तालाब, चकमार्ग, गूल, खलिहान, कब्रिस्तान, श्मशान घाट, चारागाह की भूमि पर अवैध कब्जे का नियमितीकरण नहीं किया जाएगा.

तय किए गए सर्किल रेट...

1- वर्ग-4 नगरीय भूमि की 200 वर्गमीटर तक भूमि के नियमितीकरण को वर्ष 2004 के सर्किल रेट के बराबर शुल्क देना होगा.

2- वर्ग-4 नगरीय भूमि की 200 से 400 वर्गमीटर तक भूमि के लिए 2004 के सर्किल रेट का 10 फीसद ज्यादा शुल्क देना होगा.

3- वर्ग-4 नगरीय भूमि की 401 वर्गमीटर से 1000 वर्गमीटर तक भूमि के नियमितीकरण को 2004 के सर्किल रेट का 25 फीसद से ज्यादा शुल्क देना होगा.

4- वर्ग-4 ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि नियमितीकरण 2004 के सर्किल रेट के आधार पर ही होगा.

देहरादून: प्रदेश में वर्ग-चार और वर्ग-तीन की भूमि पर साल 1983 तक काबिज व्यक्तियों को मालिकाना हक दिया जाएगा. जिसपर बुधवार को हुई मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी हैं. शहरी क्षेत्र में भूमि के कब्जे या पट्टे के नियमितीकरण को शुल्क भी तय किया गया है. वही, शहरी क्षेत्र में 200 वर्गमीटर तक भूमि और ग्रामीण क्षेत्रों में कब्जे की पूरी भूमि को वर्ष 2004 के सर्किल रेट के आधार पर शुल्क लेकर मालिकाना हक दिया जाएगा.

बता दें कि, सरकार ने प्रदेश में वर्ग-चार और वर्ग-तीन की भूमि के कब्जाधारकों को भूमिधरी अधिकार पर निर्णय के लिए कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित की थी. इसमें कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय और सदस्य सचिव के रूप में राजस्व सचिव सुशील कुमार शामिल किया गया था. वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में उपसमिति की रिपोर्ट को रखा गया था. जिसके बाद चर्चाकर उपसमिति की सिफारिशों को मंजूरी दी गई.

पढ़ें: 15 अक्टूबर से हिमाचल और पंजाब के लिए हल्द्वानी से बस सेवा होगी शुरू

शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि कैबिनेट ने वर्ग-चार और वर्ग-तीन की भूमि कब्जाधारकों को 26 फरवरी 2019 के शासनादेश के मुताबिक शुल्क निर्धारण के बाद भूमिधरी का अधिकार देने का निर्णय लिया है. वर्ग-तीन की धारा-132 के अंतर्गत जलमग्न भूमि, तालाब, चकमार्ग, गूल, खलिहान, कब्रिस्तान, श्मशान घाट, चारागाह की भूमि पर अवैध कब्जे का नियमितीकरण नहीं किया जाएगा.

तय किए गए सर्किल रेट...

1- वर्ग-4 नगरीय भूमि की 200 वर्गमीटर तक भूमि के नियमितीकरण को वर्ष 2004 के सर्किल रेट के बराबर शुल्क देना होगा.

2- वर्ग-4 नगरीय भूमि की 200 से 400 वर्गमीटर तक भूमि के लिए 2004 के सर्किल रेट का 10 फीसद ज्यादा शुल्क देना होगा.

3- वर्ग-4 नगरीय भूमि की 401 वर्गमीटर से 1000 वर्गमीटर तक भूमि के नियमितीकरण को 2004 के सर्किल रेट का 25 फीसद से ज्यादा शुल्क देना होगा.

4- वर्ग-4 ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि नियमितीकरण 2004 के सर्किल रेट के आधार पर ही होगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.