देहरादून: देश भर में लगातार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में देवभूमि उत्तराखंड में भी लगातार संक्रमित मरीजों में बढ़ोत्तरी होती देख प्रदेश सरकार ने नया आदेश जारी किया था. इसके तहत आज आवश्यक सेवाओं को छोड़कर बाजार को 2 बजे के बाद बंद करने की कार्रवाई शुरू हुई. हालांकि दुकान बंद होने के दौरान व्यापारियों ने नाराजगी जाहिर की.
व्यापारियों ने कहा कि जिस तरह से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं या तो सरकार पूर्ण रूप से लॉकडाउन का निर्णय ले, या फिर सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक का बाजार खुला रखा जाए. क्योंकि सुबह 7 बजे से दोपहर के 2 बजे तक का समय बाजार में व्यापार के लिए पहले से चली आ रही.
उधर आवश्यक सेवाओं को छोड़कर दोपहर 2 बजे के बाद आज पहले दिन पुलिस प्रशासन ने नगर निगम क्षेत्र के बाजारों को बंद करने की कार्रवाई शुरू की. एसपी सिटी सरिता डोभाल सड़क पर उतर कर इंफोर्समेंट की कार्रवाई सुनिश्चित कराने के लिए डटी रहीं.
शासन की कार्रवाई से व्यापारियों में रोष
वहीं ,कोरोना के बढ़ते संक्रमण के दृष्टिगत देहरादून के बाजारों को दोपहर 2 बजे तक बंद करने के आदेश का विरोध किया. व्यापारियों का कहना है कि जब 2 बजे तक बाजार को बंद करने के आदेश दिए गए हैं, तो सड़कों पर आवाजाही क्यों?
शराब की दुकान खोलने से व्यापारी नाराज
वहीं दूसरी तरफ आवश्यक सेवाओं में शाम 7 बजे तक शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति मिलने को लेकर भी किराना दुकान से लेकर अन्य व्यापारियों ने नाराजगी जाहिर की.
सरकार के 2 बजे तक दुकानों को बंद करने के फैसले को व्यापारियों ने ठहराया गलत
कोरोना संक्रमण के चलते देहरादून के बाजारों को दोपहर 2 बजे बंद करने के निर्णय को लेकर व्यापारी वर्ग ने नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि शाम 7 बजे से सुबह 5 बजे तक पहले ही कर्फ्यू लगा दिया गया है. ऐसे में अब सुबह 7 बजे से दोपहर 2 बजे तक बाजारों को बंद करने का निर्णय बड़ा ही अटपटा और विरोधाभासी है. व्यापारियों के मुताबिक 2 बजे दोपहर तक बाजारों को बंद करने का निर्णय लेने के लिए शासन स्तर से व्यापार मंडल को विश्वास में लिए बगैर बिना वार्तालाप करे सीधे फरमान सुनाना न्याय संगत नहीं है.
एसपी सिटी सरिता डोभाल ने बताया कि शहर भर में नगर निगम क्षेत्र में पर इस समय अनुसार बाजारों को बंद कराने के लिए अलग-अलग टीम गठित की गई हैं. सरकारी आदेश का उल्लंघन ना हो इसको लेकर थाना पुलिस को सख्त निर्देश दिए गए हैं. वहीं सोशल डिस्टेंसिंग मास्क न लगाने जैसे विषयों पर भी चालान काटा जा रहा है.