देहरादून: लॉकडाउन के बाद कारखाने बंद हो गए थे और दिहाड़ी मजदूरों का काम छिन गया, जिससे उन्हें शहरों से पलायन कर गांवों की ओर जाना पड़ा था. लेकिन अनलॉक के जरिए सरकार जिंदगी को पटरी पर लाने में जुटी हुई है. देहरादून रेलवे स्टेशन पर ट्रेन संचालन पूरी तरह से शुरू नहीं होने की वजह से रेल यात्रियों पर निर्भर होने वाले विभिन्न छोटे व्यापारियों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है.
अनलॉक के दूसरे चरण में भी दून रेलवे स्टेशन पर सन्नाटा पसरा हुआ है. पूरे दिन में महज एक ट्रेन नैनी-दून एक्सप्रेस ही यात्रियों को लेकर रेलवे स्टेशन पहुंच रही है. जिसकी वजह से स्टेशन पर स्टॉल लगाने वाले छोटे व्यापारी, ऑटो रिक्शा चालक और टैक्सी चालक संकट के दौर से गुजर रहे हैं.
ईटीवी भारत की टीम ने जब देहरादून रेलवे स्टेशन का जायजा लिया तो सामान्य दिनों की अपेक्षा प्लेटफॉर्म पर मौजूद स्टॉल पर ताले जड़े हुए दिखे. इसके साथ ही वेटिंग एरिया में भी सन्नाटा पसरा मिला. ऐसे में अनलॉक-2 रेल यात्रियों पर निर्भर रहने वाले छोटे व्यापारियों और ऑटो-टैक्सी चालकों के लिए कोई राहत लेकर नहीं आया है.
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दून रेलवे स्टेशन के बाहर मौजूद टैक्सी चालकों का कहना है कि सामान्य में 20-25 टैक्सी यात्रियों को उनके गंतव्य तक छोड़ती थी. लेकिन मौजूदा समय में महज एक-दो टैक्सी ही यात्री को ले जा रही हैं. ऐसी स्थिति में परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है. ऐसा ही हाल रेलवे स्टेशन के बाहर मौजूद उत्तराखंड परिवहन निगम की बस डिपो का भी दिखा. डिपो में भी सन्नाटा पसरा हुआ था. हालांकि बसें यात्रियों के इंतजार में जरूरी खड़ी दिखीं. लेकिन, यात्रियों की संख्या डिपो पर न के बराबर थी.
परिवहन निगम की बसें हर दिन महज 5 या 10 यात्रियों को लेकर अलग-अलग गंतव्य की ओर जा रही हैं. जिससे निगम को भी खासा नुकसान हो रहा है. जबकि सामान्य दिनों में यहां यात्रियों को कतारों में खड़े होकर बस का इंतजार करते देखना एक आम बात थी.