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हाईकोर्ट के आदेशों की जमकर उड़ रहीं धज्जियां, धड़ल्ले से हो रहा अवैध निर्माण

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Published : Nov 28, 2019, 3:20 PM IST

ऋषिकेश में हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन किया जा रहा है. बिल्डर आमबाग में लगातार निर्माण कार्य कर रहे हैं.

Nainital High Court
Nainital High Court

ऋषिकेश: तीर्थनगरी ऋषिकेश में अधिकारियों की लापरवाही के चलते बिल्डरों के हौसले बुलंद हैं. आम बाग में बहुमंजिला इमारतों सहित सभी तरह के निर्माणों पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई थी लेकिन आदेश को दरकिनार करते हुए बिल्डर लगातार बहुमंजिला इमारतों का निर्माण कर रहे हैं. वहीं प्रशासन इस पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं कर रहा है.

हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन

बता दें कि आम बाग विस्थापित क्षेत्र में कई निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारतों का निर्माण कार्य चल रहा है. ये इमारतें नियमों का उल्लंघन करते हुए बनाई जा रही हैं. जोकि भविष्य में वहां रहने वाले विस्थापित क्षेत्र के लोगों के लिए खतरा बन सकती हैं. बहुमंजिला इमारतों से परेशान होकर "विस्थापित जन कल्याण समिति" ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए आम बाग क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माणों पर रोक लगाई थी.

पढ़ें- उत्तराखंड में बर्फबारी ने पकड़ी रफ्तार, कई इलाकों में बारिश की भी संभावना

इस मामले में उप जिलाधिकारी प्रेमलाल ने अपने जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया है. उनका कहना है कि आमबाग मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के दायरे में आ गया है. एमडीडीए के अधिकारी इस पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. अगर फिर भी बिल्डर निर्माण कार्य कर रहे हैं तो उन पर प्रभावी कार्रवाई की जाएगी.

ऋषिकेश: तीर्थनगरी ऋषिकेश में अधिकारियों की लापरवाही के चलते बिल्डरों के हौसले बुलंद हैं. आम बाग में बहुमंजिला इमारतों सहित सभी तरह के निर्माणों पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई थी लेकिन आदेश को दरकिनार करते हुए बिल्डर लगातार बहुमंजिला इमारतों का निर्माण कर रहे हैं. वहीं प्रशासन इस पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं कर रहा है.

हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन

बता दें कि आम बाग विस्थापित क्षेत्र में कई निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारतों का निर्माण कार्य चल रहा है. ये इमारतें नियमों का उल्लंघन करते हुए बनाई जा रही हैं. जोकि भविष्य में वहां रहने वाले विस्थापित क्षेत्र के लोगों के लिए खतरा बन सकती हैं. बहुमंजिला इमारतों से परेशान होकर "विस्थापित जन कल्याण समिति" ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए आम बाग क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माणों पर रोक लगाई थी.

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इस मामले में उप जिलाधिकारी प्रेमलाल ने अपने जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया है. उनका कहना है कि आमबाग मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के दायरे में आ गया है. एमडीडीए के अधिकारी इस पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. अगर फिर भी बिल्डर निर्माण कार्य कर रहे हैं तो उन पर प्रभावी कार्रवाई की जाएगी.

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ऋषिकेश--ऋषिकेश में अधिकारियों की लापरवाही के चलते बिल्डरों के हौंसले बुलन्द है,आम बाग में बहुमंजिला इमारतों सहित सभी तरह के निर्माणों पर उच्च न्यायालय ने रोक लगाई थी लेकिन कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए बिल्डर लगातार बहुमंजिला इमारतों का निर्माण कर रहे हैं वहीं प्रशासन किसी भी तरह की कार्यवाही नही कर रहा है।




Body:वी/ओ--ऋषिकेश के आम बाग विस्थापित क्षेत्र में कई निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारतों का निर्माण कार्य चल रहा है , जो नियमों का उल्लंघन करते हुए बनाई जा रही है जो कि भविष्य में वहां रहने वाले विस्थापित क्षेत्र के लोगों के लिए खतरा बन सकते है।बहुमंजिला इमारतों से परेशान होकर " विस्थापित जन कल्याण समिति " द्वारा न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसके बाद न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई करते हुए विस्थापित आमबाग क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माणों पर रोक लगा दी जिसके बाद कुछ दिन तक संबंधित विभागों द्वारा कार्रवाई में तेजी दिखाते हुए निर्माणाधीन इमारतों पर रोक लगाई, लेकिन फिर वही ढाक के तीन पात अधिकारियों ने उस ओर ध्यान देना ही छोड़ दिया जिससे बिल्डरों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं।









Conclusion:वी/ओ--वही उप जिलाधिकारी प्रेमलाल ने अपने जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते हुए संबंधित विभाग पर जिम्मेदारी का हवाला देने लगे लेकिन समिति द्वारा डाली गई याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने संबंधित विभाग,  उप जिलाधिकारी व पुलिस को कार्रवाई करने की जिम्मेदारी सौंपी थी लेकिन प्रशासन कोई भी कार्यवाही नही कर रहा है।


बाईट-- प्रेमलाल (उपजिलाधिकारी , ऋषिकेश)
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