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जानिए पिछले वित्तीय वर्षों में क्या रहा बजट का स्वरूप, इस बार क्या मिलेगी सौगात - पिछले वित्तीय वर्षों के बजट

एक मार्च से गैरसैंण में चल रहे विधानसभा बजट सत्र के चौथे दिन यानी आज बजट पेश किया जाएगा. यह बजट मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत खुद पेश करेंगे. आज पेश होने वाला बजट कई मायने में बेहद खास रहने वाला है.

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पिछले वित्तीय वर्षों का बजट
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Published : Mar 4, 2021, 8:10 AM IST

देहरादून: एक मार्च से गैरसैंण में चल रहे विधानसभा बजट सत्र के चौथे दिन यानी आज बजट पेश होगा. यह बजट मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत खुद पेश करेंगे. आज पेश होने वाला बजट कई मायने में बेहद खास रहने वाला है. क्योंकि वर्तमान सरकार के कार्यकाल का यह आखिरी बजट सत्र है. ऐसे में यह बजट काफी लोक लुभावना रहने वाला है. चुनावी वर्ष में सरकार करीब 57 हजार करोड़ से अधिक का बजट लेकर आ रही है. जबकि पिछले बजट सत्र में 53,526.97 करोड़ का करमुक्त बजट पेश किया था. देखना यह होगा कि इस बजट से जनता को क्या कुछ बड़ी सौगातें मिलती हैं. प्रदेश में तमाम क्षेत्र ऐसे हैं जिनमें बजट का आवंटन पहले से ही बेहतर किया जाता रहा है. लेकिन उन विभागों में बजट सही ढंग से खर्च नहीं हो पाते हैं. पिछले कुछ वित्तीय वर्ष के आय व्ययक में किस क्षेत्र को कितना बजट दिया गया और इस बार क्या उम्मीद हैं डालते हैं एक नजर.

पिछले वित्तीय वर्षों के बजट में इन बिंदुओं पर रह फोकस.

  • वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट में बुनियादी ढांचे के विकास, आपदा प्रबंधन, स्कूली शिक्षा, कृषि और महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया गया.
  • वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट में बजट को एक दूरदर्शी और आकांक्षात्मक दस्तावेज के रूप में पेश किया. जो भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का खाका खींचता है. हालांकि, मुख्य फोकस कृषि था.
  • वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट में राज्य के 25 लोक कल्याणकारी लक्ष्यों को प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया. सरकार का विजन 2020 किसानों की समृद्धि, युवाओं के लिए रोजगार, महिलाओं के सशक्तीकरण, सीमावर्ती गांवों में रिवर्स पलायन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच और दूरदराज के इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का निर्माण कुछ प्रमुख लक्ष्य था.
  • वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में जनता के सर्वांगीण विकास, आम लोगों को राहत देने, किसानों की आय को दोगुना करने, महिलाओं को रोजगार से जोड़ने और अधिकार देने, युवाओं को रोजगार से जोड़ने, इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने वाला बजट होने की उम्मीद है.

पढ़ें: बजट 2021ः आम से लेकर खास पर कितनी खरी उतरेगी त्रिवेंद्र सरकार, खास रिपोर्ट

वित्तीय वर्षों में बजट

  • शिक्षा, खेल, कला और संस्कृति के क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 6669 करोड़, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 7438 करोड़, वित्तीय वर्ष 2019-20 में 7802 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2020-21 में 9385 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. जो आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 मे 10,000 करोड़ से अधिक होने की संभावना है.
  • जल आपूर्ति, स्वच्छता, आवास और शहरी विकास के क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 1374 करोड़, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 1267 करोड़, वित्तीय वर्ष 2019-20 में 1838 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2020-21 में 3121 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. जो आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 में करीब 4,000 करोड़ रुपये होने की संभावना है.
  • स्वास्थ्य और परिवार के क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 1619 करोड़, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 2096 करोड़, वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2082 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2680 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. जो आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 में करीब 3,000 करोड़ रुपये होने की संभावना है.
  • ग्रामीण विकास के क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 2503 करोड़, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 3103 करोड़, वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2910 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2020-21 में 3217 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. जो आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 में करीब 3,300 करोड़ रुपये होने की संभावना है.
  • कृषि और संबद्ध कार्यों के क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 2928 करोड़, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 3483 करोड़, वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2869 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2020-21 में 3401 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. जो आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 में करीब 4,000 करोड़ रुपये होने की संभावना है.
  • समाज कल्याण और पोषण के क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 1864 करोड़, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 1971 करोड़, वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2136 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2750 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. जो आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 में करीब 3,000 करोड़ रुपये होने की संभावना है.
  • परिवहन के क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 1762 करोड़, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 1686 करोड़, वित्तीय वर्ष 2019-20 में 1876 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2123 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. जो आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 में करीब 2,500 करोड़ रुपये होने की संभावना है.
  • पुलिस के क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 1627 करोड़, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 1794 करोड़, वित्तीय वर्ष 2019-20 में 1775 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2094 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. जो आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 में करीब 2,200 करोड़ रुपये होने की संभावना है.
  • पब्लिक वर्क के क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2018-19 में 919 करोड़, वित्तीय वर्ष 2019-20 में 1024 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1201 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. जो आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 में करीब 1,500 करोड़ रुपये होने की संभावना है.

देहरादून: एक मार्च से गैरसैंण में चल रहे विधानसभा बजट सत्र के चौथे दिन यानी आज बजट पेश होगा. यह बजट मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत खुद पेश करेंगे. आज पेश होने वाला बजट कई मायने में बेहद खास रहने वाला है. क्योंकि वर्तमान सरकार के कार्यकाल का यह आखिरी बजट सत्र है. ऐसे में यह बजट काफी लोक लुभावना रहने वाला है. चुनावी वर्ष में सरकार करीब 57 हजार करोड़ से अधिक का बजट लेकर आ रही है. जबकि पिछले बजट सत्र में 53,526.97 करोड़ का करमुक्त बजट पेश किया था. देखना यह होगा कि इस बजट से जनता को क्या कुछ बड़ी सौगातें मिलती हैं. प्रदेश में तमाम क्षेत्र ऐसे हैं जिनमें बजट का आवंटन पहले से ही बेहतर किया जाता रहा है. लेकिन उन विभागों में बजट सही ढंग से खर्च नहीं हो पाते हैं. पिछले कुछ वित्तीय वर्ष के आय व्ययक में किस क्षेत्र को कितना बजट दिया गया और इस बार क्या उम्मीद हैं डालते हैं एक नजर.

पिछले वित्तीय वर्षों के बजट में इन बिंदुओं पर रह फोकस.

  • वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट में बुनियादी ढांचे के विकास, आपदा प्रबंधन, स्कूली शिक्षा, कृषि और महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया गया.
  • वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट में बजट को एक दूरदर्शी और आकांक्षात्मक दस्तावेज के रूप में पेश किया. जो भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का खाका खींचता है. हालांकि, मुख्य फोकस कृषि था.
  • वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट में राज्य के 25 लोक कल्याणकारी लक्ष्यों को प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया. सरकार का विजन 2020 किसानों की समृद्धि, युवाओं के लिए रोजगार, महिलाओं के सशक्तीकरण, सीमावर्ती गांवों में रिवर्स पलायन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच और दूरदराज के इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का निर्माण कुछ प्रमुख लक्ष्य था.
  • वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में जनता के सर्वांगीण विकास, आम लोगों को राहत देने, किसानों की आय को दोगुना करने, महिलाओं को रोजगार से जोड़ने और अधिकार देने, युवाओं को रोजगार से जोड़ने, इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने वाला बजट होने की उम्मीद है.

पढ़ें: बजट 2021ः आम से लेकर खास पर कितनी खरी उतरेगी त्रिवेंद्र सरकार, खास रिपोर्ट

वित्तीय वर्षों में बजट

  • शिक्षा, खेल, कला और संस्कृति के क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 6669 करोड़, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 7438 करोड़, वित्तीय वर्ष 2019-20 में 7802 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2020-21 में 9385 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. जो आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 मे 10,000 करोड़ से अधिक होने की संभावना है.
  • जल आपूर्ति, स्वच्छता, आवास और शहरी विकास के क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 1374 करोड़, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 1267 करोड़, वित्तीय वर्ष 2019-20 में 1838 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2020-21 में 3121 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. जो आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 में करीब 4,000 करोड़ रुपये होने की संभावना है.
  • स्वास्थ्य और परिवार के क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 1619 करोड़, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 2096 करोड़, वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2082 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2680 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. जो आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 में करीब 3,000 करोड़ रुपये होने की संभावना है.
  • ग्रामीण विकास के क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 2503 करोड़, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 3103 करोड़, वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2910 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2020-21 में 3217 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. जो आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 में करीब 3,300 करोड़ रुपये होने की संभावना है.
  • कृषि और संबद्ध कार्यों के क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 2928 करोड़, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 3483 करोड़, वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2869 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2020-21 में 3401 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. जो आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 में करीब 4,000 करोड़ रुपये होने की संभावना है.
  • समाज कल्याण और पोषण के क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 1864 करोड़, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 1971 करोड़, वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2136 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2750 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. जो आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 में करीब 3,000 करोड़ रुपये होने की संभावना है.
  • परिवहन के क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 1762 करोड़, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 1686 करोड़, वित्तीय वर्ष 2019-20 में 1876 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2123 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. जो आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 में करीब 2,500 करोड़ रुपये होने की संभावना है.
  • पुलिस के क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 1627 करोड़, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 1794 करोड़, वित्तीय वर्ष 2019-20 में 1775 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2094 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. जो आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 में करीब 2,200 करोड़ रुपये होने की संभावना है.
  • पब्लिक वर्क के क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2018-19 में 919 करोड़, वित्तीय वर्ष 2019-20 में 1024 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1201 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. जो आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 में करीब 1,500 करोड़ रुपये होने की संभावना है.
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