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दिल्ली में एक अक्टूबर से प्रवेश नहीं कर पाएंगी उत्तराखंड की 200 बसें, जानें वजह

उत्तराखंड परिवहन निगम की करीब 200 बसें अब दिल्ली में एंट्री नहीं कर पाएंगी. दिल्ली सरकार ने बीएस-4 इंजन वाली गाड़ियों की एंट्री पर एक अक्टूबर से बैन लगा दिया है. ऐसे में उत्तराखंड परिवहन निगम ने लगभग 140 बीएस-6 बसों का टेंडर निकाला है. निगम के अधिकारियों का कहना है कि यात्रियों कोई भी परेशानी नहीं होने दी जाएगी.

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Published : Jun 27, 2022, 7:36 PM IST

देहरादून: दिल्ली सरकार ने उत्तराखंड परिवहन निगम की 200 बसों पर एक अक्टूबर से दिल्ली में एंट्री पर रोक लगा दी है. राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बाद दिल्ली सरकार ने यह फैसला लिया है. दिल्ली सरकार ने उत्तराखंड परिवहन निगम को एक पत्र लिखा है. पत्र के हिसाब से निगम की लगभग 200 से अधिक बसें दिल्ली जाने के लायक ही नहीं है. दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्रालय ने उत्तराखंड सहित तमाम राज्यों को पत्र भेजकर यह कहा है कि दिल्ली में एक अक्टूबर से अब सिर्फ बीएस-6 इंजन वाली बसों की ही एंट्री होगी.

दिल्ली में प्रदूषण को लेकर एनजीटी ने बीते दिनों दिल्ली सरकार को चेताया था. एनजीटी ने कहा था कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह दिल्ली में वाहनों की संख्या है. ऐसे में दिल्ली सरकार ने तो अपने तमाम विभागों में परिवर्तन करते हुए गाड़ियों को सीएनजी में तब्दील कर दिया है और जो बसें अभी बची है उसको 1 अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा. इसीलिए दिल्ली सरकार ने सभी राज्यों को एक अक्टूबर तक का समय दिया है. एक अक्टूबर के बाद दिल्ली के बॉर्डर से अंदर बीएस-4 इंजन वाली गाड़ियां नहीं जाएंगी.

उत्तराखंड परिवहन निगम के पास मौजूदा समय में लगभग बीएस-6 की 22 बसें हैं. लगभग 30 से अधिक बसें अनुबंध पर हैं. गढ़वाल और कुमाऊं रोजाना करीब 130 बीएस-6 बसें दिल्ली के लिए प्रस्थान करती हैं. इन बसों से निगम को दिल्ली की बसों से अच्छी कमाई होती है. दिल्ली सरकार के इस फैसले के बाद परिवहन निगम ने आनन-फानन में लगभग 140 बीएस 6 बसों का टेंडर निकाला है.
पढ़ें- जीएसटी परिषद की बैठक कल से: राज्यों को क्षतिपूर्ति, कर दरों में बदलाव पर होगी चर्चा

निगम के अधिकारी उम्मीद जता रहे हैं कि जल्द ही तारीख आने से पहले इस टेंडर प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा. निगम की कोशिश रहेगी कि यात्रियों को किसी भी तरह की दिक्कतें नहीं होने दी आएगी. अगर किसी की वजह से कोई परेशानी आती भी है तो उसके अन्य विकल्प भी तलाशे जा रहे हैं. परिवहन निगम के एमडी रोहित मीणा की माने दोनों ने शासन को इस बाबत जानकारी दे दी है और जल्द ही कोई ठोस निर्णय ले लिया जाएगा.

क्या होता है बीएस 6 इंजन: बीएस 6 इंजन वाली गाड़ियां कम प्रदूषण फैलाती है. अगर सीधे तौर पर कहें तो उस इंजन में कुछ खास किस्म के फिल्टर लगे होते हैं, जिस कारण प्रदूषण कणों की संख्या कम रह जाती है. इस इंजन में 80 से 90% पीएम और 2.5 जैसे कण बाहर नहीं आते हैं. इसके साथ ही इन गाड़ियों में नाइट्रोजन ऑक्साइड पर नियंत्रण लगाने की भी क्षमता अधिक होती है. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने तमाम राज्यों को पत्र लिखकर बीएस 6 इंजन की गाड़ियां ही दिल्ली भेजने का निर्देश दिया है.

देहरादून: दिल्ली सरकार ने उत्तराखंड परिवहन निगम की 200 बसों पर एक अक्टूबर से दिल्ली में एंट्री पर रोक लगा दी है. राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बाद दिल्ली सरकार ने यह फैसला लिया है. दिल्ली सरकार ने उत्तराखंड परिवहन निगम को एक पत्र लिखा है. पत्र के हिसाब से निगम की लगभग 200 से अधिक बसें दिल्ली जाने के लायक ही नहीं है. दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्रालय ने उत्तराखंड सहित तमाम राज्यों को पत्र भेजकर यह कहा है कि दिल्ली में एक अक्टूबर से अब सिर्फ बीएस-6 इंजन वाली बसों की ही एंट्री होगी.

दिल्ली में प्रदूषण को लेकर एनजीटी ने बीते दिनों दिल्ली सरकार को चेताया था. एनजीटी ने कहा था कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह दिल्ली में वाहनों की संख्या है. ऐसे में दिल्ली सरकार ने तो अपने तमाम विभागों में परिवर्तन करते हुए गाड़ियों को सीएनजी में तब्दील कर दिया है और जो बसें अभी बची है उसको 1 अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा. इसीलिए दिल्ली सरकार ने सभी राज्यों को एक अक्टूबर तक का समय दिया है. एक अक्टूबर के बाद दिल्ली के बॉर्डर से अंदर बीएस-4 इंजन वाली गाड़ियां नहीं जाएंगी.

उत्तराखंड परिवहन निगम के पास मौजूदा समय में लगभग बीएस-6 की 22 बसें हैं. लगभग 30 से अधिक बसें अनुबंध पर हैं. गढ़वाल और कुमाऊं रोजाना करीब 130 बीएस-6 बसें दिल्ली के लिए प्रस्थान करती हैं. इन बसों से निगम को दिल्ली की बसों से अच्छी कमाई होती है. दिल्ली सरकार के इस फैसले के बाद परिवहन निगम ने आनन-फानन में लगभग 140 बीएस 6 बसों का टेंडर निकाला है.
पढ़ें- जीएसटी परिषद की बैठक कल से: राज्यों को क्षतिपूर्ति, कर दरों में बदलाव पर होगी चर्चा

निगम के अधिकारी उम्मीद जता रहे हैं कि जल्द ही तारीख आने से पहले इस टेंडर प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा. निगम की कोशिश रहेगी कि यात्रियों को किसी भी तरह की दिक्कतें नहीं होने दी आएगी. अगर किसी की वजह से कोई परेशानी आती भी है तो उसके अन्य विकल्प भी तलाशे जा रहे हैं. परिवहन निगम के एमडी रोहित मीणा की माने दोनों ने शासन को इस बाबत जानकारी दे दी है और जल्द ही कोई ठोस निर्णय ले लिया जाएगा.

क्या होता है बीएस 6 इंजन: बीएस 6 इंजन वाली गाड़ियां कम प्रदूषण फैलाती है. अगर सीधे तौर पर कहें तो उस इंजन में कुछ खास किस्म के फिल्टर लगे होते हैं, जिस कारण प्रदूषण कणों की संख्या कम रह जाती है. इस इंजन में 80 से 90% पीएम और 2.5 जैसे कण बाहर नहीं आते हैं. इसके साथ ही इन गाड़ियों में नाइट्रोजन ऑक्साइड पर नियंत्रण लगाने की भी क्षमता अधिक होती है. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने तमाम राज्यों को पत्र लिखकर बीएस 6 इंजन की गाड़ियां ही दिल्ली भेजने का निर्देश दिया है.

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