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एम्स में इंडोवैस्कुलर क्वाइलिंग तकनीक से हुआ ब्रेन हेमरेज पेशेंट का सफल इलाज - AIIMS Rishikesh latest news

एअरलिफ्ट कर ऋषिकेश एम्स लाये ब्रेन हेमरेज पेशेंट का एम्स के डॉक्टरों ने सफल उपचार किया है.

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एम्स में इंडोवैस्कुलर क्वाईलिंग तकनीक से हुआ ब्रेन हेमरेज पेशेंट का सफल इलाज
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Published : Oct 5, 2020, 9:36 PM IST

ऋषिकेश: सोमवार को एम्स ऋषिकेश के चिकित्सकों ने एक ब्रेन हैमरेज के पेशेंट का सफल इलाज किया. एम्स चिकित्सकों ने इंडोवैस्कुलर क्वाइलिंग तकनीक अपनाकर पेशेंट का इलाज किया. इस पेशेंट को पौड़ी से एयरलिफ्ट कर ऋषिकेश पहुंचाया गया था.

बता दें कि पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले एक चिकित्सक अस्पताल में अचानक चक्कर खाकर गिर गए थे. जिन्हें राज्य सरकार की ओर से एयरलिफ्ट कर एम्स पंहुचाया गया. उनका सीटी स्कैन में पता चला कि उन्हें ब्रेन हैमरेज हो गया है. एंजियोग्राफी में नस फटने के कारण एन्युरिज्म पाया गया था. चिकित्सकों के अनुसार उनके दिमाग की एक नस फट गई थी.

एम्स में इंडोवैस्कुलर क्वाइलिंग तकनीक का प्रयोग

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सोमवार को एम्स चिकित्सकों ने इंडोवैस्कुलर क्वाइलिंग तकनीक अपनाकर पेशेंट का उपचार किया. एम्स निदेशक ने इस सफलता के लिए चिकित्सकों के प्रयास की सराहना की. उन्होंने कहा कि राज्य में एयर एंबुलेंस सेवा व एम्स परिसर में हेलीपैड की सुविधा उपलब्ध होने से मरीजों को तत्काल एम्स पहुंचाया जा रहा है. यह सुविधा जीवन बचाने के लिये अति लाभकारी है. इस नवीनतम इंडोवैस्कुलर क्वाइलिंग तकनीक द्वारा सिर को बिना खोले इलाज किया जा सकता है.

पढे़ं-आज होगा प्रदेश कार्यकारिणी का गठन, बगावती लोगों की होगी वापसीः बंशीधर भगत

ब्रेन हैमरेज का सफल इलाज करने वाले इंटरवेंशनल न्यूरो रेडियोलाजिस्ट डॉ. संदीप बुड़ाथोकी ने बताया कि इस प्रक्रिया में जांघ के पास 2.5 एमएम का सुराग करके वहां से नसों के जरिए कैथेटर को ब्रेन हेमरेज वाली जगह पर पहुंचाया गया. जिसके बाद दिमाग के हैमरेज वाले हिस्से को क्वायल किया गया. उन्होंने बताया कि मरीज अब पूरी तरह से खतरे से बाहर है. डॉ. संदीप ने कहा इस विधि से उपचार करने से मरीज जल्दी रिकवरी कर सकेगा.

ऋषिकेश: सोमवार को एम्स ऋषिकेश के चिकित्सकों ने एक ब्रेन हैमरेज के पेशेंट का सफल इलाज किया. एम्स चिकित्सकों ने इंडोवैस्कुलर क्वाइलिंग तकनीक अपनाकर पेशेंट का इलाज किया. इस पेशेंट को पौड़ी से एयरलिफ्ट कर ऋषिकेश पहुंचाया गया था.

बता दें कि पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले एक चिकित्सक अस्पताल में अचानक चक्कर खाकर गिर गए थे. जिन्हें राज्य सरकार की ओर से एयरलिफ्ट कर एम्स पंहुचाया गया. उनका सीटी स्कैन में पता चला कि उन्हें ब्रेन हैमरेज हो गया है. एंजियोग्राफी में नस फटने के कारण एन्युरिज्म पाया गया था. चिकित्सकों के अनुसार उनके दिमाग की एक नस फट गई थी.

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सोमवार को एम्स चिकित्सकों ने इंडोवैस्कुलर क्वाइलिंग तकनीक अपनाकर पेशेंट का उपचार किया. एम्स निदेशक ने इस सफलता के लिए चिकित्सकों के प्रयास की सराहना की. उन्होंने कहा कि राज्य में एयर एंबुलेंस सेवा व एम्स परिसर में हेलीपैड की सुविधा उपलब्ध होने से मरीजों को तत्काल एम्स पहुंचाया जा रहा है. यह सुविधा जीवन बचाने के लिये अति लाभकारी है. इस नवीनतम इंडोवैस्कुलर क्वाइलिंग तकनीक द्वारा सिर को बिना खोले इलाज किया जा सकता है.

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ब्रेन हैमरेज का सफल इलाज करने वाले इंटरवेंशनल न्यूरो रेडियोलाजिस्ट डॉ. संदीप बुड़ाथोकी ने बताया कि इस प्रक्रिया में जांघ के पास 2.5 एमएम का सुराग करके वहां से नसों के जरिए कैथेटर को ब्रेन हेमरेज वाली जगह पर पहुंचाया गया. जिसके बाद दिमाग के हैमरेज वाले हिस्से को क्वायल किया गया. उन्होंने बताया कि मरीज अब पूरी तरह से खतरे से बाहर है. डॉ. संदीप ने कहा इस विधि से उपचार करने से मरीज जल्दी रिकवरी कर सकेगा.

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