देहरादून: चीन को आर्थिक चोट पहुंचाने के लिए उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने गुरुवार को एक फैसला लिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रदेश सरकार का कोई भी विभाग चीनी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल नहीं करेगा. जिस पर विभागों ने अमल करना शुरू कर दिया है. इसी को लेकर कुछ विभागों के अधिकारियों से ईटीवी भारत संवाददाता ने बातचीत की.
मुख्य नगर आयुक्त देहरादून विनय शंकर पांडे ने कहा कि मुख्यमंत्री के ऐलान के बाद निगम प्रशासन की ओर से अपने सभी अनुभागों को भविष्य में चीनी सामान या किसी भी चीनी कंपनी को टेंडर प्रक्रिया में आमंत्रित न करने के आदेश जारी कर दिए हैं. इसके साथ ही ऊर्जा विभाग ने भी इस पर काम करना शुरू कर दिया है. ऊर्जा विभाग ने चीनी उपकरणों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है.
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पिटकुल के प्रबंध निदेशक अतुल कुमार अग्रवाल ने कहा कि पूर्व में कई चीनी कंपनियों के साथ टेक्निकल इक्विपमेंट खरीदने का टेंडर हो चुका है, लेकिन अब मुख्यमंत्री के ऐलान के बाद आगे किसी भी चीनी कंपनी से कोई टेंडर नहीं किया जाएगा. न ही उन्हें आमंत्रित किया जाएगा. विभाग में चीनी सामान का इस्तेमाल पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा. इस पर कड़ी नजर रखी जाएगी.
उत्तराखंड सरकार ने चीनी प्रोडक्ट्स को लेकर जो निर्णय लिया है वे भविष्य में कितना सफल होगा ये तो आने वाली वक्त ही बताएगा, लेकिन अभी तो त्रिवेंद्र ने चीन की कमर तोड़ने पर विचार किया है. जिस पर अमल भी होना शुरू हो गया है.