देहरादून: कोविड कर्फ्यू के चलते जहां स्थानीय व्यापारियों को भारी आर्थिक नुकसान के दौर से गुजरना पड़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ बुक स्टोर और स्कूल यूनिफार्म स्टोर संचालकों पर कोरोना काल की दोहरी मार पड़ रही है. पिछले साल मार्च माह के अंतिम सप्ताह में देश भर में लॉकडाउन जारी कर दिया गया था, जिसके बाद से ही स्कूल लगातार बंद चल रहे हैं.
कोरोना की दूसरी लहर के चलते इस साल भी प्रदेश सरकार ने अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह से प्रदेश में कोविड कर्फ्यू जारी कर दिया है. इसके कारण शहर के तमाम बुक स्टोर संचालकों और स्कूल यूनिफॉर्म संचालकों के सामने आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गई है. स्थिति कुछ ऐसी है कि जहां बुक स्टोर्स में लाखों की किताबें धूल फांक रही हैं, वहीं स्कूल यूनिफॉर्म स्टोर में रखा सामान और कपड़े नष्ट हो रहे हैं.
बुक स्टोर संचालक परेशान
ईटीवी भारत से बात करते हुए बुक स्टोर संचालक सुरेंद्र सिंह बताते हैं कि वह पिछले 15 सालों से अपने बुक स्टोर का संचालन करते आ रहे हैं, लेकिन पिछले साल से ही स्कूलों के बंद होने की वजह से उनका कारोबार पूरी तरह से ठप पड़ चुका है. हालांकि सरकार की ओर से अब कोविड कर्फ्यू में कुछ राहत देते हुए स्टेशनरी शॉप खोलने की अनुमति प्रदान कर दी गई है. लेकिन इसके बावजूद किताबों की मांग महज 20 से 30 प्रतिशत तक ही रह गई है. इसकी सबसे बड़ी वजह स्कूल का लगातार बंद होना है.
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वहीं कुछ ऐसा ही हाल स्कूल यूनिफॉर्म स्टोर संचालकों का भी है. राजधानी देहरादून के धमावाला बाजार में पिछले 7 सालों से स्कूल यूनिफार्म का कारोबार करने वाले कुशाल अग्रवाल बताते हैं कि इस साल के शुरूआत में कोरोना के घटते मामलों को देखते हुए उम्मीद जगी थी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. उन्होंने अपनी दुकान में 2 लाख से ज्यादा का सामान लाए, लेकिन स्कूल नहीं खुले. स्कूल यूनिफार्म के सभी सामान पड़े-पड़े खराब हो रहे हैं.