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भ्रूण लिंग परीक्षण रोकने के लिए ब्लॉक स्तरीय समिति होगी गठित, स्वास्थ्य मंत्री ने दिए निर्देश

उत्तराखंड में भ्रूण लिंग परीक्षण रोकने के लिए सरकार लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम के तहत राज्य एवं जिला स्तरीय समितियों की तर्ज पर अब ब्लॉक स्तर पर भी समितियों का गठन करेगी.

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Published : Jul 24, 2021, 7:55 AM IST

meeting
लिंग परीक्षण रोकने के लिए बैठक.

देहरादून: प्रदेश में भ्रूण लिंग परीक्षण रोकने के लिए सरकार लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम (Sex Selection Prohibition Act) के तहत राज्य एवं जिला स्तरीय समितियों की तर्ज पर अब ब्लॉक स्तर पर भी समितियों का गठन करेगी. ताकि राज्य में गिरते बाल लिंगानुपात को सुधारा जा सके.

प्रदेश के सभी पंजीकृत अल्ट्रासाउंड केंद्रों के बाहर सीसीटीवी कैमरा और जरूरत पड़ने पर बायोमैट्रिक मशीने लगवाई जाएंगी. चिकित्सक के परामर्श के बिना मेडिकल स्टोर पर गर्भपात संबंधी दवाओं की बिक्री नहीं की जा सकेगी.

सचिवालय स्थित मुख्य सचिव सभागार में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड में उपरोक्त निर्णय लिए गए. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण पिछले एक वर्ष से बोर्ड की बैठक नहीं हो पाई थी, जिस कारण कई अहम निर्णय लंबित थे. आज राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड (State Supervision Board) की बैठक में राज्य एवं जिला स्तरीय समितियों की तर्ज पर सूबे के सभी 95 विकासखडों में ब्लॉक निरीक्षण एवं मूल्यांकन समिति (पीसीपीएनडीटी) का गठन किया जाएगा. जिसमें उपजिलाधिकारी, ब्लॉक प्रमुख, खंड विकास अधिकारी, प्रभारी चिकित्साधिकारी और संबंधित क्षेत्र के एनजीओ के एक सदस्य को शामिल किया जाएगा.

समिति को ब्लॉक के अंतर्गत पंजीकृत अल्ट्रासाउंड केंद्रों निरीक्षण का अधिकार होगा. इसके अलावा क्षेत्र के अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरा और बयोमैट्रिक मशीन लगाने का निर्णय लिया गया है. बैठक में 21 दिनों के अंदर जन्म पंजीकरण अनिवार्य कर किया गया है. इसके लिए ग्राम प्रधान, आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को शीघ्र प्रशिक्षण दिया जाएगा. राज्य में भ्रूण लिंग परीक्षण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई संबंधी डीके पॉलिसी को शीघ्र लागू करने और भ्रूण लिंक परीक्षण की सूचना देने वाले को पुरस्कृत करने का निर्णय लिया गया है.

बोर्ड की बैठक प्रत्येक माह आयोजित करने के साथ ही अगले माह सबसे कम लिंगानुपात वाले जनपद रुद्रप्रयाग में बैठक करने का निर्णय लिया गया है. राज्य की सभी महिला विधायकों एवं महिला सांसदों को बोर्ड में बतौर सदस्य नामित करने का निर्णय लिया गया. राज्य में बाल लिंगानुपात के गिरते स्तर को देखते हुए बिना चिकित्सकीय परामर्श के मेडिकल स्टोर पर बिक रही गर्भपात संबंधी दवाओं की बिक्री पर रोक लागने का निर्णय बोर्ड बैठक में लिया गया है. राज्य में जबरन कन्या भ्रूण लिंग परीक्षण और भ्रूण हत्या की रोकथाम के लिए शीघ्र एक हेल्पलाइन सेवा शुरू की जाएगी. जिसमें गर्भवती महिलाएं अपनी शिकायत दर्ज कर सकेंगी. जिस पर शासन-प्रशासन तत्काल कार्रवाई कर संबंधित महिलाओं की पूरी मदद करेगा.

पढ़ें: UTTARKASHI DISASTER: आपदा प्रभावित भूमिहीनों को आवंटित होगा सरकारी भूमि पट्टा

बैठक में सचिव स्वास्थ्य एवं उपाध्यक्ष राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड पंकज पाण्डेय, मिशन निदेशक एनएचएम सोनिका, अपर सचिव न्याय राजू कुमार श्रीवास्तव, महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तृप्ति बहुगुणा समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

देहरादून: प्रदेश में भ्रूण लिंग परीक्षण रोकने के लिए सरकार लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम (Sex Selection Prohibition Act) के तहत राज्य एवं जिला स्तरीय समितियों की तर्ज पर अब ब्लॉक स्तर पर भी समितियों का गठन करेगी. ताकि राज्य में गिरते बाल लिंगानुपात को सुधारा जा सके.

प्रदेश के सभी पंजीकृत अल्ट्रासाउंड केंद्रों के बाहर सीसीटीवी कैमरा और जरूरत पड़ने पर बायोमैट्रिक मशीने लगवाई जाएंगी. चिकित्सक के परामर्श के बिना मेडिकल स्टोर पर गर्भपात संबंधी दवाओं की बिक्री नहीं की जा सकेगी.

सचिवालय स्थित मुख्य सचिव सभागार में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड में उपरोक्त निर्णय लिए गए. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण पिछले एक वर्ष से बोर्ड की बैठक नहीं हो पाई थी, जिस कारण कई अहम निर्णय लंबित थे. आज राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड (State Supervision Board) की बैठक में राज्य एवं जिला स्तरीय समितियों की तर्ज पर सूबे के सभी 95 विकासखडों में ब्लॉक निरीक्षण एवं मूल्यांकन समिति (पीसीपीएनडीटी) का गठन किया जाएगा. जिसमें उपजिलाधिकारी, ब्लॉक प्रमुख, खंड विकास अधिकारी, प्रभारी चिकित्साधिकारी और संबंधित क्षेत्र के एनजीओ के एक सदस्य को शामिल किया जाएगा.

समिति को ब्लॉक के अंतर्गत पंजीकृत अल्ट्रासाउंड केंद्रों निरीक्षण का अधिकार होगा. इसके अलावा क्षेत्र के अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरा और बयोमैट्रिक मशीन लगाने का निर्णय लिया गया है. बैठक में 21 दिनों के अंदर जन्म पंजीकरण अनिवार्य कर किया गया है. इसके लिए ग्राम प्रधान, आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को शीघ्र प्रशिक्षण दिया जाएगा. राज्य में भ्रूण लिंग परीक्षण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई संबंधी डीके पॉलिसी को शीघ्र लागू करने और भ्रूण लिंक परीक्षण की सूचना देने वाले को पुरस्कृत करने का निर्णय लिया गया है.

बोर्ड की बैठक प्रत्येक माह आयोजित करने के साथ ही अगले माह सबसे कम लिंगानुपात वाले जनपद रुद्रप्रयाग में बैठक करने का निर्णय लिया गया है. राज्य की सभी महिला विधायकों एवं महिला सांसदों को बोर्ड में बतौर सदस्य नामित करने का निर्णय लिया गया. राज्य में बाल लिंगानुपात के गिरते स्तर को देखते हुए बिना चिकित्सकीय परामर्श के मेडिकल स्टोर पर बिक रही गर्भपात संबंधी दवाओं की बिक्री पर रोक लागने का निर्णय बोर्ड बैठक में लिया गया है. राज्य में जबरन कन्या भ्रूण लिंग परीक्षण और भ्रूण हत्या की रोकथाम के लिए शीघ्र एक हेल्पलाइन सेवा शुरू की जाएगी. जिसमें गर्भवती महिलाएं अपनी शिकायत दर्ज कर सकेंगी. जिस पर शासन-प्रशासन तत्काल कार्रवाई कर संबंधित महिलाओं की पूरी मदद करेगा.

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बैठक में सचिव स्वास्थ्य एवं उपाध्यक्ष राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड पंकज पाण्डेय, मिशन निदेशक एनएचएम सोनिका, अपर सचिव न्याय राजू कुमार श्रीवास्तव, महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तृप्ति बहुगुणा समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

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