डोईवाला: उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव-2022 में अब कुछ ही समय शेष है. ऐसे में उत्तराखंड की राजनीति गर्माने लगी है. डोईवाला की वीवीआईपी कही जाने वाली विधानसभा सीट पर इस बार स्थानीय विधायक का मुद्दा गर्माने लगा है. पैराशूट प्रत्याशी के विरोध में पार्टी नेता मैदान में कूद गए हैं. बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष जितेंद्र नेगी ने स्थानीय विधायक को लेकर कई जनसभाएं कर डाली हैं और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र से लेकर किसी भी पैराशूट प्रत्याशी के विरोध में खड़े हो गए हैं.
बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष जितेंद्र नेगी ने कहा कि डोईवाला का दुर्भाग्य रहा है कि डोईवाला के पहले विधायक राजेंद्र शाह के 1992 में विधायक बनने के बाद अभी तक स्थानीय व्यक्ति को टिकट नहीं दिया गया है. इस बार पैराशूट प्रत्याशी का विरोध किया जाएगा. इसको लेकर उन्होंने कई जनसभाएं कर डाली हैं और जनता का भारी समर्थन मांग रहे हैं, जो उन्हें मिलता दिख रहा है.
वहीं, बीजेपी के कई अन्य नेता व पूर्व प्रधान भी स्थानीय विधायक के समर्थन में मुखर होने लगे हैं. रखवाल गांव में पूर्व प्रधान दीपक चंद ने कहा कि पैराशूट प्रत्याशी की वजह से उनके क्षेत्र में कोई कार्य नहीं हुए हैं. डोईवाला विधानसभा सीट से जीतने के बाद पैराशूट विधायक गायब हो जाते हैं और अपना ऑफिस भी डोईवाला विधानसभा क्षेत्र से बाहर ही बनाते हैं. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा खुद पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के सामने क्षेत्र की समस्याओं को रखा गया. लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ है. शहर की सड़कें खराब हैं, पानी की समस्या है और वे इस बार स्थानीय विधायक के समर्थन में उतर आए हैं.
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बीजेपी के नेता सुबोध जायसवाल ने कहा कि अभी तक डोईवाला की जनता के ऊपर बाहरी व्यक्ति को थोपा गया था. इस बार ऐसा नहीं होगा. वे पैराशूट प्रत्याशी का विरोध करेंगे. इस बार डोईवाला की जनता बाहरी प्रत्याशी का विरोध कर रही है.