देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र तीसरे दिन भी हंगामेदार रहा. जहां एक ओर सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने गन्ना किसानों के मुद्दे को लेकर नियम 310 में चर्चा करने की मांग शुरू कर दी. हालांकि, सदन की कार्रवाई शुरू होते ही प्रश्नकाल का दौर था. जिसमें भाजपा के दो विधायक प्रणव सिंह चैंपियन और देशराज कंडवाल को भी सवाल पूछने थे. लेकिन कांग्रेस विधायकों के सदन में हंगामे की वजह से प्रश्नकाल आहूत नहीं हो पाया. जिसके बाद अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए बीजेपी विधायक प्रणव सिंह चैंपियन, देशराज कंडवाल और संजय गुप्ता विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के कार्यालय बाहर धरने पर बैठ गए.
बीजेपी विधायकों का कहना है कि विधानसभा के बाहर गन्ना किसानों के मुद्दे को लेकर मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं. सदन के भीतर हरीश रावत के समर्थक हंगामा कर रहे हैं. जबकि, अगर ये इतना ही किसानों का हित चाहते तो सदन में प्रश्नकाल ठीक से चलने देते. जिससे किसानों के भुगतान का मुद्दा हल हो जाता. लेकिन, कांग्रेस नेताओं ने अपनी दादागिरी दिखाते हुए सदन के भीतर प्रश्नकाल को चलने नहीं दिया.
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वहीं, विधानसभा स्पीकर ने जब विपक्ष को नियम 58 के तहत अपनी बात रखने का मौका दिया तो वह बस हंगामा ही करते दिखे. ताकि लोकसभा चुनाव में किसानों को लेकर कोई मुद्दा बना सके. बीजेपी विधायकों का कहना है कि उनके प्रश्न अल्प सूचित प्रश्न थे. अगर विपक्ष प्रश्नकाल चलने देता तो गन्ना किसानों के भुगतान की समस्या का हल हो जाता. लेकिन हरीश रावत ने कांग्रेसी विधायकों से सदन में हंगामा करने को कहा था. कांग्रेसियों को डर था कि अगर प्रश्नकाल चल जाता तो किसानों के भुगतान का श्रेय सरकार को मिल जाता. लिहाजा, कांग्रेसियों ने प्रश्नकाल को चलने ही नहीं दिया.