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विधानसभा में धरने पर बैठे BJP विधायक, कहा- गन्ना किसानों के लेकर हरीश रावत बहा रहे हैं घड़ियाली आंसू - budget session uttarakhand

बीजेपी विधायकों का कहना है कि उनके प्रश्न अल्प सूचित प्रश्न थे. अगर विपक्ष प्रश्नकाल चलने देता तो गन्ना किसानों के भुगतान की समस्या का हल हो जाता. लेकिन हरीश रावत ने कांग्रेसी विधायकों से सदन में हंगामा करने को कहा था.

धरने पर बैठे बीजेपी विधायक.
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Published : Feb 13, 2019, 5:35 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र तीसरे दिन भी हंगामेदार रहा. जहां एक ओर सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने गन्ना किसानों के मुद्दे को लेकर नियम 310 में चर्चा करने की मांग शुरू कर दी. हालांकि, सदन की कार्रवाई शुरू होते ही प्रश्नकाल का दौर था. जिसमें भाजपा के दो विधायक प्रणव सिंह चैंपियन और देशराज कंडवाल को भी सवाल पूछने थे. लेकिन कांग्रेस विधायकों के सदन में हंगामे की वजह से प्रश्नकाल आहूत नहीं हो पाया. जिसके बाद अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए बीजेपी विधायक प्रणव सिंह चैंपियन, देशराज कंडवाल और संजय गुप्ता विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के कार्यालय बाहर धरने पर बैठ गए.

नेता प्रतिपक्ष के कार्यालय के बाहर बैठे बीजेपी विधायक

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बीजेपी विधायकों का कहना है कि विधानसभा के बाहर गन्ना किसानों के मुद्दे को लेकर मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं. सदन के भीतर हरीश रावत के समर्थक हंगामा कर रहे हैं. जबकि, अगर ये इतना ही किसानों का हित चाहते तो सदन में प्रश्नकाल ठीक से चलने देते. जिससे किसानों के भुगतान का मुद्दा हल हो जाता. लेकिन, कांग्रेस नेताओं ने अपनी दादागिरी दिखाते हुए सदन के भीतर प्रश्नकाल को चलने नहीं दिया.

पढ़ें- ...तो PM मोदी का रुद्रपुर में जनसभाएं करने के पीछे ये है राज

वहीं, विधानसभा स्पीकर ने जब विपक्ष को नियम 58 के तहत अपनी बात रखने का मौका दिया तो वह बस हंगामा ही करते दिखे. ताकि लोकसभा चुनाव में किसानों को लेकर कोई मुद्दा बना सके. बीजेपी विधायकों का कहना है कि उनके प्रश्न अल्प सूचित प्रश्न थे. अगर विपक्ष प्रश्नकाल चलने देता तो गन्ना किसानों के भुगतान की समस्या का हल हो जाता. लेकिन हरीश रावत ने कांग्रेसी विधायकों से सदन में हंगामा करने को कहा था. कांग्रेसियों को डर था कि अगर प्रश्नकाल चल जाता तो किसानों के भुगतान का श्रेय सरकार को मिल जाता. लिहाजा, कांग्रेसियों ने प्रश्नकाल को चलने ही नहीं दिया.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र तीसरे दिन भी हंगामेदार रहा. जहां एक ओर सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने गन्ना किसानों के मुद्दे को लेकर नियम 310 में चर्चा करने की मांग शुरू कर दी. हालांकि, सदन की कार्रवाई शुरू होते ही प्रश्नकाल का दौर था. जिसमें भाजपा के दो विधायक प्रणव सिंह चैंपियन और देशराज कंडवाल को भी सवाल पूछने थे. लेकिन कांग्रेस विधायकों के सदन में हंगामे की वजह से प्रश्नकाल आहूत नहीं हो पाया. जिसके बाद अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए बीजेपी विधायक प्रणव सिंह चैंपियन, देशराज कंडवाल और संजय गुप्ता विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के कार्यालय बाहर धरने पर बैठ गए.

नेता प्रतिपक्ष के कार्यालय के बाहर बैठे बीजेपी विधायक

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बीजेपी विधायकों का कहना है कि विधानसभा के बाहर गन्ना किसानों के मुद्दे को लेकर मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं. सदन के भीतर हरीश रावत के समर्थक हंगामा कर रहे हैं. जबकि, अगर ये इतना ही किसानों का हित चाहते तो सदन में प्रश्नकाल ठीक से चलने देते. जिससे किसानों के भुगतान का मुद्दा हल हो जाता. लेकिन, कांग्रेस नेताओं ने अपनी दादागिरी दिखाते हुए सदन के भीतर प्रश्नकाल को चलने नहीं दिया.

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वहीं, विधानसभा स्पीकर ने जब विपक्ष को नियम 58 के तहत अपनी बात रखने का मौका दिया तो वह बस हंगामा ही करते दिखे. ताकि लोकसभा चुनाव में किसानों को लेकर कोई मुद्दा बना सके. बीजेपी विधायकों का कहना है कि उनके प्रश्न अल्प सूचित प्रश्न थे. अगर विपक्ष प्रश्नकाल चलने देता तो गन्ना किसानों के भुगतान की समस्या का हल हो जाता. लेकिन हरीश रावत ने कांग्रेसी विधायकों से सदन में हंगामा करने को कहा था. कांग्रेसियों को डर था कि अगर प्रश्नकाल चल जाता तो किसानों के भुगतान का श्रेय सरकार को मिल जाता. लिहाजा, कांग्रेसियों ने प्रश्नकाल को चलने ही नहीं दिया.

Intro:बजट सत्र का तीसरा दिन बहुत ही हंगामेदार रहा। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने गन्ना किसानों के मुद्दे को लेकर नियम 310 में चर्चा करने की मांग की। हालांकि सदन की कार्रवाई शुरू होते ही प्रश्नकाल का दौर था। भाजपा के दो विधायक प्रणव सिंह चैंपियन और देशराज कंडवाल के भी गन्ना किसानों से जुड़े सवाल थे। लेकिन कॉन्ग्रेस विधायकों का सदन में हंगामे की वजह से प्रश्नकाल नहीं हो पाया। जिसके बाद नाराज होकर भाजपा के तीन विधायक प्रणव सिंह चैंपियन, देशराज कंडवाल और संजय गुप्ता, विधानसभा स्थित इंदिरा हरदेश के कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए।


Body:धरने के दौरान विधायकों ने बताया कि विधानसभा के बाहर हरीश रावत गन्ना किसानों के मुद्दे को लेकर मगरमच्छ के आँशु बहा रहे है और हरीश रावत की नौटंकी टीम सदन के अंदर हंगामा कर रही है। अगर प्रश्नकाल चलता इन प्रश्नकाल के एल्बम सूचित प्रश्नों से सरकार चाहती और किसानों के खाते में पैसा चला जाता। लेकिन कांग्रेस नेता, दादागिरी दिखाते हुए सदन के भीतर प्रश्नकाल को चलने नहीं दिया।

हालांकि विधानसभा स्पीकर ने विपक्ष को नियम 58 के तहत बोलने का समय दिया था लेकिन यह कांग्रेस बस नौटंकी कर रही है ताकि लोकसभा चुनाव में एक मुद्दा बना सके। और हमारे प्रश्न अल्प सूचित प्रश्न थे अगर प्रश्नकाल चलता तो इसका असर पड़ता इसी वजह से हरीश रावत ने कांग्रेसी विधायकों को प्रश्नकाल ना चलाने को कहा था जिस वजह से सदन के भीतर विधायकों ने हंगामा किया है और कांग्रेसियों को डर था कि अगर प्रश्नकाल चल जाता तो किसानो के भुगतान का श्रेय भाजपा को चला जाता।

खुद कांग्रेसी प्रश्नकाल के लिए प्रश्न नहीं बनाते हैं और जब भाजपा के विधायक ने खुद गन्ना किसानों के मुद्दे को लेकर प्रश्नकाल में सवाल करना चाहा तो कांग्रेसी दिल के अंदर हंगामे पर उतर आए हालांकि कांग्रेसियों का किसानों से कोई दूर-दूर तक नाता नहीं है कांग्रेसी बस मुद्दा बनाना चाहते हैं।



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