देहरादून: राजधानी का बल्लीवाला फ्लाईओवर 'खूनी फ्लाईओवर' के नाम से जाना जाता है. इस फ्लाईओवर पर 2 साल के अंतराल में 13 मौत और दर्जनों हादसों हो चुके हैं. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के आदेश के बाद हादसों के मूल कारण को सुधारने की जगह संबंधित लोक निर्माण विभाग ने दर्जनों ब्रेकर बना दिए. अब ये ऐसा फ्लाईओवर बना दिया गया है, जिस पर चलना लोगों के लिए मुसीबत भरा हो गया है.
बल्लीवाला फ्लाईओवर पर लगातार हादसों को देखते हुए पूर्व में हाई कोर्ट में जनहित याचिका डालने वाले भाजपा नेता रविंद्र जुगरान ने तंज कसा है. बीजेपी नेता ने अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि तकनीकी खामियों से भरे फ्लाईओवर के लिए उत्तराखंड सरकार को पुरस्कृत किया जाना चाहिए.
जुगरान ने तंज कसते हुए कहा कि केंद्र सरकार से यह फ्लाईओवर फोरलेन बजट के लिए पास किया गया था, लेकिन पूर्व में रही कांग्रेस सरकार ने इसे टू लेन में तब्दील कर फोरलेन के बजट को बंदर बांट कर डकार लिया. इतना ही नहीं, इस फाइबर के लिए जमीन अधिग्रहण का बजट भी उस समय की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अधिकारियों की मिलीभगत कर गबन कर लिया. फोरलेन पारित बजट को सुरक्षा की खामियों से भरा टू-लेन मुसीबत भरा फ्लाईओवर बनाकर रख दिया है.
इसके साथ ही बीजेपी नेता ने मौजूदा सरकार को असंवेदनशील बताया. बीजेपी नेता ने बताया कि मौजूदा सरकार को कांग्रेस सरकार के इस घोटाले पर एक्शन लेना चाहिए था, लेकिन सरकार भी लीपापोती करने में लगी हुई है.
बल्लीवाला वाला फ्लाईओवर मामले में जानकारी देते हुए रविंद्र जुगरान ने बताया कि उनके द्वारा दायर जनहित याचिका हाई कोर्ट के मुताबिक सरकार को फ्लाईओवर गलत तरीके से बनाने और फीजिबिलिटी रिपोर्ट जमा करने के साथ ही जल्द से जल्द डबल ब्रिज बनाने का सुझाव दिया था. लेकिन सरकार ने इस मामले पर रिपोर्ट तो कोर्ट में सौंप दी, वहीं बजट की कमी के चलते फोर लाइन या डबल लेन बनाने से हाथ खड़े कर दिए.