देहरादून: लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नेताओं को खुश करने के लिए दायित्वों का पिटारा खोल दिया. एक हफ्ते में दो लिस्ट जारी कर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह जताने की कोशिश की है कि वो अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं के बारे में हमेशा सोचते रहे हैं. लेकिन लंबे समय से लिस्ट का इंतजार कर रहे लोगों के सामने जैसे ही दायित्व धारियों के नाम आए मानों कई के चेहरे लटक गए.
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क्योंकि जिस तरह से सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दायित्वों को बांटा है उसके बाद यह चर्चा आम हो गई है कि जो कार्यकर्ता पार्टी के लिए दिन-रात काम कर रहा था, उसे इस लिस्ट में जगह मिली है या नहीं. अब अंदरखाने लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के अंदर विरोध की ज्वाला उठना लाजमी है.
त्रिवेंद्र सरकार के गठन के बाद से ही कार्यकर्ताओं को सरकार आजकल-आजकल कहकर दायित्व देने की बात को टाल रही थी. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के शपथ ग्रहण के डेढ़ साल के बाद दायित्वों की पहली लिस्ट जारी हुई थी. पहली लिस्ट ने कई लोगों को निराश किया था. तब भी संगठन और सरकार के लोगों ने अपने कार्यकर्ताओं को यह कहकर शांत किया था कि अभी धैर्य रखें आगे और लिस्ट जारी होगी. अब राज्य सरकार के 2 साल पूरे होने से पहले दायित्व की दो लिस्ट जारी की गई है. इस लिस्ट में भीनए चेहरों को जगह दी गई है.
शनिवार को जारी की गई लिस्ट में भी कुछ ऐसे नेताओं के नाम शामिल हैं जो पहले भी बड़े पदों पर रह चुके हैं. उसमें देखा जाये तो सभी की उम्र 40 से 50 तक की है, जबकिजितेंद्र रावत मोनी ही सबसे कम उम्र के नेता हैं. चलिए हम आपको बताते हैं कि जिन लोगों को दर्जा मिला है वो हैं कौन और पार्टी में उनकी क्या भूमिका रही है.
नए पुराने चहरों के साथ ही उम्र का रखा गया ध्यान
बलराज पासी को उपाध्यक्ष (प्रथम राज्य स्तरीय जलागम परिषद) बनाया गया है. पासी कुमाऊं का बड़ा चेहरा है औरपूर्व सासद भी रहे है. सरकार बनने के बाद से ही वो सरकार के हर बड़े कार्यक्रम में दिखाई दे रहे थे. हलाकि कहा तो ये भी जा रहा है की वो इस दर्जे से खुश नहीं है. क्यूंकि वो खुद लोकसभा चुनाव में नैनीताल सीट से टिकट कीदावेदारी कर रहे थे.
ज्योति प्रसाद गैरोला को उपाध्यक्ष द्वितीय राज्य स्तरीय जलागम परिषद का दायित्व प्रदान किया गया है. गैरोला पूर्व में संगठन मंत्री रहे है औरइसके अलावा वो वर्तमान में प्रदेश उपाध्यक्ष का भी जिम्मा संभाल रहे है.
- राज्य मंत्री के स्तर पर जितेंद्र रावत मोनी को उपाध्यक्ष राज्य युवा कल्याण परिषद का दायित्व दिया गया है. जितेंद्र कोत्रिवेंद्र सिंह रावत का बेहद खास माना जाता है साथ ही ये पूर्वछात्र नेता भी रहे है.
- डॉ. कल्पना सैनी उपाध्यक्ष अन्य पिछड़ा आयोग का दायित्व दिया गया है. कल्पना रुड़की सेजिला अध्यक्ष भी रह चुकी है.
- केडी भोटियाल अध्यक्ष गोरखा कल्याण परिषद,भोटियालसैनिक प्रकोष्ट में रहे है.
- सीएम नौटियाल उपाध्यक्ष राज्य सैनिक कल्याण परिषद.
- आचार्य शिव प्रसाद मंमगाई उपाध्यक्ष चार धाम विकास परिषद, चमोली के नेता है और मंदिर समिति की राजनीती में रहे है.
- अब्वल सिंह बिष्ट उपाध्यक्ष भागीरथी घाटी विकास परिषद, बीजेपी केपुराने नेता है और साथ हीजिला अध्यक्ष भी रहे है.
- रामकृष्ण रावत उपाध्यक्ष उत्तराखंड अनुसूचित जनजाति कल्याण परिषद. रामकृष्ण सभी के लिए एक नया चेहरा है.
- मूरत राम शर्मा को उपाध्यक्ष, उत्तराखंड अनुसूचित जनजाति कल्याण परिषद की जिम्मेदारी दी गई है. मुरतराम भी राज्य की जनताके लिए नया चेहरा है.
- एसपी चमोली उपाध्यक्ष अर्ध सैनिक कल्याण परिषद, राज्य की जनताके लिए नया चेहरा है.
- भगत राम कोठारी, अध्यक्ष, गन्ना एव चीनी विकास उद्योग बोर्ड, राज्य की जनताके लिए नया चेहरा है.
- रविंद्र कटारिया-उपाध्यक्ष, द्वितीय पशु कल्याण बोर्ड, पुराने नेता.
- अमी चंद वाल्मीकि- अध्यक्ष, सफाई कर्मचारी आयोग, अमी चंद्र वाल्मीकि रुड़की का बड़ा चेहरा है. साथ हीविधायक का चुनाव भी लड़ चुके है. वाल्मीकि समाज मेंअच्छी पकड़ रखते है.
- अजय राजौर उपाध्यक्ष सफाई कर्मचारी आयोग. अजय राजौर भीवाल्मीकि नेता है. इसके साथ हीसंघ में इनकी अच्छीपकड़ है.
- मजहर नईम नवाब उपाध्यक्ष अल्पसंख्यक आयोग. सभी के लिएनया चेहरा है.
- कृष्ण कुमार सिंघल, उपाध्यक्ष, जीएमवीएन. सिंघल कुमाऊं केबड़े चेहरों में से एक है.
- रेनू अधिकारी, उपाध्यक्ष, केएमवीएन. रेनू अधिकारीहल्द्वानी मेयर रही है
- अशोक खत्री, उपाध्यक्ष श्री बदरी-केदार मंदिर समिति. चमोली के नेता है.
- राजेंद्र अंथवाल, उपाध्यक्ष, गौसेवा आयोग बनाया गया है. अंथवालसीएम त्रिवेंद्र के बेहद खास है और बीजेपी के पुराने नेता भी है.
- रिपुदमन सिंह रावत,उपाध्यक्ष, राज्य स्तरीय पेयजल अनुश्रवण समिति. सभी के लिएनया चेहरा है.
- वीरेंद्र बिष्ट,अध्यक्ष, उत्तराखंड वन पंचायत सलाहकार समिति. बीजेपी के प्रवक्ता है.
- राजकुमार पुरोहित, अध्यक्ष, राज्य खनिज विकास परिषद. त्रिवेंद्र सिंह खास बताये जाते है.
- विश्वास डाबर, अध्यक्ष, राज्य अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास परिषद. डाबर कोशियारी के बेहदखास है औरपार्टी प्रवक्ता भी रहे है.
इसके साथ ही विभिन्न आयोगों एवं समितियों में सदस्य नामित किया गया है. उनमें प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अम्बानी के पुत्र अनंत अंबानी को श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के सदस्य के रूप में नामित किया गया है. इसके अलावाश्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति में इंद्रमणी गैरोला,चंद्र कला ध्यानी, अनिल कंसल, रामसूरत नौटियाल, ऋषि सती, अरुण मैठाणी, धीरज पंचभैया मोनू, राजपाल सिंह पुंडीर को भी सदस्य बनाया गया है.
अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य के अन्तर्गत असगर अली, राव कालेखां, अब्दुल हफीज, हेमंत जोजफ, मास्टर शकील, संतोष नागपाल, तसलीम व गुलाम मुस्तफा, सफाई आयोग के सदस्य में जयपाल वाल्मीकि, साकेत वाल्मीकि, विपिन चंचल और विनोद कुमार है. निदेशक मंडल सदस्य जीएमवीएन में लोकेंद्र सिंह बिष्ट, अंजली खंडेलवाल, आशुतोष वर्मा, चंद्रप्रकाश, राजेश कुमार, रोहित एवं पुष्पा बड़थ्वाल तथा निदेशक मंडल सदस्य केएमवीएन में कमल जिंदल, तारादत्त पांडेय, कुंदन बिष्ट, व राम सिंह कोरंगा को नामित किया गया है. इन नामों में ज़्यादातर ऐसे चेहरे है. जिनके नाम देख कर हर कोई हैरान है कि आखिरकार पार्टी ने कैसे जिम्मेदारी दी है.