ऋषिकेश: नगर निगम की बोर्ड बैठक में ऑरेंज सिटी के प्रस्ताव के बाद हुए विवाद पर अब भाजपा पार्षद खुलकर अपनी ही पार्टी की मेयर के खिलाफ सामने आ गए हैं. पार्षदों ने नेशनल हाईवे और पीडब्ल्यूडी की सड़क पर स्ट्रीट लाइट लगाने में अनियमितताओं का दावा किया है और इसकी जांच की मांग भी उठाई है. साथ ही आरोप लगाया कि भगवाकरण की आड़ में मेयर काले कारनामों को छुपाने की कोशिश कर रही हैं.
मेयर के खिलाफ हुए अपने ही पार्षद
बुधवार (17 मार्च) को रेलवे रोड स्थित पार्टी कार्यालय में भाजपा के कई दर्जन पार्षदों ने प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि वह भगवाकरण के विरोध में नहीं हैं, लेकिन इससे पहले उनके वार्डों में विकास कार्यों को किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पहले वह चुप थे, लेकिन ढाई साल बाद भी स्थिति नहीं सुधरने पर उन्हें मजबूरन बोलना पड़ रहा है. पार्षदों का आरोप है कि मेयर खुद के काले कारनामों को छुपाने के लिए उन्हें भगवा विरोधी के तौर पर प्रोजेक्ट करने की कोशिश कर रही हैं.
वित्तीय अनियमितताओं का आरोप
पार्षद विकास तेवतिया ने क्षेत्र में नेशनल हाईवे और पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर निगम के बजट से लगी स्ट्रीट लाइट्स में वित्तीय अनियमितताएं बरतने का आरोप लगाया. वहीं, पार्षद जयेश राणा ने कहा कि स्ट्रीट लाइट लगाना ठीक है, मगर इससे पहले अगर सभी वार्डों में विकास कार्य किए जाते, तो बेहतर होता. पार्षद शिव कुमार गौतम ने मेयर के भगवाकरण का हितैषी होने पर ही सवाल उठाया और पूछा कि निर्वाचन के बाद उन्होंने खुद का कार्यालय भगवा किया था, फिर 2 महीने बाद ही दफ्तर की दीवारों का रंग उन्होंने क्यों बदलवा दिया.
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तमाम पार्षदों ने एक सुर में वार्डों में विकास कार्यों किए जाने पर मांग की, साथ ही यह आरोप भी लगाया कि मेयर किसी भी निर्णय को लेने से पहले अपनी ही पार्टी के पार्षदों को विश्वास में नहीं लेती हैं.
भगवे से बैर नहीं, अनीता तेरी खैर नहीं
गौर हो कि नगर निगम की बोर्ड बैठक में ऑरेंज सिटी के प्रस्ताव के बाद स्थानीय भाजपा में शुरू हुए सियासी घमासान ने अब एक अलग रूप ले लिया है. भाजपा के ही पार्षद शिव कुमार गौतम ने तो नारा तक दे दिया है- 'भगवे से बैर नहीं, अनीता तेरी खैर नहीं.'
उनका यह आरोप भी है कि निगम में विपक्षी दलों के पार्षदों को ज्यादा तवज्जो दी जा रही है जबकि, सत्तारूढ़ दल के पार्षदों का जरा भी ख्याल नहीं रखा जा रहा. शिव कुमार गौतम ने तंज कसते हुए कहा कि निगम में 'अंधा बांटे रेवड़ी अपने अपने को दे' जैसे हालात हो गए हैं. पार्षदों ने चेताया कि ऐसा ही चलता रहा, तो आगे भी इस तरह के विवाद सामने आ सकते हैं.