देहरादूनः टिहरी बांध में मरीना फ्लोटिंग बोट के डूबने को लेकर सियासत तेज हो गई है. सूबे के दोनों राजनीति पार्टी एक-दूसरे पर गंभीर आरोप मढ़ने में जुटे हैं. बीजेपी मामले को लेकर कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रही है, तो कांग्रेस भी प्रोजेक्ट पर सवार होकर कैबिनेट करने पर सवाल उठा रही है.
बता दें कि टिहरी झील में पर्यटन और वाटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए करीब चार करोड़ की लागत से मरीना फ्लोटिंग बोट तैयार किया गया था, लेकिन ये बोट बीते दिनों पानी में डूब गया था. इस बोट पर त्रिवेंद्र सरकार की एक कैबिनेट बैठक भी हो चुकी है. अब इसके डूब जाने के बाद सियासी गलियारों में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इसका जिम्मदार कौन है? इसी को लेकर इन दिनों उत्तराखंड में सियासत गरमाई है. सत्ता में मौजदू बीजेपी का कहना है प्रोजेक्ट कांग्रेस के कार्यकाल में बना है. ऐसे में इसका जिम्मेदार कांग्रेस है. खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी कह रहे हैं कि मरीना हरीश रावत की सरकार में खरीदी गई थी, तो सारी जिम्मेदारी भी उनकी है.
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प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन का कहना है कि मरीना रेस्टोरेंट में कांग्रेंस ने बड़ा घोटाला किया है. मरीना फ्लोटिंग रेस्टोरेंट बनाने की जिम्मेदारी पिछली सरकार में उत्तर प्रदेश निर्माण निगम को दिया गया था. उन्होंने मानकों के अनुसार इसका निर्माण नहीं किया था, लेकिन उसके बाद भी कांग्रेस सरकार ने इसे हरी झंडी दे दी थी. उन्होंने कहा कि मरीना फ्लोटिंग रेस्टोरेंट के डूबने के पीछे किसका दोष है, जल्द ही जांच में साफ हो जाएगा.
वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस का कहना है कि प्रोजेक्ट में कमी थी तो पूरी कैबिनेट के साथ प्रोजेक्ट पर सवार क्यों हुए. ऐसे में प्रोजेक्ट बिल्कुल सही था, लेकिन मौजूदा सरकार दिशा देने में चूक गई है. कांग्रेस प्रवक्ता आरपी रतूड़ी का कहना है कि त्रिवेंद्र सरकार एक कैबिनेट इस मरीना फ्लोटिंग रेस्टोरेंट में कर चुकी है मानकों में कमी थी तो त्रिवेंद्र सरकार ने मरीना पर कैबिनेट बैठक कैसे प्रस्तावित कर की. इस पर सरकार और मुख्यमंत्री अपनी मंशा स्पष्ठ करें. साथ ही कहा कि त्रिवेंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पाई है तो उसे स्वीकार करें. अपना गलती का ठीकरा कांग्रेस पर ना फोड़ें.