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मरीना फ्लोटिंग बोट पर गरमाई सियासत, एक-दूसरे पर लगा रहे गंभीर आरोप - देहरादून खबर

मरीना फ्लोटिंग बोट के डूबने को लेकर सियासत तेज हो गई है. सूबे के दोनों राजनीति पार्टी एक-दूसरे पर गंभीर आरोप मढ़ने में जुटे हैं.

मरीना फ्लोटिंग बोट पर सियासत गरम
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Published : May 12, 2019, 11:40 PM IST

देहरादूनः टिहरी बांध में मरीना फ्लोटिंग बोट के डूबने को लेकर सियासत तेज हो गई है. सूबे के दोनों राजनीति पार्टी एक-दूसरे पर गंभीर आरोप मढ़ने में जुटे हैं. बीजेपी मामले को लेकर कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रही है, तो कांग्रेस भी प्रोजेक्ट पर सवार होकर कैबिनेट करने पर सवाल उठा रही है.

जानकारी देते प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन और कांग्रेस प्रवक्ता आरपी रतूड़ी.


बता दें कि टिहरी झील में पर्यटन और वाटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए करीब चार करोड़ की लागत से मरीना फ्लोटिंग बोट तैयार किया गया था, लेकिन ये बोट बीते दिनों पानी में डूब गया था. इस बोट पर त्रिवेंद्र सरकार की एक कैबिनेट बैठक भी हो चुकी है. अब इसके डूब जाने के बाद सियासी गलियारों में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इसका जिम्मदार कौन है? इसी को लेकर इन दिनों उत्तराखंड में सियासत गरमाई है. सत्ता में मौजदू बीजेपी का कहना है प्रोजेक्ट कांग्रेस के कार्यकाल में बना है. ऐसे में इसका जिम्मेदार कांग्रेस है. खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी कह रहे हैं कि मरीना हरीश रावत की सरकार में खरीदी गई थी, तो सारी जिम्मेदारी भी उनकी है.

ये भी पढ़ेंः राफ्टिंग का लुत्फ उठाने के लिए बड़ी संख्या में पंहुच रहे पर्यटक, व्यवसायियों के खिले चेहरे

प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन का कहना है कि मरीना रेस्टोरेंट में कांग्रेंस ने बड़ा घोटाला किया है. मरीना फ्लोटिंग रेस्टोरेंट बनाने की जिम्मेदारी पिछली सरकार में उत्तर प्रदेश निर्माण निगम को दिया गया था. उन्होंने मानकों के अनुसार इसका निर्माण नहीं किया था, लेकिन उसके बाद भी कांग्रेस सरकार ने इसे हरी झंडी दे दी थी. उन्होंने कहा कि मरीना फ्लोटिंग रेस्टोरेंट के डूबने के पीछे किसका दोष है, जल्द ही जांच में साफ हो जाएगा.


वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस का कहना है कि प्रोजेक्ट में कमी थी तो पूरी कैबिनेट के साथ प्रोजेक्ट पर सवार क्यों हुए. ऐसे में प्रोजेक्ट बिल्कुल सही था, लेकिन मौजूदा सरकार दिशा देने में चूक गई है. कांग्रेस प्रवक्ता आरपी रतूड़ी का कहना है कि त्रिवेंद्र सरकार एक कैबिनेट इस मरीना फ्लोटिंग रेस्टोरेंट में कर चुकी है मानकों में कमी थी तो त्रिवेंद्र सरकार ने मरीना पर कैबिनेट बैठक कैसे प्रस्तावित कर की. इस पर सरकार और मुख्यमंत्री अपनी मंशा स्पष्ठ करें. साथ ही कहा कि त्रिवेंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पाई है तो उसे स्वीकार करें. अपना गलती का ठीकरा कांग्रेस पर ना फोड़ें.

देहरादूनः टिहरी बांध में मरीना फ्लोटिंग बोट के डूबने को लेकर सियासत तेज हो गई है. सूबे के दोनों राजनीति पार्टी एक-दूसरे पर गंभीर आरोप मढ़ने में जुटे हैं. बीजेपी मामले को लेकर कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रही है, तो कांग्रेस भी प्रोजेक्ट पर सवार होकर कैबिनेट करने पर सवाल उठा रही है.

जानकारी देते प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन और कांग्रेस प्रवक्ता आरपी रतूड़ी.


बता दें कि टिहरी झील में पर्यटन और वाटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए करीब चार करोड़ की लागत से मरीना फ्लोटिंग बोट तैयार किया गया था, लेकिन ये बोट बीते दिनों पानी में डूब गया था. इस बोट पर त्रिवेंद्र सरकार की एक कैबिनेट बैठक भी हो चुकी है. अब इसके डूब जाने के बाद सियासी गलियारों में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इसका जिम्मदार कौन है? इसी को लेकर इन दिनों उत्तराखंड में सियासत गरमाई है. सत्ता में मौजदू बीजेपी का कहना है प्रोजेक्ट कांग्रेस के कार्यकाल में बना है. ऐसे में इसका जिम्मेदार कांग्रेस है. खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी कह रहे हैं कि मरीना हरीश रावत की सरकार में खरीदी गई थी, तो सारी जिम्मेदारी भी उनकी है.

ये भी पढ़ेंः राफ्टिंग का लुत्फ उठाने के लिए बड़ी संख्या में पंहुच रहे पर्यटक, व्यवसायियों के खिले चेहरे

प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन का कहना है कि मरीना रेस्टोरेंट में कांग्रेंस ने बड़ा घोटाला किया है. मरीना फ्लोटिंग रेस्टोरेंट बनाने की जिम्मेदारी पिछली सरकार में उत्तर प्रदेश निर्माण निगम को दिया गया था. उन्होंने मानकों के अनुसार इसका निर्माण नहीं किया था, लेकिन उसके बाद भी कांग्रेस सरकार ने इसे हरी झंडी दे दी थी. उन्होंने कहा कि मरीना फ्लोटिंग रेस्टोरेंट के डूबने के पीछे किसका दोष है, जल्द ही जांच में साफ हो जाएगा.


वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस का कहना है कि प्रोजेक्ट में कमी थी तो पूरी कैबिनेट के साथ प्रोजेक्ट पर सवार क्यों हुए. ऐसे में प्रोजेक्ट बिल्कुल सही था, लेकिन मौजूदा सरकार दिशा देने में चूक गई है. कांग्रेस प्रवक्ता आरपी रतूड़ी का कहना है कि त्रिवेंद्र सरकार एक कैबिनेट इस मरीना फ्लोटिंग रेस्टोरेंट में कर चुकी है मानकों में कमी थी तो त्रिवेंद्र सरकार ने मरीना पर कैबिनेट बैठक कैसे प्रस्तावित कर की. इस पर सरकार और मुख्यमंत्री अपनी मंशा स्पष्ठ करें. साथ ही कहा कि त्रिवेंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पाई है तो उसे स्वीकार करें. अपना गलती का ठीकरा कांग्रेस पर ना फोड़ें.

Intro:मरीना फ्लोटिंग बोट पर सियासत गरम, एक दूसरे पर दोषारोपण

एंकर- त्रीवेंद्र सारकार की प्रर्यटन को लेकर नीति और नियती पर सवाल खड़े करने के लिए इन दिनो केवल एक शब्द मरीना फ्लोटिंग वोट की काफी असर डाल रहा है। दरअसल टीहरी झील में प्रर्यटन और वाटर स्पोर्टस को बढ़ावा देने की कवायत पर मरीना फ्लोटिंग वोट को प्रोजक्ट किया था लेकिन आज वही प्रोजक्ट पानी में डूब चला है। एसे में मरीना फ्लोटिंग वोट तो डूबी लेकिन सवाल सियासी गलियारों में तैर रहे कि आखिर इसका जिम्मदार कौन है ? और इसी को लेकर इन दिनो उत्तराखंड में सियासत गरम है। सत्ता में मौजदू बीजेपी का कहना है प्रोजेक्ट कांग्रेस के टाइम का है तो कांग्रेस जिम्मेदार है तो वहीं दूसरी और कांग्रेस बोल रही है कि अगर प्रोजेक्ट में खोट था पूरी कैबिनेट के साथ प्रोजेक्ट पर सवार कैसे हुए यानी प्रोजेक्ट बिल्कुल सही था लेकिन मौजूद सरकार दिशा देने में चूक गई।


Body:वीओ-  हरीश रातव सरकार में टीहरी झील को एक प्रर्टयक केंन्द्र के रुप में विकसित करने और देवभूमी में वाटर स्पोर्ट को नया आयाम देने की कवायत से 4 करोड़ की कीमत से मरीना फ्लोटिंग रेस्टोरेंट या फिर फ्लोटिगं वोट को खरीदा था और इसकी जिम्मेदारी गढ़वाल मण्डल विकास निगम की तय की गई थी। इसके बाद पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा टीहरी महात्सव और तमाम मोको पर मरीना वोट पर कैबिनेट बैठक करने की सोची गई लेकिन सोचते सोचते चुनाव आ गये और सरकार बदल गई जिसके बाद हरीश रावत अपनी सरकार की कैबिनेट बैठक तो मरीना बोट पर नही कर पाये लेकिन त्रीवेंद्र सरकार जरुर इस मरीना वोट पर कैबिनेट करने पर सफल हो गये लेकिन अभी ज्यादा वक्त नही बीता था कि मरीना पानी में समा गई अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या टीहरी झील में मरीना वोट पर कैबिनट बैठक कर लोटी त्रीवेंद्र सरकार ने क्या पीछे मुड़ कर ना देखने की कसम खा ली थी। और अब जब मरीना पानी में समा गयी तो दोश हरीश रावत की सरकार पर मढ़ रही है। मरीना के पानी में समा जाने के बाद खुद मुख्यमंत्री कहते है कि मरीना हरीश रावत की सरकार में खरीदी गई थी तो सारी जिम्मेदारी हरीश रावत की है। सत्ता की वकालत करते बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन का कहना है कि मरीना रेस्टोरेंट में कांग्रेंस ने बड़ा घोटाला किया है। उन्होने कहा कि मरीना फ्लोटिंग रेस्टोरेंट बनाने की जिम्मेदारी पिछली सरकार में उत्तर प्रदेश निर्माण निगम को दिया गया था और बदनाम युपीआरएनएन ने मानको के अनुसार इसका निर्माण नही किया लेकिन उसके बाद भी उस समय की कांग्रेस सरकार ने इसे हरी झंडी दे दी जिसके कारण आज ये घटना हुई है। देवेन्द्र भसीन ने कहा कि जल्द ही जांच में सब साफ हो जाएगा की मरीना फ्लोटिंग रेस्टोरेंट के डूबने के पीछे कीसका दोश है। 

बाइट- देवेंद्र भसीन, बीजेपी मीडिया प्रभारी 

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस प्रवक्ता आर पी रतूड़ी का कहना है कि त्रीवेंद्र सरकार एक कैबिनेट इस मरीना फ्लोटिंग रेस्टोरेंट पर कर चुकी है अगर कांग्रेस ने घोटाला किया था, मानको में कमी रखी थी तो फिर त्रिवेंद्र सरकार ने मरीना पर कैबिनेट बैठक कैसे प्रस्तावित कर दी.. क्या सरकार कैबिनेट को टीहरी झील में डुबो देना चाहती थी ? सरकार और मुख्यमंत्री अपनी मंशा स्पष्ठ करें। कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने प्रर्यटन को बढ़ावा देने और टीहरी झील को वाटर स्पोर्ट के रुप में नया आयाम देने के लिए एक अच्छी पहल कर त्रीवेंद्र सरकार को सौपी थी और आज दौ साल बाद त्रीवेंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी नही निभा पाई है तो उसे स्वीकार करें बजाय इसके कि कांग्रेस पर अपनी गलती का ठीकरा फोड़े...

बाइट- आरपी रतूड़ी, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता




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