मसूरी: नगर पालिका द्वारा मसूरी मौसोनिक लॉज बस स्टैंड पर निर्माणाधीन पार्किंग में 6 नवंबर को आये भूंकप के बाद आई दरार को लेकर बीजेपी और विपक्ष के अलावा स्थानीय लोगों ने सवाल खड़े किये हैं. मसूरी के भाजपा मंडल, कांग्रेस और स्थानीय निवासी द्वारा जिला प्रशासन और मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा अवैध निर्माण को रोकने की शिकायतों के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई है. ऐसे में कार्रवाई न किये जाने को लेकर इन लोगों ने सरकार, जिला प्रशासन और एमडीडीए के अधिकारियों द्वारा बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम दिये जाने की आशंका जताई है.
बता दें कि मसूरी नगर पालिका परिषद द्वारा मसूरी में पार्किंग, आवास, वेंडर जोन आदि को लेकर किये जा रहे अवैध निर्माण को लेकर शासन प्रशासन से लगातार समय-समय पर शिकायत कर कार्यवाही की मांग की गई. वहीं, इन शिकायतों ना तो सरकार ने और ना ही प्रशासन ने कोई संज्ञान लिया. जिसके बाद शिकायत कर्ता ललित मोहन काला द्वारा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया. वह न्यायालय द्वारा मसूरी नगर पालिका परिषद के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका को मंजूर करके पालिका द्वारा पार्किंग की जगह बनाये गए आवासों के आवंटन पर रोक लगा दी गई.
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मसूरी नगर पालिका परिषद द्वारा मौसोनिक लॉज बस स्टैंड पर पार्किंग के नाम पर बनाये गए अवैध आवासों और दुकानों को लेकर मसूरी भाजपा मंडल के साथ कांग्रेस और स्थानीय लोगों ने सवाल खड़े किये हैं. पार्किंग के नाम पर बनाए आवासों और दुकानों के निर्माण को लेकर किए जा रहे घोटालों को लेकर भाजपा मंडल मसूरी भाजपा मंडल मोहन पेटवाल ने अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े कर दिये हैं.
उन्होंने कहा कि भाजपा मंडल मसूरी द्वारा भी शासन और प्रशासन से इस मामले की शिकायत की गई लेकिन दुर्भाग्यवश पालिका द्वारा किये जा रहे अवैध निर्माणों और भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई. पूर्व पालिका अध्यक्ष और कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह मल्ल ने कहा कि भाजपा की भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की बात कितनी कारगर है, इसका नमूना मसूरी में देखा जा सकता है. सरकार और प्रशासन की नाक के नीचे पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता और पालिका प्रशासन द्वारा बड़े पैमाने में अवैध निर्माण और भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है. वहीं, शिकायत के बावजूद भी इस भ्रष्टाचार में लिप्त संबंधित विभाग के अधिकारी कार्यवाही करने के बजाय पालिका के इस कारनामे को छुपाने के लिए नए-नए तर्क दे रहे हैं.
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मनमोहन सिंह मल्ल ने कहा कि मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के नियम गरीबों पर लागू होते हैं. परन्तु मसूरी में पालिका द्वारा किये जा रहे अवैध निर्माणों पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में मंत्री और मसूरी विधायक गणेश जोशी की मसूरी में पालिका द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार पर चुप्पी भी बड़े भ्रष्टाचार की ओर संकेत दे रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है.
वहीं, स्थानीय सतीश कुमार और देवी गोदियाल ने कहा कि 6 नवंबर को मसूरी में आए हल्के भूकंप के बाद नगर पालिका मसूरी द्वारा मसूरी मौसोनिक लॉज बस स्टैंड पर बनाई जा रही अवैध बिल्डिंग पर दरारें आ गई. जो इस निर्माण की खराब गुणवत्ता के कारण भविष्य में बड़ा खतरा बन सकती है. ऐसे में इससे जान माल के नुकसान की संभावनाओं से भी इनकार नहीं किया जा सकता.
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उन्होंने बताया कि मौसोनिक लॉज बस स्टैंड पर अनाधिकृत रूप से बनाए गए 7 मंजिल भवन के साथ ही 1971 में बनी 5 मंजिली डिमरी निवास को भी बड़ा खतरा पैदा हो गया है. उन्होंने कहा कि 6 नंवबर को मसूरी में आये हल्के भूकंप के कारण इस निर्माणाधीन भवन में आई दरार से साफ है. उन्होंने बताया कि पूर्व में भी आईआईटी रुड़की द्वारा उक्त पार्किंग के स्थल का निरीक्षण कर मिट्टी की जांच की गई थी, जो फेल साबित हुई थी.
ऐसे में पालिका प्रशासन द्वारा भ्रष्टाचार करके एक प्राइवेट कंपनी से पार्किंग बनाये जाने वाले स्थल का सॉइल टेस्टिंग करवार इस प्रोजेक्ट को पास कराया गया. ऐसे में उन्होंने सरकार और प्रशासन से मसूरी में पालिका द्वारा पार्किंग के नाम पर बनाये जा रहे आवासों और दुकानों पर जल्द कार्रवाई की मांग की है.