भिवानी: भिवानी को भारत का ‘मिनी क्यूबा’ यूं ही नहीं कहा जाता है. हर साल भिवानी के कई बॉक्सर अपने पावरफुल पंच के बूते भारत को मेडल दिलाते हैं. वैसे तो भिवानी में कई बॉक्सिंग क्लब हैं. जहां बॉक्सिंग सिखाई जाती है, लेकिन एक बॉक्सिंग क्लब ऐसा भी जिसने देश को 1 नहीं 2 नहीं बल्कि कई जाने माने बॉक्सर दिए हैं.
क्लब ने देश को दिए कई नामचीन मुक्केबाज
ये बॉक्सिंग कल्ब कोई और नहीं बल्कि भिवानी बॉक्सिंग क्लब है. जिसे लोग बीबीसी के नाम से भी जानते हैं. भिवानी बॉक्सिंग कल्ब को मुक्केबाजों की फैक्ट्री भी कहा जाता है. विजेंद्र सिंह, दिलबाग सिंह, दिनेश कुमार, सुनील सिवाच या फिर साक्षी मलिक आप गिनते-गिनते थक जाएंगे, लेकिन बीबीसी की खदान से निकले हीरे जैसे बॉक्सरों की लिस्ट खत्म नहीं होगी.
एक साथ 5 मुक्केबाजों ने खेला था ओलंपिक
बीबीसी की शुरूआत 17 फरवरी, 2003 को बॉक्सिंग कोच राजेंद्र सिंह की याद में द्रोणाचार्य अवॉर्डी जगदीश कोच ने की थी. इन 16 सालों में बीबीसी ने देश को कई बड़े बॉक्सर दिए हैं. बीबीसी 2008 में उस वक्त सुर्खियों में आया. जब एक साथ इस अकादमी के 5 मुक्केबाजों ने ओलंपिक गेम्स में देश प्रतिनिधित्व किया, तब विजेंद्र सिंह ने भारत के लिए पहली बार कांस्य पदक जीता था.
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300 मुक्केबाज रोज करते हैं प्रैक्टिस
तब से लेकर आजतक बीबीसी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. आज भी हर रोज यहां 300 बॉक्सर प्रैक्टिस करते हैं. जिसमें 50 के लगभग महिला मुक्केबाज ही. सभी मुक्केबाज मेहनत करते हैं और सपना देखते हैं देश के लिए गोल्ड जीतने का.
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