देहरादून: दीपावली के 2 दिन बाद मनाया जाने वाला भाई दूज का त्योहार मंगलवार को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ देश भर में मनाया गया. राजधानी देहरादून में भाई दूज के त्योहार को लेकर अलग ही उत्साह देखने को मिला. हिंदू धर्म के अनुसार, भाई-बहन के स्नेह और अटूट रिश्तो के बंधन के प्रतीक के रूप में मनाए जाने वाला भाई दूज त्योहार अपने आपमें महत्वपूर्ण है.
रक्षाबंधन जो श्रावण मास की पूर्णिमा में मनाया जाता है. इसमें भाई बहन की रक्षा की प्रतिज्ञा करता है, वहीं भाई दूज के त्योहार में बहनें अपने भाइयों को लंबी आयु और जीवन के हर दुख मिटने की प्रार्थना कर आशीर्वाद देती हैं. भाई दूज का पावन त्योहार दीपावली के दूसरे दिन कार्तिक मास की द्वितीया को हर वर्ष मनाया जाता है.
भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों की दीर्घायु होने की मंगल कामना करती हैं. साथ ही उन्हें 5 और 7 रंगो का तिलक लगाती हैं. इस त्योहार में प्रमुख रूप से भाई बहन के पावन संबंध और स्नेह की अटूट बंधन को मजबूत करना भी माना जाता है. दूज के दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर चावल अखरोट जैसे प्रसाद खिलाकर जीवन में कष्ट दूर होने का आशीर्वाद भी देती हैं. भाई दूज के दिन बहन के घर का भोजन भाइयों के लिए आशीर्वाद के रूप में विशेष महत्व रखता हैं.
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पौराणिक कथा के अनुसार, ऐसी मान्यता है कि भाई दूज के दिन बहन तिलक लगाने के बाद अपने भाई को भोजन अपने हाथ से परोसती हैं. उससे भाई की उम्र बढ़ती है और जीवन की हर विपदाएं दूर होती हैं. ऐसी मान्यता भी प्राचीन काल से है कि अगर किसी की ममेरी, चचेरी या अपनी कोई बहन न हो तो गाय या नदी आदि प्राकृतिक वस्तु का ध्यान करके उसके समीप बैठकर भोजन करना शुभ माना जाता है.