देहरादून: महाराष्ट्र में पल-पल बदल रहे सियासी समीकरणों के बीच उत्तराखंड के बेटे और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की भूमिका बेहद अहम हो गई है. देर शाम तक अगर कोई भी पार्टी बहुमत साबित नहीं कर पाती है तो भगत सिंह कोश्यारी के हाथ में महाराष्ट्र का भविष्य होगा.
उत्तराखंड राजनीति के पुरोधा भगत सिंह कोश्यारी ही तय करेंगे कि महाराष्ट्र किसके हाथों में होगा. सबसे पहले महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भगत सिंह कोश्यारी ने भारतीय जनता पार्टी को आमंत्रित किया था, लेकिन 145 विधायकों का समर्थन न होने की वजह से बीजेपी सरकार बनाने से चूक गई. इसके बाद शिवसेना ने भी महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से सोमवार देर शाम मुलाकात की.
अब महाराष्ट्र के गवर्नर ने तीसरी बड़ी पार्टी एनसीपी को सरकार बनाने का आमंत्रण दिया है. ऐसे में अगर एनसीपी भी सरकार नहीं बना पाती है तो हो सकता है कि महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक के बीच भगत सिंह कोश्यारी राष्ट्रपति शासन लगाने का कदम उठा सकते हैं.
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कौन हैं कोश्यारी ?
बता दें, भगत सिंह कोश्यारी उत्तराखंड के बागेश्वर में जन्में हैं और बीजेपी के बड़े नेताओं में उनका नाम शामिल है. उन्होंने अपना पूरा जीवन आरएसएस में स्वयंसेवक के तौर पर बिताया है. कोश्यारी ने छात्र जीवन में ही राजनीति में कदम रख दिया था. भगत सिंह कोश्यारी उत्तराखंड बनने के बाद पहली सरकार में नित्यानंद स्वामी की कैबिनेट में मंत्री बने. इसके बाद वह उत्तराखंड के दूसरे मुख्यमंत्री भी रहे हैं, मुख्यमंत्री के बाद उन्होंने साल 2007 से 2009 तक भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी संभाली. साल 2008 से 2014 तक उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद भी रहे, जबकि 2014 में हुए चुनावों में उन्हें नैनीताल लोकसभा सीट से भारी मतों से जीत मिली. उम्र दराज हो चुके भगत सिंह कोश्यारी को बीजेपी ने तकरीबन 3 महीने पहले ही महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया है.