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महाराष्ट्र संग्राम का 'भविष्य' तय करेंगे उत्तराखंड के भगत दा

महाराष्ट्र में किसी भी दल को बहुमत न मिलने के चलते 24 अक्टूबर के बाद से अब तक राज्य में सरकार गठन नहीं हो पाया है. सत्ता का संघर्ष अब राष्ट्रपति शासन की तरफ पहुंचता दिखाई दे रहा है.

फाइल फोटो
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Published : Nov 12, 2019, 2:53 PM IST

देहरादून: महाराष्ट्र में पल-पल बदल रहे सियासी समीकरणों के बीच उत्तराखंड के बेटे और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की भूमिका बेहद अहम हो गई है. देर शाम तक अगर कोई भी पार्टी बहुमत साबित नहीं कर पाती है तो भगत सिंह कोश्यारी के हाथ में महाराष्ट्र का भविष्य होगा.

उत्तराखंड राजनीति के पुरोधा भगत सिंह कोश्यारी ही तय करेंगे कि महाराष्ट्र किसके हाथों में होगा. सबसे पहले महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भगत सिंह कोश्यारी ने भारतीय जनता पार्टी को आमंत्रित किया था, लेकिन 145 विधायकों का समर्थन न होने की वजह से बीजेपी सरकार बनाने से चूक गई. इसके बाद शिवसेना ने भी महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से सोमवार देर शाम मुलाकात की.

अब महाराष्ट्र के गवर्नर ने तीसरी बड़ी पार्टी एनसीपी को सरकार बनाने का आमंत्रण दिया है. ऐसे में अगर एनसीपी भी सरकार नहीं बना पाती है तो हो सकता है कि महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक के बीच भगत सिंह कोश्यारी राष्ट्रपति शासन लगाने का कदम उठा सकते हैं.

पढ़ें- भारतीय सेना के लिए बनाया गया 'सर्वत्र ब्रिज,' नदियों और पहाड़ों में मिलेगी मदद

कौन हैं कोश्यारी ?

बता दें, भगत सिंह कोश्यारी उत्तराखंड के बागेश्वर में जन्में हैं और बीजेपी के बड़े नेताओं में उनका नाम शामिल है. उन्होंने अपना पूरा जीवन आरएसएस में स्वयंसेवक के तौर पर बिताया है. कोश्यारी ने छात्र जीवन में ही राजनीति में कदम रख दिया था. भगत सिंह कोश्यारी उत्तराखंड बनने के बाद पहली सरकार में नित्यानंद स्वामी की कैबिनेट में मंत्री बने. इसके बाद वह उत्तराखंड के दूसरे मुख्यमंत्री भी रहे हैं, मुख्यमंत्री के बाद उन्होंने साल 2007 से 2009 तक भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी संभाली. साल 2008 से 2014 तक उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद भी रहे, जबकि 2014 में हुए चुनावों में उन्हें नैनीताल लोकसभा सीट से भारी मतों से जीत मिली. उम्र दराज हो चुके भगत सिंह कोश्यारी को बीजेपी ने तकरीबन 3 महीने पहले ही महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया है.

देहरादून: महाराष्ट्र में पल-पल बदल रहे सियासी समीकरणों के बीच उत्तराखंड के बेटे और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की भूमिका बेहद अहम हो गई है. देर शाम तक अगर कोई भी पार्टी बहुमत साबित नहीं कर पाती है तो भगत सिंह कोश्यारी के हाथ में महाराष्ट्र का भविष्य होगा.

उत्तराखंड राजनीति के पुरोधा भगत सिंह कोश्यारी ही तय करेंगे कि महाराष्ट्र किसके हाथों में होगा. सबसे पहले महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भगत सिंह कोश्यारी ने भारतीय जनता पार्टी को आमंत्रित किया था, लेकिन 145 विधायकों का समर्थन न होने की वजह से बीजेपी सरकार बनाने से चूक गई. इसके बाद शिवसेना ने भी महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से सोमवार देर शाम मुलाकात की.

अब महाराष्ट्र के गवर्नर ने तीसरी बड़ी पार्टी एनसीपी को सरकार बनाने का आमंत्रण दिया है. ऐसे में अगर एनसीपी भी सरकार नहीं बना पाती है तो हो सकता है कि महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक के बीच भगत सिंह कोश्यारी राष्ट्रपति शासन लगाने का कदम उठा सकते हैं.

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कौन हैं कोश्यारी ?

बता दें, भगत सिंह कोश्यारी उत्तराखंड के बागेश्वर में जन्में हैं और बीजेपी के बड़े नेताओं में उनका नाम शामिल है. उन्होंने अपना पूरा जीवन आरएसएस में स्वयंसेवक के तौर पर बिताया है. कोश्यारी ने छात्र जीवन में ही राजनीति में कदम रख दिया था. भगत सिंह कोश्यारी उत्तराखंड बनने के बाद पहली सरकार में नित्यानंद स्वामी की कैबिनेट में मंत्री बने. इसके बाद वह उत्तराखंड के दूसरे मुख्यमंत्री भी रहे हैं, मुख्यमंत्री के बाद उन्होंने साल 2007 से 2009 तक भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी संभाली. साल 2008 से 2014 तक उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद भी रहे, जबकि 2014 में हुए चुनावों में उन्हें नैनीताल लोकसभा सीट से भारी मतों से जीत मिली. उम्र दराज हो चुके भगत सिंह कोश्यारी को बीजेपी ने तकरीबन 3 महीने पहले ही महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया है.

Intro:उत्तराखंड के भगत दा तय करेंगे क्या होगा महाराष्ट्र में ---या लगेगा राष्ट्रीपति शासन

महाराष्ट्र में पल-पल बदल रहे सियासी समीकरणों के बीच उत्तराखंड के बेटे और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की भूमिका बेहद अहम हो गई है देर शाम तक अगर कोई भी पार्टी बहुमत साबित नहीं कर पाती है तो भगत सिंह कोश्यारी के हाथ में होगा कि महाराष्ट्र में क्या कर रहा है उत्तराखंड राजनीति में बड़ा नाम रखने वाले भगत सिंह कोश्यारी ही तय करेंगे अब महाराष्ट्र किसके हाथों में होगा Body:सबसे पहले महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भगत सिंह कोश्यारी ने भारतीय जनता पार्टी को आमंत्रित किया था लेकिन 145 विधायकों का समर्थन ना होने की वजह से बीजेपी सरकार बनाने से चूक गई इसके बाद शिवसेना ने भी महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से कल देर शाम मुलाकात की अब महाराष्ट्र के गवर्नर ने महाराष्ट्र की सबसे बड़ी तीसरी पार्टी बनी एनसीपी को सरकार बनाने का आमंत्रण दिया है ऐसे में अगर एनसीपी भी सरकार नहीं बना पाती है तो हो सकता है कि महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक के बीच भगत सिंह कोश्यारी राष्ट्रपति शासन लगाने का कदम उठा सकते हैंConclusion:आपको बता दें कि भगत सिंह कोश्यारी उत्तराखंड के बागेश्वर में जन्मे है और बीजेपी के बड़े नेताओं में उनका नाम आता है उन्होंने अपना पूरा जीवन r.s.s. में स्वयंसेवक के तौर पर बिताया है जबकि कोशियारी छात्र जीवन से ही राजनीति में कदम रख चुके थे भगत सिंह कोश्यारी उत्तराखंड बनने के बाद पहली सरकार में नित्यानंद स्वामी की कैबिनेट में मंत्री बने थे इसके बाद वह उत्तराखंड के दूसरे मुख्यमंत्री भी रहे हैं मुख्यमंत्री के बाद उन्होंने साल 2007 से 2009 तक भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी संभाली है 2008 से 2014 तक उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद भी रहे हैं जबकि 2014 में हुए चुनावों में उन्हें नैनीताल लोकसभा सीट से भारी मतों से जीत मिली थी उम्र दराज हो चुके भगत सिंह कोश्यारी को बीजेपी ने तकरीबन 3 महीने पहले ही महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया था
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